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Showing posts from July, 2011

बियाडा का एक नया घोटाला

बियाडा का एक नया घोटाला बिहार में एक सरकारी संस्था है बिहार राज्य औध्योगिक विकास निगम । इस संस्था ने १९७४ में स्कुटर इंडिया लिमिटेड के सहयोग से फ़तुहा में बियाडा की जमीन पर स्कुटर बनाने का एक कारखाना बिहार स्कुटर लिमिटेड (बीएसएल) के नाम से लगाया । तकरीबन २६, ८६ एकड जमीन इसे आवंटित की गई। १०, ६६ करोड का प्रोजेक्ट था। यह कारखाना १९८४ में बंद हो गया . बाद में बीएसाईडीसी ने स्कुटर कंपनी को पुन: शुरु करने के उद्देश्य से फ़र्गुसन एंड कंपनी नाम के एक चार्टड एकाउंटेंट फ़र्म से उक्त कंपनी का आंकलन कराया। फ़र्गुसन एंड कंपनी ने ९, ७३ करोड कीमत लगाई। लेकिन बियाडा ने वर्ष २००७ में जमीन का आवंटन रद्द कर दिया यह कहकर की बीएसाअईडीसी ने ५९, ९३ हजार रुपये नही चुकाये हैं। बाद में यह जमीन सोनालिका ट्रैक्टर के मालिक एल डी मित्तल को मात्र एक करोड साठ लाख रुपये में दे दी गई। यानी दस करोद की जमीन डे्ढ करोड में । आज वहां सोनालिका का गोदाम है । यह है नीतीश का विकास । बियाडा द्वारा आवंटित जमीनों को फ़ैक्टरी या उद्योग के लिये न दे कर गोदाम, शिक्षण संस्थान और माल तक के लिये दे दिया गया । अभी इससे भी बडा एक घोटाले का खु

बेशर्मी मोर्चा

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बेशर्मी मोर्चा उपभोक्तावाद का प्रदर्शन स्लट वाक की तर्ज पर दि ल्ली मे एक बेशर्मी मोर्चा आज निकाला गया । बेशर्मी मोर्चा की मुख्य आयोजनकर्ता 19 वर्षीय उमंग सबरबाल नामक एक लडकी हैं। यह मोर्चा टोरंटो के स्लट वाक की तर्ज पर निकाला गया था। स्लट का शाब्दिक अर्थ है अनेक मर्दों के साथ सेक्स करने वाली महिला । दुसरा अर्थ है आलसी या बेतरतीब तरीके से रहनेवाली महिला । भारत में हो रहे बेशर्मी मोर्चा को एक अलग अर्थ देने के लिए महिलाओं से जुडे छेडखानी, बलात्कार , यौन शोषण जैसे मुद्दे को शामिल किया गया है। स्लट वाक की शुरुआत कनाडा के टोरंटो से हुई थी और उसका सिर्फ़ यह कारण था कि एक पुलिस अधिकारी ने लडकियों द्वारा कामोतजना पैदा करनेवाले छोटे कपडे पहनने पर टिपण्णी की थी कि लडकियों को छेडखानी से बचने के लिए स्लट जैसे कपडे पहनने से बचना चाहिये । दिल्ली मे आज हुये बेशर्मी मोर्चा को पर्दानशीन मोर्चा कहना ज्यादा उचित है । दिल्ली के मोर्चे में शामिल लडकियों ने बहुत हीं शालीन कपडे पहने थें। जिंस , टी शर्ट , शलवार समीज , या टाप । टोरंटो मे हुये मोर्चा में शामिल महिलाएं अपने वक्ष को दिखा रही थीं , यह बहुत बडा अंतर

'धर्म बदल कर शादी कर सकते हैं रिश्ते के हिंदू भाई-बहन'

नई दिल्ली।। दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा है कि रिश्ते में भाई-बहन लगने वाले हिंदू युवक-युवती ईसाई धर्म अपनाकर आपस में शादी कर सकते हैं। अदालत ने यह फैसला देते हुए एक रिटायर्ड जज की याचिका खारिज कर दी। रिटायर्ड जज ने अपने मैजिस्ट्रेट बेटे के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिसने धर्म बदलने के बाद अपने मामा की बेटी से शादी कर ली थी। जस्टिस सुरेश कैत ने शादी की वैधता को कायम रखते हुए कहा, 'प्रतिवादियों (दंपती) का धर्म परिवर्तन भारतीय ईसाई विवाह अधिनियम की धारा तीन के तहत उचित है। इसलिए इनकी शादी ऐसे संबंध के तहत नहीं आती, जो हिंदू विवाह अधिनियम के तहत प्रतिबंधित है।' अपने बेटे के खिलाफ मामला दर्ज कराने पर पिता को फटकार लगाते हुए अदालत ने कहा, 'इस तरह की सोच नई पीढ़ी की व्यापक सोच को खत्म करती है और कई बार इसका नतीजा झूठी शान के लिए की जाने वाली हत्याओं के रूप में दिखता है।' अदालत ने याचिकाकर्ता ओ पी गोगने पर 'विचार न करने योग्य मामला' दर्ज करने पर 10,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया। टिप्पणी के साथ अपना ई मेल दे जिस पर हम आपको जवाब दे सकें

नव भारत टाइम्स या पोर्न मैगजिन

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नव भारत टाइम्स या पोर्न मैगजिन नवभारत टाइम्स बेनेट एंड कोलमैन कंपनी का प्रकाशन है जिसका प्रकाशन टाइम्स आफ़ ईंडिया भी है । कभी स्तरीय प्रकाशन के लिये नवभारत टाइम्स का उदाहरण दिया जाता था लेकिन समय के साथ बढते बाजारवाद ने एक दुसरे से आगे निकलने की होड में अच्छे प्रतिष्ठानों को भी मजबुर कर दिया वह सबकुच करने के लिये जिसकी कलतक वो आलोचना करते थें । यहां हम नवभारत टाइम्स के वेब पोर्टल पर प्रकाशित कुछ तस्वीरें दिखा रहे हैं जिनके विषय में अगर यह नही बताया जाय कि यह नवभारत टाइम्स के द्वारा प्रकाशित की गई है तो कोई भी इन तस्वीरों को किसी पोर्न मैगजिन पर प्रकाशित हुआ समझ लेगा।

राजद उतरा जमीन माफ़ियाओं के पक्ष में

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राजद उतरा जमीन माफ़ियाओं के पक्ष में एक तरह लालू यादव ने मौन तोडते हुये नीतीश के खिलाफ़ ्जनता के बीच जाने और ्जनता से यह पुछने की घोषणा की है कि उनका कसूर क्या है , वहीं दुसरी और उनके दल के विधान परिषद में सदस्य और विपक्ष के नेता गुलाम गौस ने गया में भू माफ़ियाओं के पक्ष में आंदोलन चलाने का एलान किया है । गया नगर के लिये जीवनदायिनी का काम करती है फ़ाल्गू नदी । यह नदी गया शहर के दक्षिण दिशा से होती हुई पुनपुन तक जाती है । फ़ाल्गू एक बरसाती नदी है सिर्फ़ बरसात में हीं इस नदी में पानी रहता है बाकी दिनों यह सुखी रहती है पहले यह गंगा में मिलती थी , बाद में पुनपुन के आगे भू अतिक्रमण के कारण इसका मार्ग अवरुद्ध हो गया और यही कारण है कि जब बरसात में तेज बारिश होती है तो पटना –गया मार्ग जिसके किनारे-किनारे यह नदी गुजरती है उस सडक के उपर तक पानी आ जाता है । गया शहर से पटना जाने के लिए सडक है उसी सडक पर पंचायती अखाडा नामक मुहल्ला है । पंचायती अखाडा से आगे बढने पर रेलवे की ट्रेन गुजरने के लिये रेल लाईन का पुल है । उसके बाद एक जगह है जिसे एकबाल नगर कहते हैं पंचायती अखाडा क्षेत्र में हीं फ़ाल्गू के तट पर अत

टाइम्स आफ़ इण्डिया, पटना के कर्मचारी पन्द्रह दिन से धरने पर

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टाइम्स आफ़ इण्डिया, पटना के कर्मचारी पन्द्रह दिन से धरने पर टाइम्स ऑफ़ इण्डिया, पटना संस्करण १५ जुलाई २०११ को कुम्हरार स्थित टाइम्स समूह के प्रिंटिग प्रेस में ही छपा था लेकिन १६ जुलाई २०११ का टाइम्स ऑफ़ इण्डिया टाइम्स हाउस के अपने प्रिंटिंग प्रेस की बजाय प्रभात खबर के प्रिंटिंग प्रेस से क्यों छपने लगा...? अख़बार समूह ने प्रिंटिंग प्रेस बंद करने की इजाजत बिहार सरकार से क्यों नहीं ली...? एक लोकतान्त्रिक राष्ट्र में कॉरपोरेट सेक्टर के सभी कार्य राष्ट्रीय कानून के तहत निर्धारित होते हैं लेकिन टाइम्स ऑफ़ इण्डिया प्रबंधन ने अपने कार्यरत कर्मचारियों को कोई सूचना दिए बिना अचानक सेवामुक्त करने का अधिकार कहाँ से प्राप्त कर लिया..? क्या मनिसाना आयोग का बकाया वेतन देने और भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित वेजबोर्ड को लागू करने से पहले वेज बोर्ड के प्रेस कर्मियों को सेवा से निकाल बाहर करना मानवाधिकार का हनन नहीं है..? बिहार में सुशासन की सरकार मीडिया प्रायोजित ख़बरों पर टिकी है और वजीरे-सदर नितीश कुमार टाइम्स ऑफ़ इ ण्डिया जैसे बड़े मीडिया हाउस से अपना रिश्ता मधुर रखना चाहते हैं. टाइम्स ऑफ़ इण्डि

लालू यादव: मेरा कसूर क्या है

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लालू यादव: मेरा कसूर क्या है लालू यादव ने अपना मौन तोड दिया है । उन्होनें जनता के बीच जाने और यह पुछने का निर्णय लिया है कि उनका कसूर क्या है । विधानसभा चुनाव में पराजय के बाद छह माह तक सरकार के खिलाफ़ कुछ भी नही बोलने का प्रण लिया था वह छह माह समाप्त हो गया । मुझे लगा था शायद उन छह माह में लालू यादव ने आत्म मंथन किया होगा। हालांकि यह सत्य है कि विधानसभा के अविश्वसनीय नतीजों का और भी कारण था । ई वी एम में गडबडी की गई थी । बडे पैमाने पर तकनीक का फ़ायदा उठाकर वोटों की चोरी की गई लेकिन इसके साथ यह भी सत्य है कि लोगों के जेहन से राजद के अंतिम सात साल के आतंक की यादाश्त खत्म नही हुई थी । सुशील मोदी तो राजद के पन्द्रह साल के शासन को हीं खराब शासन मानते हैं जबकि उन पन्द्रह सालों के दरम्यान विकास पुरुष भी तकरीबन सात सालों तक राजद के अंग थें। खैर अभी चर्चा लालू जी के प्रश्न की हो रही है । सबसे पहले तो लालू यादव को याद रखना चाहिये की चुनाव के पूर्व जगह- जगह सभा करके उन्होनें कहा था “अब लालू भी बदल गया है और राजद भी “जनता को लगा शायद अब किसी अपराधी को राजद टिकट नही देगा लेकिन जब टिकट पानेवालों की

जज पी डी दिनाकरन ने इस्तीफ़ा दिया

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। सिक्किम उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पी डी दिनाकरन ने इस्तीफा दे दिया है। वह भ्रष्टाचार और न्यायिक कदाचार के आरोपों के कारण महाभियोग का सामना कर रहे हैं। राष्ट्रपति प्रतिभा देवीसिंह पाटील को भेजे दो पृष्ठ के इस्तीफे में उन्होंने कहा कि न्यायाधीच्चों की जांच समिति ने उन्हें अपना और अपनी प्रतिष्ठा का बचाव करने का पूरा मौका नहीं दिया। न्यायमूर्ति दिनाकरन ने कहा कि उन्हें लगता है कि सामाजिक रूप से दबे-कुचले और वंचित वर्ग में जन्म लेने के कारण उनके साथ ऐसा हो रहा है। महाभियोग की कार्रवाई का सामना कर रहे वह उच्च न्यायपालिका के तीसरे न्यायाधीच्च हैं। ९० के दशक में उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीच्च वी रामास्वामी के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव लोकसभा में गिर गया था, जबकि कोलकाता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश सौमित्र सेन के विरूद्ध राज्यसभा के सभापति द्वारा नियुक्त तीन सदस्यों की समिति की जांच रिपोर्ट अभी लंबित है। दिनाकरन ने अभियोग लगाया है कि वे देश की न्यायिक व्यवस्था तथा राजनीति के शिकार हुये हैं। दिनाकरन की बातों को हल्के में नही लिया जा सकता । देश की सर्वोच्चय अदालत में अक्षम न्यायाधीश भरे

बच्चों के हाथ में हथियार

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आदिवासियों के बीच आपसी संघर्ष , मवेशी चोरी की घटनायें और इथोपिया तथा सूडान के साथ सीमा विवाद ने केन्या के मासूम बच्चों के हाथों में हथियार थमा दिया है । केन्या के कुछ हिस्से भयानक हिंसा से त्रस्त है । भयंकर अकाल का सामना कर रहे अफ़्रीका के देश आपस में हीं संघर्ष रत हैं। अपने और अपने परिवार की रक्षा के लिये हमेशा ्हथियार लेकर चलना इनकी मजबूरी हो गई है । यहां हम वह विडियों दे रहे हैं जिसको देखकर अंदाज हो जायेगा कि उनकी जिंदगी क्या है

मिश्र का आंदोलन कट्टरपंथियों के हाथ में

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मिश्र का आंदोलन कट्टरपंथियों के हाथ में जैसी की आशंका थी , मिश्र के आंदोलन पर कट्टरपंथिंयो ने कब्जा जमाना शुरु कर दिया है । इस्लामिक कानून संविधान से उपर है की तख्ती लिए कट्टरपंथी कल शुक्रवार को काहिरा के ताहिर स्क्वायर  पर आयोजित विरोध मार्च में मौजूद थें। कट्टरपंथी जमात का नेतर्‍त्व मुस्लिम ब्रदरहुड तथा सलाफ़िस्त कर रहे हैं। हालांकि उदारवादी युवा संगठनों ने विरोध करते हुए खुद को मार्च से अलग रखा। मुस्लिम ब्रदरहुड  दुनिया की सबसे पुराना इस्लामिक संगठन है जिसकी स्थापना वर्ष १९२८ में मिस्त्र में इस्लामिक विद्वान हसन अल बना द्वारा की गई  थी। इस संगठन का उद्देश्य दुनिया में इस्लामिक शासन की स्थापना है । हालांकि खुले तौर पर यह संगठन हिंसा के खिलाफ़ होने का दावा करता है ।   ओसामा बिन लादेन भी पहले इस संगठन से प्रभावित था लेकिन हिंसा के रास्ते परिवर्तन लाने की सनक के कारण  बाद में इसका आलोचक बन बैठा। यह संगठन पुरी दुनिया में इस्लाम का प्रचार करने,  स्कुल कालेज खोलने,  यहां तक की व्यवसाय करने का भी काम करता है । बहुतायत अरब मुल्को में यह संगठन या इससे जुडे संगठन प्रमुख विपक्षी दल है। मिस्त्

मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा बने विद्रोही, नही देगें त्यागपत्र

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मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा बने विद्रोही कर्नाटक के मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने त्यागपत्र देने से ईंकार कर दिया है । पहले उन्होने आश्वासन दिया था कि ३१ जूलाई तक पद त्याग देंगें। येदियुरप्पा ने पार्टी के १२० मे से ७३ विधायको के समर्थन का दावा किया है । उन्होने लोकायुक्त की रिपोर्ट की विश्वसनियता पर भी सवाल खडे किए। भाजपा के सांसद सांसद डीबी चन्द्रे रेड्डी ने भी येदियुरप्पा के पक्ष में दलील दी कि वे पार्टी आलाकमान को समझाने का प्रयास करेंगें की लोकायुक्त के रिपोर्ट के आधार पर त्यागपत्र मांगना उचित नही है क्योंकि लोकायुक्त ने किसी भी अभियोगी को अपना पक्ष रखने का मौका नही दिया। येदियुरप्पा को ७३ विधायक, २१ विधान पार्षद और १५ सांसद का समर्थन प्राप्त है। हालात को बिगडते देख भाजपा के अरुण जेटली तथा राजनाथ सिंह येदियुरप्पा के निवास पर गए हैं। त्यागपत्र नही देने की स्थिति में भाजपा येदियुरप्पा को पार्टी से निष्कासित भी कर सकती है । अगर येदियुरप्पा का कथन सही है कि लोकायुक्त संतोष हेगडे ने अभियोगियों को अपना पक्ष रखने का मौका नही दिया तो निश्चित रुप से यह नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत के खिलाफ़ है

आर्यन टीवी पर बरपा नीतीश का कहर

बिहार में अघोषित आपातकाल पाटलिपुत्रा बिल्डर्स के यहां निगरानी का छापा जमीन घोटाले का समाचार दिखाने का बदला आर्यन टीवी पाटलिपुत्रा ग्रुप का है । आर्यन टीवी के अनिल सिंह पहले नीतीश के खासमखास थें बाद में दोनो के बीच दुरी बढती गई , विग्यापन मिलना कम हो गया । नीतीश को भी छोटे चैनलों की दरकार नही रही । जब बडे चैनल और पत्रकार पिकदान लेकर घुम रहे हों तो आर्यन जैसे को कौन घास डालेगा। अनिल सिंह यह नही समझ पायें की अब छोटे चैनलों को मिलाने की जगह पत्रकारों के सिंडिकेट को हीं मिलाने का रिवाज शुरु हो चुका है । एक बडे पत्रकार को सेट कर दो वह अपने ग्रुप के सब पत्रकारों को लामबंद कर देगा और सब एक स्वर में हुआं- हुआं बोलेंगें। अनिल सिंह ने बियाडा जमीन घोटाला आवंटन पर समाचार दिखाना शुरु किया । नीतीश के अहंम को चोट पहुंची , परिणाम सामने है , आज अनिल सिंह जो पाटलिपुत्रा बिल्डर्स के प्रबंध निदेशक है तथा आर्यन टीवी के भी मालिक हैं, उनके पटना के फ़्रेजर रोड स्थित महाराजा कमप्लेक्स में पाटलिपुत्रा के कार्यालय में निगरानी विभाग ने छापा मा रा। उसी कमप्लेक्स में आर्यन टीवी का भी कार्या

नीतीश कुमार ने येदियुरप्पा के हटाने के निर्णय का स्वागत किया

नीतीश कुमार ने येदियुरप्पा के हटाने के निर्णय का स्वागत किया खुद कब देंगें त्यागपत्र ? नीतीश ने अपने बयान में कहा है कि अवैध खनन के मामले में लोकायुक्त की रिपोर्ट आने के बाद त्यागपत्र अनिवार्य हो गया था। लोकायुक्त की रिपोर्ट पर येदियुरपा हटे यह तो अच्छी बात हैं लेकिन बियाडा जमीन आवंटल घोटाले की जांच न हो यह क्या है ? नीतीश जी आपकी किस्मत अच्छी है , सवर्णों को लालू के राज की याद दिला – दिलाकर बार – बार काठ की हांडी पर स्वादिष्ट खिचडी पका रहे हैं। आजादी के बाद का सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार आपके शासनकाल में है। टिप्पणी के साथ अपना ई मेल दे जिस पर हम आपको जवाब दे सकें

लालू का करोडो डकार गये श्याम रजक

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लालू का करोडो डकार गये श्याम रजक बिहार के तेजतर्रार नेताओं में श्याम रजक की गिनती होती है । लालू के अत्यंत करीबी रहें श्याम रजक ने लालू के शासनकाल में सता का भरपुर आनंद उठाया और अच्छी खासी दौलत भी कमाई। लालू की सता समाप्त होने के बाद मौका देखकर श्याम रजक जदयू में शामिल हो गयें। शामिल होने का कारण सिर्फ़ सता का मजा नही था बल्कि वह पैसा भी था , जो श्याम रजक के पास राजद का पडा हुआ था। हर दल अपने कुछ खास लोगों को नाजायज रकम रखने की जिम्मेवारी सौपता है , राजद के खास लोगों में श्याम रजक भी थें। तकरीबन दो सौ करोड रुपये उनके पास राजद का था। यह पैसा चुनाव के दरम्यान खर्च किया जाता है । सता से बाहर राजद के लिये आनेवाला दिन कष्टदायक है, ईसका तो अंदाज श्याम रजक को हो गया था। उन्होनें देखा कि अगर अभी नही खिसकते हैं तो रकम खर्च करनी पडेगी । उन्होनें मौके का फ़ायदा उठाया और राजद को अलविदा कह दिया । श्याम रजक नई तकनीक से जुडे हुये हैं। इनका अपना वेबसाईट है जिसपर इनके बारे में सिर्फ़ प्रशंसा हीं नजर आयेगी । इनका राजनीतिक जिवन भी संघर्षशील रहा है । छात्र आंदोलन से भी जुडे रहे हैं , पूर्व प्रधानमंत्री चंद्र

कल जदयू में शामिल होंगे शकील अहमद खान

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कल जदयू में शामिल होंगे शकील अहमद खान अपने प्रभाव क्षेत्र से बुलवाया समर्थको को राजद के कुछ छुटभैये भी हो सकते हैं शामिल मंत्रीपद की आस शकील अहमद के राजद राजद छोड्ने के साथ हीं सभी को यह अंदाज हो गया था कि उनका अगला ठिकाना जदयू है । कल २९ जुलाई को शकील अहमद के जदयू में शामिल होने की पुरी संभावना है । बिहार मीडिया ने २ २ जुलाई को “ लालू को झटका, शकील अहमद ने राजद से नाता तोडा “ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था तथा संभावना जताई थी कि शकील अहमद के सहारे बिंदी यादव जो कभी गया के आतंक रह चुके हैं , वह भी जदयू में शामिल होना चाहते हैं , वह बात सत्य होने जा रही है । बिंदी यादव फ़िलहाल नक्सलियों को हथियार सप्लाई करने के आरोप में जेल में बंद है । शकील अहमद खान के समर्थकों को ले जाने और भीड जुटाने की जिम्मेवारी बिंदी यादव के भाई शीतल यादव संभाले हुए हैं । बस और गाडियों की व्यवस्था से लेकर दारु-मुर्गा का जिम्मा भी उनका है । शीतल यादव अभी गया जिला परिषद के अध्यक्ष हैं। पूर्व में बिंदी यादव भी जिला परिषद के अध्यक्ष रह चुके हैं। बिंदी यादव की पत्नी मनोरमा देवी स्थानीय निकाय से विधान पार्षद रह चुक

लालू ने किया शंखनाद ; खोलेंगे पोल नीतीश की

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राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने बुधवार को कहा कि नीतीश कुमार सरकार का छह महीने तक विरोध न करने का उनका व्रत समाप्त हो गया है और अब वह बिहार के गांवों का दौराकर वर्तमान सरकार की पोल खोलेंगे। पटना में पार्टी के कार्यकर्ता सम्मेलन के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए लालू ने कहा, नीतीश कुमार के विधानसभा चुनाव में जीतने के बाद मैंने कहा था कि छह माह तक मैं उनका कोई विरोध नहीं करूंगा। यही कारण है कि मैं दिल्ली में रह रहा था। अब छह महीने से ज्यादा का समय बीत गया है। उन्होंने कहा कि इस दौरान यह भ्रम भी फैलाया गया कि वह मंत्री पद पाने के लिए दिल्ली में बैठे हुए हैं। उन्होंने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) पर आरोप लगाया कि वह षडयंत्र कर अन्य पार्टियों के नेताओं पर डोरे डाल रहा है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि किसी के जाने से किसी पार्टी का वजूद समाप्त नहीं होता। प्रसाद ने नीतीश कुमार को अहंकार में डूबे होने की बात कहते हुए कहा कि वर्तमान सरकार में घोटाले ही घोटाले हैं। उन्होंने नीतीश पर बिहार राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बियाडा) की जमीन को औने-पौने दाम में अपने चहेतों को देने

बाबा रामदेव की मल्लिका बनना चाहती है राखी सावंत

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बाबा रामदेव की मल्लिका बनना चाहती है राखी सावंत बिंदास शब्द अगर किसी पर सबसे ज्यादा सटीक बैठता है तो वह हैं राखी सावंत । कभी राहुल गांधी के दिल की रानी बनने का ख्वाब संजोये राखी का मन अब बदल गया है । अब वह राहुल से शादी नही करना चाहती हैं और उसका कारण है बताती हैं सोनिया गांधी को । राखी को लगता है कि सोनिया से उनकी नही पटेगी । दिल्ली एक कार्यक्रम में भाग लेने पहुंची राखी से यह पुछने पर की वो कब शादी कर रही हैं , हाजिर जवाब राखी ने पलटकर जवाब दिया जब बाबा रामदेव तैयार हो जायें। राखी ने आगे जड दिया की वह बाबा रमदेव से काफ़ी प्रभावित हैं और उनके हां का ईंतजार कर रही हैं बाबा तो वो औरों के लिए होंगे मेरे लिए तो स्वामी हैं । सौदा बुरा भी नही है । राखी को बैठे-बैठे अरबो का ताज मिल जायेगा और रामदेव को एक बिंदास जुझारु बीबी । एक बार शादी हो जाये बस जहां दिग्गी ने कुछ बोला रामदेव के खिलाफ़ उन्हें धोती , पाजाम खोलकर भागना पडेगा। बाबा के शिषयों में भी ईजाफ़ा होगा । टिप्पणी के साथ अपना ई मेल दे जिस पर हम आपको जवाब दे सकें

अनूप मुखर्जी , यह आपातकाल नही है

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अनूप मुखर्जी , यह आपातकाल नही है किसके दबाव में दी रिपोर्ट बिहार के औद्योगिक विकास के लिए स्थापित संस्था बियाडा के द्वारा मनमाने तरीके से मंत्रियों , अफ़सरशाहों और सता के नजदीक रहनेवालों को बाजार भाव से बहुत हीं कम दर पर जमीन दी गई । जिन्हें जमीन की इस लूट से फ़ायदा हुआ उनमें मंत्री परवीन अमानुल्लाह जिनकेपति अफ़जल अमानुल्लाह एक नौकरशाह हैं की बेटी फ़ातिमा, पूर्व महाधिवक्ता पी के शाही की पुत्री उर्वशी , कभी चारा घोटाला के अभियुक्त रहे बाहुबली सांसद जगदीश शर्मा के पुत्र राहुल तथा अन्य अफ़सरों और नेताओं के बाल बच्चे शामिल है । शिक्षा माफ़ियों को भी जमीन का आवंटन हुआ है । इस पुरे घोटाले का पर्दाफ़ाश जगदीश शर्मा के एक नजदीकी ने किया , उसने महुआ चैनल को सबसे पहले इसकी खबर दी। बाद में यह खबर नेट पर प्रकाशित की गई। विपक्ष द्वारा भी विधान सभा में हंगामा हुआ। नीतीश ने मामले को टरकाने के उद्देश्य से अपने एक नौकरशाह मुख्य सचिव अनूप मुखर्जी को जांच का जिम्मा दिया । अनूप मुखर्जी ने अपनी रिपोर्ट में न सिर्फ़ घोटालेबाजों को क्लीन चीट दे दी बल्कि छुपी हुई धमकी भी अपने रिपोर्ट में मीडिया को दी और लिखा की राज्य

एन बी सी सी के डीजीएम के यहां सीबीआई का छापा

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एन बी सी सी के डीजीएम के यहां सीबीआई का छापा राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम के खगडिया में पदस्थापित डीजीएम के पटना स्थित एजी कालोनी निवास पर सीबीआई ने आज छापेमारी की । छापेमारी में बहुत सारे दस्तावेज बरामद हुआ है । अभी छापेमारी की कार्रवाई जारी है । एनबीसीसी ने बिहार में बहुत सारे काम का ठेका लिया है । बीएसएनएल , एन टी पी सी, इंदिरा गांधी आयुर्विग्यान संस्थान , पटना एयरपोर्ट तथा पीएमजीएसवाई प्रमुख है । एन टी पी सी का तकरीबन एक सौ पचपन करोड से अधिक का ठेका एन बी सी सी के पास है । वैसे इस संस्थान की पुरी जांच जरुरी है । एन बी सी सी में दिल्ली से लेकर जहां प्रोजेक्ट चल रहा है , वहां तक भ्रष्टाचार भरा हुआ है । बिहार मीडिया ने एन बी सी सी के दिल्ली स्थित कार्यालय के फ़ोन न० ०११- २४३६७३१४ पर बात करने का प्रयास किया परन्तु छापे के संबंध मंद पुछे जाने पर फ़ोन काट दिया गया तथा लगातार फ़ोन लगाते रहने पर भी किसी ने नही उठाया । टिप्पणी के साथ अपना ई मेल दे जिस पर हम आपको जवाब दे सकें

नीतीश कुमार की बेशर्मी : होश में रहते गडबड नही होगी

जरुरतमंदों को नही मिळी जमीन ईतिहास थूकेगा नीतीश पर बियाडा जमीन आवंटन घोटाले पर मुख्यमंत्री द्वारा एक जांच कमेटी बनाई बनाई गई थी और बिहार के मुख्य सचिव अनुप मुखर्जी को जांच का जिम्मा दिया गया था। उन्होने कल २५ जूलाई को क्लीन चीट दे दी , कोई अनियमितता नही पाई जमीन आवंटन में। सरकार के अधिकारी को हिम्मत भी कहां है कि अनियमितता रहते हुये भी बता दे। इस घोटाले के बाद नीतीश कुमार का एक बयान आया जब तक होश - हवास में हूं गडबडी नही होगी। रिपोर्ट क्या आयेगी हम सभी को मालूम था । रिपोर्ट आने के एक दिन पहले हीं , बिहार मीडिया के कार्यालय में बैठे एक पत्रकार ने संपादक को बताया था कि क्लीन चीट मिल गई है । अनुप मुखर्जी ने कहा है कि आवंटन नियमानूकुल हुआ है । ए राजा ने भी यही बात टूजी घोटाले में कही है । सर्वप्रथम तो यह जान लेना जरुरी है कि कोई भी भ्रष्टाचार पुरी तरह नियम की आड में हीं होता है बल्कि जिन मामलों में भ्रष्टाचार की बात होती है , वहां नियम के पालन का दिखावा कुछ ज्यादा हीं होता है ताकि कानून की नजर से बचा जा सके । बियाडा घोटाला का मुद्दा यह नही है कि नियम का पालन हुआ या नही । मुद्दा यह है कि मं

जबरदस्ती शादी के लिए बाध्य की गई आतंकवादियों की पत्नियों का क्या होगा

जबरदस्ती शादी के लिए बाध्य की गई आतंकवादियों की पत्नियों का क्या होगा अभी इराक के एक न्यायाल द्वारा अल कायदा के मारे गए दो आतंकवादियों की पत्नियों को आतंकवाद भडकाने के आरोप में दी गई लंबी सजा ने एक नया विवाद पैदा कर दिया है । आतंकवादियों की सजायाफ़्ता पत्नियों का कहना है कि उनके साथ आतंकवादियों ने जबरदस्ती शादी की । कुछ का तो यह भी कहना है कि उनके साथ रेप किया गया और फ़िर शादी के लिए बाध्य किया गया । आतंकवादियों की पत्नियों की बात को नकारा नही जा सकता ऐसी स्थिति में यह विवाद उठना जायज है कि आखिर उनका दोष क्या है , वे तो खुद आतंकवाद की शिकार हैं। टिप्पणी के साथ अपना ई मेल दे जिस पर हम आपको जवाब दे सकें

नेमी शरण मित्तल का निधन

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जाने-माने पत्रकार और स्वाधीनता सेनानी नेमी शरण मित्तल का आज सुबह भरतपुर में निधन हो गया। वे ८५ वर्ष के थे। उन्होंने हिन्दुस्ता न, कादम्बिनी और नवभारत टाइम्स जैसे पत्र-पत्रिकाओं में सम्पादन कार्य किया। आकाशवाणी के विभिन्न कार्यक्रमों से भी लम्बे समय तक जुड़े रहे। ग्रीक , रोमन और भारतीय देवी देवताओं पर लिखी हुई स्व० मित्तल की पुस्तकें संकलन योग्य हैं। उनका अंतिम संस्कार आज शाम भरतपुर में किया जाएगा। टिप्पणी के साथ अपना ई मेल दे जिस पर हम आपको जवाब दे सकें

अपराध के साक्ष्य छुपाने के लिए राजदीप सरदेसाई पर कार्रवाई क्यों नहीं

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राजदीप सरदेसाई को कभी ईमानदार पत्रकार माना जाता था । एडीटर्स गिल्ड के सर्वसम्मत अध्यक्ष चुने जानेवाले ये पहले टीवी संपादक थें , कारण था इनकी विश्वसनियता लेकिन बरखा के बचाव और बिहार विधानसभा चुनाव के दरम्यान नीतीश कुमार के पक्ष में मीडिया को मैनेज करने के कारण इनकी उस विश्वसनियता पर धब्बा लगा था। टूजी घोटाले मे बरखा के रोल पर न तो प्रिंट मीडिया और न हीं ईलेक्ट्रोनिक मीडिया में कोई खबर प्रकाशित हुई । कैश फ़ोर वोट मामले में भाजपा के सांसदों को जब खरीदने का प्रयास हुआ तो उसका राजनीतिक लाभ लेने के लिए भाजपा ने स्टिंग आपरेशन की योजना बनाई , उक्त स्टिंग आपरेशन के लिए कौन सा चैनल विश्वसनीय होगा इस पर विचार करने के बाद आई बी एन को यह काम सौपने का निर्णय भाजपा द्वारा लिया गया । राजदीप सरदेसाई पर विश्वास न करने का कोई कारण भी न था। अमर सिंह और अहमद पटेल के घर पर स्टिंग हुआ जरुर लेकिन उसे दिखाया नही गया । पत्रकारिता की हीं नहीं बल्कि प्रजातंत्र की भी हत्या राजदीप ने कर दी। खैर भाजपा ने नोटों को लोकसभा में लहराकर मनमोहन की सरकार को पुरी दुनिया के सामने नंगा कर दिया । अंदर की खबर रखनेवालों का मा

इस तरह पटना ‘हिन्दुस्तान’चुतिया बना रहा अपने पाठकों को

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लगातार हो रही है खबरें रिपीट: पटना से प्रकाशित होने वाले और खुद को बिहार में सबसे लोकप्रिय बताने वाले ‘हिन्दुस्तान’ को या तो खबरों का अकाल पड़ गया है या वह बिहार के पाठकों को चुतिया समझ लगातार वेवकूफ बना रहा है। नीचे दी गई तस्वीर सोमवार (25 जुलाई) को प्रकाशित कैमूर संस्करण अखबार का है। इस अखबार में प्रथम पृष्ठ पर ‘आक्सीजन खत्म, चार मरीजों की गई जान’ शीर्षक से मुजफ्फरपुर के एक सरकारी अस्पताल से संबंधित खबर छपी है। खबर भी रिपोर्टर की बाइलाइन है। आश्चर्य की बात तो यह है कि यही खबर इसी अखबार और इसी संस्करण के पृष्ठ संख्या 13 पर भी है जिसकस शीर्षक है ‘ऑक्सीजन खत्म चार रोगी मरे’ आश्चर्य की बात तो यह है कि एक ही दिन, एक ही खबर दो जगह छपी और दोनों में बाइलाइन है। ऐसा नहीं कि इस खबर का रिपीटेशन किसी एक संस्करण में हुआ हो। हिन्दुस्तान के उत्तर बिहार संस्करण में भी यही माजरा है। सनद रहे कि हिन्दुस्तान का पेज बनने के बाद उसे प्रोवेंशियल डेस्क इंचार्ज अवधेश प्रीत और इसके बाद संपादक भी देखते हैं पर किसी की नजर इतनी बड़ी भूल पर नहीं जाती अवधेश प्रीत ऐसे भी संपादक के करीबी और उन्हीं के स्वजातीय ह

कहानी आर्यन टीवी के निदेशक अनिल सिंह की

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दूसरे की जमीन मकान हथिया कर आज पीट रहे सच का ढिढोरा: बिहार-झारखंड में प्रसारित एक चैनल है जिसका नाम है आर्यन। इस चैनल के मालिक सह प्रबंध निदेशक हैं अनिल सिंह। पाटलिपुत्र बिल्डर सहित कई कंपनियां भी है इनके नाम से। रविवार को इन्होंने प्रमुखता से अपने चैनल पर एक न्यूज चलाया ‘नीतीश का मीडिया मंत्र।’ आधे घंटे तक प्रसारित होने वाले इस समाचार में नीतीश और उनकी सरकार की जमकर बखिया उधेड़ी गई पर इस न्यूज को क्यों चलाया गया और कलतक नीतीश के करीबी माने जानेवाले अनिल सिंह को अचानक नीतीश का मीडिया मंत्र के जाप की जरुरत क्यों पड गई , यह जानने के लिये जरुरी है , पहले यह जानना कि चैनल के मालिक अनील सिंह की हकीकत क्या है, अगर सरकार उसकी जांच करे तो यह जनाब कटघरे के पीछे नजर आएंगे। पटना में एक पुराने व्यवसायी हैं। उनका नाम है डी पी साबू। जयपुर के रहने वाले डीपी साबू बिहार के सबसे पुराने व्यवसायी माने जाते हैं। पटना के एक्जीविशन रोड में होटल रिपब्लिक और और लॉली सेन एंड कंपनी के नाम से डीपी साबू की महेन्द्रा की एजेंसी हुआ करती थी। लालू-राबड़ी शासन काल में दबंग नेताओं से उबे डीपी साबू ने महेन्द्रा की एजेंसी

सरिता सिंह व सतीश मिश्रा पर गिरेगी गाज

सरिता सिंह व सतीश मिश्रा पर गिरेगी गाज! हिन्दुस्तान, पटना के संपादक अकु श्रीवास्तव इन दिनों काफी बौखलाए हुए है। उन्हें जब से यह पता चला है कि गया में प्रभात खबर हिन्दुस्तान की प्रसार संख्या से मात्र साढ़े चार हजार नीचे है तब से उनकी बेचैनी और बढ़ गई है। शनिवार को गया गए हुए अकु ने वहीं से प्रोवेंशियल डेस्क पर गया का पेज देखने वाली सरिता सिंह को फोन कर हड़काया और उन्हें अन्यत्र तबादला करने की भी धमकी दी। ऐसी ही धमकी गया के माडम प्रभारी सतीश मिश्रा को भी दी गई। इधर हिन्दुस्तान में काम करने वाले हर जिले के प्रभारी और पत्रकार संपादक के उस फरमान से परेशान हैं जिस फरमान के तहत उन्हें उनके जिले से प्रतिभा सम्मान समारोह का दो हजार फार्म भरवाकर 25 जुलाई तक पटना कार्यालय को भेजने को कहा गया है। हिन्दुस्तान प्रति वर्ष ‘हिन्दुस्तान प्रतिभा सम्मान समारोह’ का आयोजन करता है। इस वर्ष यह समारोह 31 जुलाई को निर्धारित है पर अपेक्षाकृत फार्म भरने वाले छात्रों की संख्या इस वर्ष काफी कम है जबकि प्रभात खबर ने शनिवार को पटना में प्रतिभा सम्मान समारोह का सफल आयोजन कर हिन्दुस्तान को खुली चुनौती दे दी। अब जिलो में

हिंदुस्तान के गया संवाददाता सतीश मिश्रा के खिलाफ़ बी-कलासों की बैठकबाजी

बिहार के गया जिले में दो शब्द बहुत प्रचलित हैं , एक बैठकबाजी और दुसरा बीकलासी । दोनो का भावार्थ यहा पहले बता देता हूं । बैठकबाजी का अर्थ हुआ बैठे-बैठे झगडा लगाने का तरीका , किसी के बारे दुसरे का कान भरना और यह कहना कि वह तु्म्हारे विषय में गलत सोचता है , बार – बार इस तरह कान भरा जाता है कि बिना कारण दो दोस्त एक दूजे के दुश्मन बन जाते हैं। दुसरा शब्द है बीक्लासी , इसकी उत्पति जेल से हुई है , वहां वीआईपी कैदियों के लिये अलग व्यवस्था जेल मैनुअल के अनुसार है , उस श्रेणी में राजनैतिक कैदी भी आते हैं । उन्हें डीवीजन की श्रेणी में रखा जाता है , एक बडा सा हाल, रसोईया , नौकर सहित । वहां जेल के अन्य कैदी आकर बैठते हैं और गपशप करते हैं , अब वीआईपी कैदियों को कोई काम तो होता नही है , वे अपना समय गुजारने के लिये कैदियों को हीं आपस में लडाते रहते हैं , उनके बारे में अफ़वाह फ़ैलाते रहते हैं। गया हिंदुस्तान के प्रभारी सतीश मिश्रा फ़स गये गया के बैठकबाजी में । कुछ स्वनामधन्य पत्रकारों ने वहां कार्यरत शिवशंकर सिंह को सतीश मिश्रा के खिलाफ़ भडकाया और मामला इतना आगे बढा कि शिवशंकर हिंदुस्तान छोडकर प्रभात खबर ज

बियाडा घोटाला पर सरकार की लीपापोती

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बियाडा घोटाला पर सरकार की लीपापोती सुने घुस देनेवाले का बयान बियाडा घोटाला की जांच सीबीआई के बिना संभव नही बियाडा जमीन आवंटन घोटाला के संबंध में विपक्ष के हंगामे के बाद नीतीश कुमार ने प्रधान सचिव अनुप मुखर्जी को जांच का जिम्मा दिया था , सी के मिश्रा , बियाडा ने आज प्रेस कांफ़्रेस करके क्लीन चीट देते हुये कहा कि जमीन आवंटन में किसी प्रकार का घोटाला नही हुआ है औा आवंटन की सारी प्रक्रिया सही है । बिहार के गया जिले में भी बियाडा की तकरीबन ३१ एकड जमीन थी । जमीन गया – डोभी रोड पर स्थित है । जहां जमीन है , वहां जमीन डेढ करोड रुपए एकड की दर पर भी उपलब्ध नही है परन्तु उक्त जमीन मात्र ६ से दस लाख रुपए एकड के दर पे आवंटित की गई है । उक्त जमीन का आवंटन अगर विग्यापन निकालकर किया जाता तो बडी –बडी कंपनियां वहां अपना उध्योग लगाती और रोजगार के अवसर पैदा होते तथा जमीन की उचित किमत भी मिलती । उक्त ३१ एकड जमीन में से एक आदमी अवधेश कुमार को शिक्षण संस्थान खोलने के लिये चार कंपनियों के नाम पर पांच लाख चौवालिस हजार पांच सौ वर्गफ़िट जमीन का आवंटन कर दिया गया । बिहार में शिक्षा को उद्योग घोषित नही किया गया है ।

भीतर की खबर प्रभात खबर की लीड खबर बनती है

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भीतर की खबर प्रभात खबर की लीड बनती है स्कीम वाली ठगी से बढ गई प्रसार संख्या बिहार का एकमात्र अखबार प्रभात खबर है जो अपने विचित्र हरकतों और समाचारों के कारण आजकल चर्चा में है । आज २४ जूलाई को प्रभात खबर ने अपने मुख्य पेज पर खुलासा शीर्षक के तहत एक समाचार निकाला है । “साथियों का करते हैं यौन शोषण “यह समाचार कोई अनजान सी महिला माओवादी के पुलिस के समक्ष दिये गये बयान पर आधारित है , जिसमें उक्त महिला माओवादी ने अपने पुरुष सहयोगियों पर यौन शोषण का आरोप लगाया है । लोहरद्ग्गा के एस डी पी ओ रामगुलाम शर्मा के द्वारा प्रभात खबर को दी गई जानकारी इस समाचार का आधार है जिसकी सत्यता की जांच अपने स्तर पर प्रभात खबर द्वारा नही की गई है । इस तरह का यौन शोषण का आरोप पहले भी लगता रहा है और माओवादियों द्वारा महिला सहयोगियों का यौन शोषण करने से संबंधित हजारो समाचार हिंदुस्तान के सभी अखबारों में छपते रहे हैं। सबसे बडी बात यह है कि लीड खबर का अर्थ उसके छपनेवाले दिन के महत्व का होता है । एक पुलिस अधिकारी के सामने किसी गिरफ़्तार अनाम से अपराधी का बयान क्या लीड खबर बनने की अहमियत रखता है ? खासकर वैसी स्थिति में ज

शिक्षा माफ़िया अवधेश कुमार भी जमीन घोटाले में संलिप्त , बिहार जमीन आवंटन घोटाले की आग गया तक फ़ैली

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बिहार में उद्योगों के विकास के लिए दशको से अधिग्रहित जमीन को सता में आने के तत्काल बाद २००६ में नीतीश सरकार ने चुपके – चुपके अपने चाहनेवालों को बाटना शुरु कर दिया । देखते – देखते सारी जमीन सताधारी दल वालों के बीच बांट दी गई , अन्य छोटे-छोटे व्यापारियों को भी एक आध छोटा टुकडा मिला यह दिखाने के लिये की व्यापारियों को भी जमीन आवंटित की गई है । शिक्षण संस्थान चलानेवाले शिक्षा माफ़ियाओं को भी औध्योगिक क्षेत्र में जमीन का आवंटन किया गया । बियाडा के गया स्थित औध्योगिक क्षेत्र में २९ लोगों को जमीन आवंटित की गई है , उसमें से एक आदमी अवधेश कुमार जो दसों शिक्षण संस्थान संचालित करते हैं उनको पांच लाख चौवालिस हजार पांच सौ वर्ग फ़िट (५, ४४, ५०० )जमीन चार संस्थाओं के नाम पर आवंटित की गई । उसका विस्तर्त विवरण यहां दिया हुआ है । ये अवधेश कुमार शिक्षा माफ़िया माने जाते हैं , वैसे तो बिहार में व्यवसायिक पाठयक्रम चलानेवाले अधिकांश संस्थान कहने को संस्था हैं लेकिन एक आदमी हीं उनका कर्ता धर्ता होता है । नियमत: शिक्षा संस्थान को उद्योग घोषित नही किया गया है तथा सिर्फ़ गैर लाभकारी संस्था को हीं शिक्षण संस्थान खोल

जमीन घोटाले के खलनायकों में जी न्यूज के पत्रकार श्रीकांत प्रत्यूष भी

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खलनायक इसलिए नहीं कि उन्होंने पाटलिपुत्रा इडस्ट्रियल एरिया में बीस हजार स्क्वायर फीट जमीन का एलाटमेंट अपनी मीडिया कंपनी के नाम कराया. खलनायक इसलिए क्योंकि वह जी न्यूज जैसे एक बड़े न्यूज चैनल के बिहार के ब्यूरो चीफ हैं और पत्रकारिता करते हुए,न्यूज का काम देखते हुए उन्होंने सत्ता प्रतिष्ठान से इतना भारी भरकम लाभ उठाया. जमीन आवंटितो की लिस्ट श्रीकांत प्रत्यूष सन्मार्ग अखबार, बिहार की फ्रेंचाइजी भी लिए हुए हैं और इसका प्रकाशन पटना से करते हैं. वे जी न्यूज के लिए भी काम करते हैं. जाहिर है, जब एक पत्रकार एक बड़े टीवी न्यूज चैनल के एक राज्य का ब्यूरो चीफ हो और खुद एक अखबार का मालिक हो तो उसका रोल डबल हो जाता है. एक तरफ वह अपने न्यूज चैनल, जहां काम करता है, के लिए खरी-खरी खबरें खोजता है और दूसरी तरफ अपने अखबार के लिए रेवेन्यू तलाशता है. यह डबल गेम आधुनिक पत्रकारिता की ट्रेजडी है. श्रीकांत प्रत्यूष भले कहें कि वह दोनों भूमिकाओं में न्याय करते हैं लेकिन सही बात तो ये है कि वे कतई न्याय नहीं कर सकते. उनके झूठ का सबसे बड़ा उदाहरण नीतीश सरकार से इंडस्ट्रियल एरिया में लिया हुआ बीस हजार स्

कश्मीरी अलगाववादी फ़ई अमरीका में गिरफ़्तार

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कश्मीरी अलगाववादी फ़ई अमरीका में गिरफ़्तार भारत ने कहा है कि अमरीका में कश्मीरी अलगाववादी नेता गुलाम नबी फई की गिरफ्‌तारी काफी पहले हो जानी चाहिए थी। भूटान में थिम्पू में केन्द्रीय गृह सचिव आर के सिंह ने कहा कि काफी समय पहले से ही यह संदेह था कि फई को पाकिस्तानी एजेंसियों से पैसा मिल रहा है। श्री सिंह सार्क देशों के गृह मंत्रियों के सम्मेलन में भाग लेने के लिए थिम्पू गए हैं। अमरीका की संघीय जांच एजेंसी एफबीआई ने मंगलवार को फई को गिरफ्‌तार किया था। उसपर कश्मीर के बारे में अमरीकी नीति को प्रभावित करने के लिए पाकिस्तान और उसकी खुफिया एजेंसी के वास्ते अवैध रूप से लॉबिंग करने का आरोप है। खबरों में कहा गया है कि फई ने अमरीकी संसदों और राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों को पैसा दिया तथा कश्मीर पर पाकिस्तान के विचारों के बारे में सम्मेलनों और गोष्ठियों का आयोजन किया। इससे पहले भारत ने फई की गिरफ्‌तारी के बारे में यह कहते हुए टिप्पणी करने से इंकार कर दिया था कि तथ्यों से खुद ही सच्चाई सामने आ रही है। फ़ई कश्मीर घाटी के बगदाम तहसील का रहनेवाला है और १९८० से निर्वासित है । उसके दो पुत्र हैं।

एक बदतमीज कलक्टर की हरकत

एक बदतमीज कलक्टर की हरकत आजद भारत के नव जंमीदार हैं आई ए एस जो जिलाधिकारी के पद पर काम करते हैं । जनता को तो ये रोज अपमानित करते हीं हैं , पत्रकारों और समाज के अन्य प्रतिष्ठित लोगों का अपमान करने में भी ये नही हिचकते । इनका वेतन देश की जनता के पैसे से मिलता है , घूस की रकम जो ये लेते हैं , वह भी जनता का होता है , लेकिन यह बात इन्हें समझाये कौन । राजनीतिग्य तो इनको माथे पे चढा कर र्खते हैं। अभी जिनके बारे में हम बता रहे हैं वे हैं रायगढ़ के जिलाधिकारी.. इनका नाम है अमित कटारिया. सब जानते हैं कि डीएम यानि कलक्टर वे लोग बनते हैं जो आईएएस की परीक्षा में सफल हुए होते हैं. देश-दुनिया के इतिहास भूगोल समाज राजनीति को पढ़कर और अपने किसी एक खास विषय में विशेषज्ञता रखने वाले होनहार छात्र डीएम तो बन जाते हैं. ये डीएम लंबी चौड़ी ट्रेनिंग भी हासिल कर लेते हैं, पर जब असल दुनिया से उनका साबका पड़ता है तो कइयों का असली चेहरा सामने आ जाता है. पूरे जिले का मुखिया अगर किसी की बात सुनते हुए अभद्र, बदतमीज और अधीर हो जाए तो उसे आप क्या कहेंगे. क्या ऐसे व्यक्ति को जिलाधिकारी का पद दिया जाना चाहिए. घटनाक्रम रा

अबतक बिहार सांध्य दैनिक के प्रकाशन से गया में हडकंप

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अबतक बिहार सांध्य दैनिक के प्रकाशन से गया में हडकंप हिंदुस्तान, दैनिक जागरण और प्रभात खबर निपटने की स्ट्राटेजी बनाने में जुटे । पटना मुख्यालय में भी खलबली गया तथा उसके आसपास के क्षेत्रों में अबतक सांध्य दैनिक के लांच होने की खबर से हडबडी मच गई है । गया से पहली बार अबतक के नाम से केबुल टीवी लांच करने वाले चैतन्य कम्युनिकेशन ने अबतक बिहार सांध्य दैनिक लांच करने की घोषणा की है । अबतक बिहार का प्रचार भी शुरु हो गया है । बदलते परिवेश में सभी अखबार अब हर जिले का एक संस्करण निकालते हैं जिसका प्रसार क्षेत्र जिले तक हीं सिमित रहता है । अबतक बिहार ने मगध के पांच जिले , गया , जहानाबाद , अरवल, नवादा और औरंगाबाद के अतिरिक्त राजगीर, नालंदा, सासाराम , डेहरी और झारखंड के चतरा को लक्ष्य करके सांध्य दैनिक का प्रकाशन शुरु करने की योजना बनाई है । यानी तकरीबन दस जिले तक इस सांध्य दैनिक का प्रसार होगा । सांध्य दैनिक होने के कारण आज का समाचार आज शाम चार से पांच बजे तक पाठकों के पास पहुंच जायेगा । इस खबर के कारण बडे – बडे दैनिक अखबार यथा , हिंदुस्तान , दैनिक जागरण , प्रभात खबर की नींद उड गई है । इस अखबार की