यह साला अमेरिका


यह साला अमेरिका है

आप हम जब किसी व्यक्ति पर उसकी ओछी हरकत या कमीनेपन के कारण बहुत गुस्से में होते हैं  तो दो गाली का अक्सर प्रयोग करते हैं। हिंदीभाषी कहते हैं साला बहुत कमीना है और अंग्रेजी दां कहते हैं  he is  bastard . मैने उससे थोडा सम्मानजनक शब्द " यह साला अमेरिका " का इस्तेमाल किया है , मजबूरी है । अगर कडे शब्दों का इस्तेमाल अमेरिका के लिये करुंगा तो उसके नकशे  कदम पर चलने वाले ्कांग्रेस-भाजपा के लिये भी उसी तरह का सम्मानजनक शब्द का इस्तेमाल करना पडेगा । अब बुढे मनमोहनमंटोक और अडवाणीयशवंत सिंहा के लिये कठोर शब्द घातक हो सकते हैं । भारत में अक्सर नेता हार्ट अटैक से मरते हैं । मैं अपने सिर पे यह पाप नहीं लेना चाहता , इसलिये अपने बुजुर्ग नेताओं को ध्यान में रखते हुये अमेरिका के लिये मात्र साला शब्द का इस्तेमाल किया है ।
अब आप सोच रहे हैं कि अमेरिका को साला बोला क्यों ? अमेरिका पर गुस्साने का कारण क्या है ? मालदीव की घटना से आप सभी वाकिफ़ हैं । वहां के अपदस्थ राष्ट्रपति ने अभियोग लगाया था कि उन्हें वर्तमान राष्ट्रपति की सह पर हथियार का भय दिखाकर त्यागपत्र देने के लिये बाध्य किया गया । नदीम ने यह भी मांग की थी कि अविलंब चुनाव कराया जाय । "यह साला अमेरिका"  का एक प्रतिनिधि वहां आया । सहायक राज्य मंत्री स्तर का रोबर्ट ब्लैक । उसने बयान दिया कि इसकी जरुरत नहीं है क्योंकि वर्तमान राष्ट्रपति मोहम्मद वहीद ने अपदस्थ राष्ट्रपति नदीम के द्वारा लगाये गये अभियोगो की जांच का आश्वासन दिया है । गजब का हरामी है यह अमेरिका । जिसके उपर अभियोग है हथियार के बल पर सता में आने का वही जांच करेगा कि वह हथियार के बल पर सता में आया है या नही । इसे कहते हैं अमेरिकन नीति । दुनिया भर में इस्लामिक कट्टरपन बढ रहा है और उसका कारण है अमेरिका । यह कट्टरपन अमेरिका के  हित में है । दुनिया वास्तविक समस्यायें जो पूंजीवाद की देन है उसकी तरफ़ ध्यान नहीं देगी और अमेरिका को अपना नायक मानती रहेगी । विश्व दो हिस्से में बटा रहेगा । एक जो इस्लामिक कट्टरपन के समर्थक हैं , दुसरे  अमेरिका परस्त, जो इस्लामिक कट्टरपन के खिलाफ़ लडने का दिखावा करता है । जनता को मुर्ख बनाना है तो पहले समस्या पैदा होने दो या करो , उसके बाद उसका समाधान करने का दिखावा करो। लोग तुम्हारी प्रशंसा करेंगें ।



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