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Showing posts from 2018

Dirty game of politics

Before, proceeding to pen down this article, I think it appropriate to explain a minor decision taken by me. Many of those acquainted through social media" Facebook" twitter "etc are bewildered my absence from social media interactive platform, few thinks, I have blocked them, few presume, I have deactivated my account, so, I want to remove all cloud of presumption. Dear friends, I decided to say good-bye and deleted my account permanently, both, of Facebook and Twitter, now I will make a post on my blog, in this direction, this one is my first blog after the decision to say goodbye to both interactive social media platform. Now come to the subject, as usual, I will post in brief, I know you people are intelligent enough to conceive what I am intended to say. Rafael deal is one and the Cbi director Alok Verma episode is another, I will deal today : In Rafael deal, it is now clear, while the exercise of Mr.Modi was just to help the Ambani  clan take a good chunk of th

सज धजकर जिस दिन मौत की शहज़ादी आएगी ,न सोना काम आएगा न चांदी आएगी

सच की आवाज : महात्मा गांधी ने कहा था चाहे सारी दुनिया तुम्हारे खिलाफ क्यो न हो जाये, तुम भले ही अकेले रह जाओ लेकिन हमेशा सच के साथ खड़ा रहना । even if you remain alone but stand with the truth . हम एक निर्धारित जीवन लेकर आते हैं, हालांकि जीवन का कोई उद्देश्य नही होता ,हम बस जन्म लेते है ,उम्र पूरी करते हैं, चले जाते हैं ,ठीक अन्य जीवों की तरह, लेकिन वॉयरस से उतपन्न तार्किक मस्तिष्क इंसान को अन्य जीवों से अलहदा करता है , इंसान एक उद्देश्य निर्धारित कर लेता है ,फिर सबसे बेहतर कौन सा उद्देश्य होना चाहिए ? शायद इस पृथ्वी को सुरक्षित बनाये रखना, और बेहतरीन बनाना, अन्य जीवों को उनके  अधिकार से वंचित न करना,आखिरकार यह पृथ्वी सिर्फ इंसानों की बपौती तो है नही ,इसपर निवास करने वाले सभी जीव,नदी,पहाड़,वृक्ष सबका समान अधिकार है, हमें उन्हें उनके अधिकार से वंचित करने का कोई हक नही है ,एक क्स्ष्उउडर याद रखे ,पद और पैसा यह बाह्य गुण हैं ,नैसर्गिक नही ,आपका अहंम आपका नाम है अन्यथा बिना नाम सब बराबर है ,कभी पद और पैसे को अभिमान का हिस्सा न बनने दें । "सजधज कर जिस दिन मौत की शहजादी आएगी न सोना काम

मोहन श्रीवास्तव के मुकदमो की हो सकती है दुबारा सुनवाई ,सजा होने के हैं पूरे आसार

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 मोहन श्रीवस्तव को हो सकती है जेल। गया नगर निगम के उप मेयर है मोहन। वैसे तो राजनीति मे अब अच्छे लोगो का मिलना मुश्किल हो गया है लेकिन कुछ लोग तो इस स्तर के है जिनके बारे मे सोचकर के भी आश्चर्य होता है कि कैसे ये जीत  कर  आते हैं ? कौन है  जो इन्हे वोट देता है ? इसी तरह के एक आदमी के बारे मे बता रहा हूं। वह ्है गया नगर निगम का उप मेयर मोहन श्रीवास्तव । इस आदमी ने निगम के गठन के बाद से आजतक कभी भी निगम को सुचारु रुप से नही चलने दिया। इसके चरित्र और क्रियाकलाप को समझने के लिये इसके जिवन के बारे मे जानना जरुरि है। एक सामान्य घर का कामचलाउ सिक्षा प्राप्त इस व्यक्ति ने अपने राजनीतिक  जीवन की शुरुआत स्व० राजेश कुमार एम पी के यहां नौकर बनकर  की । बात बनाने मे माहिर मोहन धिरे धिरे राजेश कुमार का पीए बन गया । वेतन तो मिलता नही था , एम पी के लेटर पैड का इस्तेमाल रेलवे का टिकट बनवाने, किसी की पैरवी करने मे इसने शुरु किया। फ़र्जी काम का यह माहिर था। हस्ताक्षर भी फ़र्जी बनाता था। लेकिन राजेश कुमार तेज एम पी थे इसलिये बहुत ज्यादा इसकी दाल वहां नही गली । उसके बाद यह भगवतिया देवी एम पी