राहुल बनाम सोनिया
१९९० के बाद देश की हर सरकार ने संविधान के साथ बलात्कार किया है । इस बलात्कार का मौन साक्षी बनकर विपक्ष ने भी खुद को बलात्कारी के कठघरे मे खडा कर लिया है । कांग्रेस ने बलात्कार करते करते संविधान को अपनी रखैल बनने के लिये बाध्य कर दिया । मैं किसी दुर्भावना से यह नही कह रहा हूं बल्कि इसका प्रमाण है । मुझे नही पता कितने लोगों ने संविधान की प्रसतावना को पढा है । संविधान की प्रस्तावना: " हम भारत के लोग , भारत को एक सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न , समाजवादी , पंथनिरपेक्ष , लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों को : सामाजिक , आर्थिक और राजनीतिक न्याय , विचार , अभिव्यक्ति , विश्वास , धर्म और उपासना की स्वतंत्रता , प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त करने के लिए तथा उन सबमें व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखण्डता सुनिश्चित करनेवाली बंधुता बढाने के लिए दृढ संकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में आज तारीख 26 नवंबर ,