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Showing posts from February, 2012

केन्द्रीय विश्वविद्यालय का नीतीश ने किया विरोध

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गया में केन्द्रीय विश्वविद्यालय का नीतीश ने किया विरोध नीतीश कुमार का विकास विरोधी चेहरा केन्द्र की सरकार ने बिहार के गया जिले में केन्द्रीय विश्व विद्यालय स्थापित करने का निर्णय लिया है । नीतीश कुमार इसका विरोध कर रहे हैं। नीतीश कुमार का कहना है कि गया में पहले से एक विश्व विद्यालय है इसलिये केन्द्रीय विश्व विद्यालय की स्थापना मोतिहारी में होनी चाहिये तथा सरकार इसके लिये मुफ़्त में जमीन उपलब्ध कराने के लिये तैयार है । नीतीश कुमार ने यह भी कहा है कि बिहार सरकार स्वंय सक्षम है विश्व विद्यालय की स्थापना करने के लिये और उसे किसी बा्हरी संसाधन या मदद की जरुरत नही है । केन्द्र सरकार अगर गया में स्थापित करना चाहती है तो दिक्कत क्या है ? जब बिहार सरकार सक्षम है अपनी बदौलत विश्व विद्यालय की स्थापना करने में तो नीतीश कुमार मोतिहारी में भी एक विश्व विद्यालय खोले और एक केन्द्रीय विश्व विद्यालय गया में भी स्थापित होनें दें । गया बिहार का एकमात्र जिला है जिसके पर्यटन व्यवसाय पर ध्यान दिया जाय तो पूरे बिहार की आय सिर्फ़ उससे प्राप्त हो सकती है । मालदीप जैसे मुल्क इसका उदाहरण है । गया के आसपास पह

काबीना मंत्री प्रेम कुमार के साले पर बलात्कार का आरोप , मंत्री के दबाव पर मामला रफ़ा दफ़ा

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बिहार के मंत्री प्रेम कुमार के साले पर बलात्कार के प्रयास का मुकदमा यह घटना कल रात की है । बिहार सरकार के कैबिनेट मंत्री प्रेम कुमार की ससुराल गया के अंदर गया मुहल्ले में है । कल रात वहां भोज था उसी दौरान मंत्री के साले ने अपने पडोस में रहनेवाले एक व्यक्ति किशोरी रजक जो पटना जीआरपी में सिपाही है उसके साथ मंत्री के साले बबलू ने मारपीट करनी शुरु कर दी । सिपाही किशोरी रजक का कहना है कि मंत्री का साला अक्सर उसकी पत्नी के साथ जोर जबरदस्ती एवं गलत हरकत करता था । यह भी आरोप लगाया है कि कुछ दिन पहले हीं उसकी पत्नी के साथ मंत्री के साले ने दुष्कर्म किया था । सोमवार की रात को भी गलत गलत हरकत करने की मंशा में उसके घर घुसने का प्रयास किया और जब सिपाही ने विरोध किया तो मंत्री के साले ने रिवाल्वर निकालकर गोली चला दी । हाथापाई होने लगी और सिपाही ने अपनी जान बचाने के लिये मंत्री के साले के हाथ से रिवाल्वर छीन लिया । मंत्री के साले के गुर्गे वहां जमा हो गये और उन्होनें सिपाही को बगल के समुदायिक भवन में बंधक बना कर उसकी पिटाई की । सिपाही ने यह भी आरोप लगाया है कि मंत्री का साला बबलू वर्षो से उसके परि

लडकियां सप्लाई करनेवाला है रुस के राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार

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लडकियां सप्लाई करनेवाला है रुस के राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार चार मार्च को रुस में राष्ट्रपति पद का चुनाव होने जा रहा है । वर्तमान राष्ट्रपति पुतीन के अलावा चार और उम्मीदवार मैदान में हैं । उनमे से एक है मिखाइल प्रोखोरोव दुनिया का ३२ वां सबसे धनी व्यक्ति जिसका रुस के धनी व्यक्तियों में तिसरा स्थान है । इस व्यक्ति का व्यवसाय दुनिया के अनेको देश में फ़ैला हुआ है जिसमें अमेरिका भी है । २००८ को इसे फ़्रांस में गिरफ़्तार किया गया था तथा इसके उपर अभियोग था कि २००७ में इसने अपने व्यवसायी मित्रो को जो फ़्रांस के कोर्चवेल रिसोर्ट में पार्टी का आनंद उठा रहे थें , उन्हें मौज मस्ती के लिये रुस से अनेको लडकियों की सप्लाई की थी । बाद में अचानक इसके उपर से इस मुकदमे को उठा लिया गया , उठाने का कारण आजतक नही पता चल पाया है । मजेदार बात यह है कि लडकियां भी इसने व्यवसायिक लाभ के लिये सप्लाई थी और चुनाव भी व्यवसायिक फ़ायदे के लिये लड रहा है । यह है पूंजीवाद का असली चेहरा । पैसा है तो सब माफ़ । टिप्पणी के साथ अपना ई मेल दे जिस पर हम आपको जवाब दे सकें

नार्वे बच्चा विवाद : भारतीय मीडिया का ड्रामा

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नार्वे बच्चा विवाद : भारतीय मीडिया का ड्रामा आजकल नार्वे के में भारतीय दंपति का विवाद टीवी तथा अखबारों में छाया हुआ है। सभी टीवी तथा अखबार यह दिखाने का प्रयास कर रहे हैं जैसे नार्वे की सरकार अत्याचार कर रही है । उक्त दोनो   को उनके बा बाप को सौपनें के लिये धरना – प्रदर्शन भी हो रहा है । भाजपा नेत्री सुषमा स्वराज तो इस मुद्दे पर राजनीति करने से भी नहीं बाज आ रही हैं । उन्होने नार्वे की सरकार को कोसते हुये यह कहा कि नार्वे की सरकार अगर अत्याचार कर रही है तो भारत की सरकार भी असंवेदनशील है जो इस मसले के लिये नार्वे की सरकार के खिलाफ़ नही बोल रही है । मुझे तरस आता है सुषमा स्वराज की बुद्धि पर और भारत की मीडिया पर जिसने इस केस को पूरी तरह समझे बगैर हंगामा करना शुरु कर दिया है । इस पूरे प्रकरण में बच्चों के मां बाप दोषी हैं । पहले यह पूरा माजरा क्या है यह मैं बता देता हूं । नार्वे के स्टावेनगर नामक शहर का यह मामला है । नार्वे एक विकसित राष्ट्र है तथा वहां बच्चो के कल्याण के लिये सरकार की संस्था है । उस संस्था का काम बच्चो के मानसिक विकास के लिये समुचित व्यवस्था करना है । यह संस्था चाइल्ड व

वर्तमान प्रजांतांत्रिक व्यवस्था , अधिनायकवादी एवं अलोकतांत्रिक है ।

वर्तमान प्रजांतांत्रिक व्यवस्था , अधिनायकवादी एवं अलोकतांत्रिक है । दो दिन पहले अन्ना चौकडी में शामिल विदेश से करोडो का दान प्राप्त कर के मौज मस्ती करने वाले केजरिवाल ने सांसदों   को चोर लूटेरा कहकर एक नई बहस को जन्म दे दिया है । कांग्रेस के दिग्विजय सिंह ने उसके जवाब में ट्विट करते हुये सवाल किया है कि अगर संसदीय प्रजातंत्र खराब है तो क्या केजरिवाल के दिमाग में कोई और व्यवस्था है , सैन्य शासन , तानाशाही एकदलीय शासन पद्धति ? केजरिवाल को दिक्कत होगी दिग्विजय सिंह के सवालों का जवाब देने में क्योंकि केजरिवाल का मानसिक स्तर इन प्रश्नों का जवाब देने लायक नही है । मैं दे रहा हूं दिग्गी राजा का जवाब ।   हां दिग्गी राजा वर्तमान संसदीय प्रजातांत्रिक व्यवस्था अलोकतांत्रिक एवं अधिनायकवादी है लेकिन उसका विकल्प सैन्य शासन , तानाशाही या एकदलीय शासन पद्धति नही है क्योंकि वर्तमान व्यवस्था इन सबका का मिलाजुला रुप है । अब खामियां बताता हूं दिग्गी राजा 1.        वर्तमान संसदीय व्यवस्था में निर्णय लेने की प्रक्रिया में जनता की कोई भागीदारी नही होती है । 2.      वर्तमान सं

केजरीवाल तो साला तेज निकला

केजरीवाल तो साला तेज निकला अभी एक नया विवाद खडा हो गया है , वह है अन्ना चौकडी के    सी आइ ए की कवर एजेंसी फ़ोर्ड फ़ाउंडेशन के इशारे पर काम करनेवाले शातिर अरविंद केजरीवाल का बयान ।मुंबई के फ़्लाप शो के बाद  केजरीवाल को कुत्ता भी अपने योग्य नही मान रहा था । यूपी के चुनाव में कांग्रेस को सबक सिखाने का मंसूबा पाले इस एजेंट को राहुल गांधी के ड्रामे ने चारो खाने चित कर दिया था । कोई घास भी नही डाल रहा था । इसने अपने चमचो के द्वारा कुछ भीड इकठ्ठी करवाई और एक साजिश के तहत भाषण दे मारा कि संसद में चोर लुटेरे बैठे हैं । सारे राजनीतिक दल हो हल्ला मचाने लगें । इसके बयान को हमने भी टीवी पर देखा था और देखकर मुस्कुरा रहा था । इसके भाषण से टपक रही हताशा का मजा ले रहा था मैं,  और समझ गया था कि इस तरह के भाषण का मतलब खबरो मे आना है । मैने अपनी पत्नी से मजाक करते हुये यह भी कहा था , साला अब यह अपनी बीबी से भी पिटायेगा , इसने अपनी के सामने डिंग मारी होगी कि मैं प्रधानमंत्री बनुंगा , अब यह एक मुखिया बनने लायक भी नही रह गया , बेचारा । मुझे क्या मालूम कि हमारे देश के राजनेता अरविंद से भी ज्यादा हताशा

ममता जी बोरिया – बिस्तर समेटिये

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ममता जी बोरिया – बिस्तर समेटिये बंगाल में ममता बनर्जी की लोकप्रियता का ग्राफ़ बहुत तेजी के साथ गिरा है । हालात ऐसे हो गये हैं कि समय के पहले चुनाव कराना पड सकता है । आम लोग और वह तबका जिसने ममता बनर्जी को सता तक पहुंचाया था , अब यह कहने लगा है कि कम्यूनिस्ट अच्छे थें । बंगाल के चार – पाच बडे शहरो में बिहार – यूपी के लोगों की अच्छी खासी तादात है और इन्होने ममता बनर्जी को वोट दिया था । आज वह सारे लोग नाराज है ममता बनर्जी से तथा उनकी सरकार की तुलना लालू जी के शासन से कर रहे हैं जहां अंतिम पाच वर्षो में सिर्फ़ गुंडागर्दी नजर आई थी । लोग खफ़ा हैं , ममता जायेंगी , साम्यवादी आयेंगें । साम्यवादियों ने   28 फ़रवरी को बंद का आह्वान किया है , उस दिन ममता बनर्जी को पता चल जायेगा , उनकी औकात क्या रह गई है । बंगाल की गलियों तक में सन्नाटा पसरा रहेगा । बिहार मीडिया ने यह सर्वे किया है इसलिये इतने दावे के साथ हम यह कह रहे हैं । ममता के खिलाफ़ न सिर्फ़ बंगाल है बल्कि पूरा हिंदुस्तान है , कारण है उनका स्वंय को सबसे सही समझना । कांग्रेस भी ममता का विकल्प तलाश रही है , अच्छा है समय रहते किनारा कर ले

रुस- अमेरिकी मैच में भारत है फ़ुटबाल

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रुस - अमेरिकी मैच में भारत है फ़ुटबाल अभी देश के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एक भावनात्मक बयान दिया है कि कुदानकुल्लम आणविक परियोजना का विरोध कर रहे एन जी ओ , people’s movement against nuclear energy   संगठन को अमेरिका की आर्थिक मदद मिल रही है इस योजना का विरोध करने के लिये । प्रधानमंत्री ने लालबुझकडकर की तरह हरकत की , जब उनको यह पता था और वे आम जनता को यह जानकारी उपलब्ध करा रहें थें तो उनका फ़र्ज बनता था उस संगठन का नाम भी बतायें जो एन जी ओ की आर्थिक मदद कर रहा है ।.संदीप दीक्षित को सभी जानते हैं । संदीप एन जी ओ चलाते थें और देश के सभी एन जी ओ की नस नाडी से अच्छी तरह परिचित हैं। अब रह गई बात अमेरिका की मदद की तो जब मनमोहन सिंह जी ने देश को हीं गिरवी रख दिया है अमेरिका के हाथ में तो इस तरह की बयानबाजी का अर्थ क्या है ? गुटनिरपेक्ष आंदोलन की हत्या कर के मनमोहन ने न सिर्फ़ देश को अमेरिका के रहमो करम पर छोड दिया बल्कि कांग्रेस के आनेवाले नेतर् ‍ तव के लिये भी एक मुसीबत खडी कर दी ।  मनमोहन जी भारत आपके शासनकाल में अमेरिका -रुस के बीच एक फ़ुटबाल बनकर रह गया है क्योंकि आपने गुटनिरपेक्ष आंद

सभी लोग नक्सलवादी क्यों न बन जायें ?

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सभी लोग नक्सलवादी क्यों न बन जायें ? इस प्रश्न को हल्के में न लें । देश में फ़ैले भ्रष्टाचार की लडाई अलग – अलग मोर्चा बनाकर लडी जा रही है । सरकार से लेकर न्यायपालिका तक यह चाहती है कि यह लडाई सतत जारी रहे सिर्फ़ इसमे हथियारों का उपयोग न हो और उसके लिये पाठ पठाया जाता है गांधीवाद का । गांधी का कभी कोई वाद   रहा ही नहीं और न हीं गांधी ने परिवर्तन या रक्षा के लिये हथियारों के उपयोग को गलत ठहराया । द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान गांधी ने अंग्रेजों की सेना में भारतीयों के शामिल होने की वकालत की । सेना में जवानों की भर्ती के लिये न सिर्फ़ अपनी ्सहमती दी बल्कि प्रोत्साहित भी किया । अब प्रश्न यह है कि हम नक्सलवादियों को समर्थन क्यों न दें ? भारत के सभी राजनीतिक दल चाहते हैं भ्रष्टाचार का खात्मा हो लेकिन कोई भी दल रास्ता नही बताता । भारत की सरकार अनेको प्रकार का फ़ालतू सर्वेक्षण कराती रहती है । चार सर्वेक्षण कराये सरकार , उसके बाद बताये भ्रष्टाचार को रोकने की जगह पर वह बढावा देने का कार्य कर रही   है या नही ? विदेश में नौकरी कर रहे सभी भारतीयों के बैकग्राउंड का सर्वेक्षण कराये । अरब मुल्कों

स्वार्थी अमिताभ की चटुकारिता क्यों

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स्वार्थी अमिताभ की चटुकारिता क्यों अभी अमिताभ जो बिग बी के नाम से प्रसिद्ध है , उसने एक बयान जारी किया अस्पताल से आने के बाद कि उसे प्रेस फोटोग्राफ़रों की संवेदनहीनता की वजह से काफ़ी दिक्कत हुई । यह आदमी सिनेमा   की दुनिया का सबसे स्वार्थी कलाकार है । अपने भाई  को धोखा दिया , अपनी प्रेमिकाओं के जिस्म से खिलवाड किया और उन्हे बर्बाद कर के छोडा । आजतक एक भी काम इसने न तो देशहित में किया और न हीं अपने प्रशंसको के हित में । पैसे के लिये यह किसी भी हद तक गिर सकता है । अपनी पौत्री के जन्म के पहले आजाद भारत का यह सामंत लोगों से ट्विटर के माध्यम से नाम कमाने के उद्देशय से यह रिकेस्ट करता रहा कि लोग प्रार्थना करें कि जच्चा – बच्चा दोनो सही सलामत रहें । बाद में इस स्वार्थी ने एक फ़ोटो भी अपनी उस पौत्री का नही लेने दिया किसी को । अभी जब यह अस्पताल में था तो रोज ट्विट करता था जो इसकी चाल थी लाईम लाईट में बने रहने की । अब जब यह स्वार्थी ठीक हो गया और दो पैसे कमाने के लिये प्रेस फ़ोटोग्राफ़रों ने इस स्वार्थी की फ़ोटो लेनी चाही तो फ़ोटोग्राफ़र इसे संवेदनहीन नजर आने लगें । नरेन्द्र मोदी से गलबहियां करते

नीतीश जी जांच क्यों नहीं करवाते

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नीतीश जी जांच क्यों नहीं करवाते नीतीश की सरकार में भ्रष्टाचार आम बात है। अखबारों और बाहरी लोगों को सम्मेलन के नाम पर इक्ठ्ठा कर के विकास का प्रचार करने के अलावा यह सरकार और कोई काम नही कर रही है । नीचे भ्रष्टाचार का एक उदाहरण हम दे रहे हैं । इसकी लिखित शिकायत पटना के सामाजिक कार्यकर्ता एवं पत्रकार दुर्गेश जी ने की है । सरकार के आलाधिकारियों को सब पता है लेकिन कोई कार्रवाई नही हुई , उल्टे शिकायत करनेवाले अधिकारी को हीं तबादला का दंश झेलना पडा। लेकिन कार्रवाइ न होने से हतोत्साहित होकर लडाई बंद नही की जा सकती । यह राज्य नितीश जी के पिताश्री का नही है। सभी बिहारवासियों का इसपर अधिकार है और इसकी संपति की रक्षा करना भी हमारा अधिकार है । आप पढें , अपने - अपने स्तर से इसे हर मंच पर यहांतक की चाय - पान की दुकान पर इस मुद्दे को उठायें। आवाज इतनी बुलंद हो जाये कि नीतीश के कान के पर्दे फ़ट जाये । एक घटना का जिक्र करता हूं , आपको जनता की आवाज का अर्थ समझ में आ जायेगा। आपातकाल के दौरान सेंसरशिप लागू थी , पत्रकारों ने जय प्रकाश नाराय्न से शिकायत की , कहां उठायें जनता की आवाज को । जयप्रकाश नारायन