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Showing posts from September, 2012

राहुल बनाम सोनिया

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  १९९० के बाद देश की हर सरकार ने संविधान के साथ बलात्कार किया है । इस बलात्कार का मौन साक्षी बनकर विपक्ष ने भी खुद को बलात्कारी के कठघरे मे खडा कर लिया है । कांग्रेस ने बलात्कार करते करते संविधान को अपनी रखैल बनने के लिये बाध्य कर दिया । मैं किसी दुर्भावना से यह नही कह रहा हूं बल्कि इसका प्रमाण है । मुझे नही पता कितने लोगों ने संविधान की प्रसतावना को पढा है । संविधान की प्रस्तावना:                              " हम भारत के लोग , भारत को एक सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न , समाजवादी , पंथनिरपेक्ष , लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों को :              सामाजिक , आर्थिक और राजनीतिक न्याय , विचार , अभिव्यक्ति , विश्वास , धर्म और उपासना की स्वतंत्रता , प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त करने के लिए तथा     उन सबमें व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखण्डता सुनिश्चित करनेवाली बंधुता बढाने के लिए    दृढ संकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में आज तारीख 26 नवंबर ,

आवारा कुत्तो से परेशान प्रभात खबर के पत्रकार

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आवारा कुत्तो से परेशान प्रभात खबर के पत्रकार अक्सर जब पाप और पुण्य की चर्चा होती है दार्शनिक भाव के साथ लोगों को यह कहते हुये सुना जाता है कि “ भगवान के घर मे देर है अंधेर नहीं , जो किया है उसका फ़ल यहीं भोगना पडता है “ ।यह चरितार्थ हो रहा है गया से निकलने वाले प्रभात खबर के रिपोर्टरो पर। उपर के आदेश पर सरकार के खिलाफ़ कोई समाचार नही छापना उनकी मजबूरी है। कुछेक रिपोर्टरो ने तो मुझसे यह स्वीकार किया है कि ब्लाक या अनुमंडल स्तर तक के भ्रष्टाचार के बारे मे ज्यादा लिखने की मनाही है । “ अबतक बिहार ” नामक सांध्य दैनिक के कार्यकारी संपादक के पद पर काम करने के दौरान प्रभात खबर के रिपोर्टर मेरे पास स्वंय आते थें , सांध्य दैनिक में रिपोर्टर के रुप में काम करने की प्रार्थना के साथ । गया में भ्रष्टाचार चरम स्तर पर है , अखबार इसकी रिपोर्टिंग नहीं करते । सभी जीव ईश्वर की देन हैं । कुछ जीव सदियों से इंसान के मित्र माने जाते रहे हैं , उन्हीं में से एक जीव है कुता । दुनिया के हर मुल्क में इंसान के सबसे नजदीकी कुता को माना जाता है । गांव से लेकर शहर के मुहल्लों तक में कुत्तो का अपना ग्

लगे रहो असीम भाई

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लगे रहो असीम भाई वाह वाह असीम भाई , क्या छक्का मारा है , तुमने तो मुन्ना भाई को भी मात दे दिया। क्या मजेदार कार्टून बनाया है । आप महान हो , कार्टून को एक नया आयाम दिया , यह साबित कर दिया औरत मात्र औरत होती है चाहे उसे भारत माता कहो या चंपा पान दुकान के उपरवाली , किताब तो किताब है संविधान की हो या मस्तराम की । आपका लुक भी भाई दार्शनिक जैसा है , कभी आप सुर्यकांत निराला लगते हो , कभी रविन्द्र नाथ टैगोर और कभी एम एफ़ हुसैन तो कभी मा्र्क्स । भाई आपका वह जो भारत माता वाला कार्टून है न वाकई धांसू है न जाने क्यों लोग उसपर आपति उठा रहे हैं । भाई चाहे प्रतिक हो या जिंदा मां , आखिर है तो औरत हीं न , अब अगर उसके साथ बलात्कार करनेवाला कार्टून बना दिया तो क्या गलती कर दी। लोगो का क्या ये तो पत्थर की मुर्ति को मंदिर में बैठाकर पुजा करने लगते हैं , मां – मां चिल्लाने लगते हैं। एक इमारत   बना लेते हैं और उसे मस्जिद का नाम दे देते हैं , बगैर   कारण वहां जाकर नमाज पढने लगते हैं । भाई असीम आप हीं क्रांति ला सकतो हो देश में । महामुर्ख हैं इस देश के लोग इन्हे कार्टून की समझ एकदम नही है । जर