ओसामा : सुबह का टहलना मौत का बुलावा था



ओसामा : सुबह का टहलना मौत का बुलावा था
सुबह-सुबह टहलने की आदत और एक सामान्य सा फ़ोन काल ओसामा की मौत का कारण बना । पाकिस्तान का एक छद्दम नाम अबु अहमद कुवैती जो ओसामा के लिये संदेशवाहक का काम करता था उसके द्वारा अपने एक पुराने मित्र के फ़ोन का जवाब देना महंगा पडा। सीआईए वर्षो से उसके परिचितों और मित्रों के फ़ोन काल की खुफ़िया निगरानी कर रही थी

उसके मित्र का एक फ़ोन आया तुम कहां हो हमलोगों को तुम्हारी बहुत याद आ रही है । क्या चल रहा है और तुम क्या कर रहे हो ?
कुवैती ने छुपे शब्दो में जवाब दिया मैं अपने पुराने लोगों के साथ हूं । उसका दोस्त कुछ सेकेंड के लिये खामोश हो गया जैसे उसे मालूम हो पुराने लोग का अर्थ है ओसामा बिन लादेन । फ़िर उसने जवाब दिया अल्लाह तुम्हारी मदद करे ।
जैसे हीं अमेरिकी खुफ़िया एजेंसी ने इस छोटी सी बातचीत के पिछे छुपे अर्थ को खंगालना शुरु किया वे समझ गयें दस सालों की तलाश के एक मह्तवपूर्ण पढाव उन्होने हासिल कर किया है । उसी काल के सहारे इसलामाबाद से ३५ किलोमीटर दूर अबोताबाद में स्थित असामान्य रुप से उंची दिवारों से घीरे मकान तक खुफ़िया एजेंसी पहुची ।
फ़ोन की बातचीत और अन्य छोटी-छोटी सुचनाओं को जोडने के बाद ओबामा को सारे तथ्यों से अवगत कराया गया जिसके कारण अपने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों कीं असहम के बाद भी ओबामा ने मिशन पर काम करने की अनुमति प्रदान कर दी
इसलामाबाद से ३५ किलोमीटर दूर स्थित अबोताबाद के असामान्य रुप से उंची- दिवारों से घिरे बिना फ़ोन लाईन और इन्टरनेट की सुविधावाले उस मकान में झाकना कठिन था ।
अमेरिकी अधिकारी यह जानकर दंग रह गये कि उस मकान में रहने वाले और कुवैती नाम का वह संदेशवाहक भी मकान से डेढ घंटे का रास्ता तय करके फ़ोन करते थे और उतनी दुर जाने के बाद हीं मोबाईल फ़ोन में बैटरी लगाते थें । इस हरकत से यह साफ़ हो गया था की मकान में रहने वाले जानते थें की फ़ोन करना खतरनाक है और इलेक्ट्रोनिक निगरानी की पकड में आ जाने का खतरा है ।
खुफ़िया विभाग के अधिकारियों ने सेटेलाईट से उस मकान का फ़ोटो लेना शुरु कर दिया । उन्होने देखा की एक आदमी एक-दो घंटे मकान के अंदर स्थित खाली मैदान में रोज टहलता है । अमेरिकन अधिकारियों ने उसे पेसर नाम दिया । वह आदमी टहलते समय भी इस बात का ख्याल रखता था कि उसका चेहरा न दिखे ।
खुफ़िया अधिकारी किसी यंत्र या आदमी का उपयोग उस आदमी की पहचान के लिये नही करना चाहते थे क्योंकि उन्हे मकान के अंदर रहनेवालो द्वारा शक हो जाने का भय था । उस आदमी ने निगरानी की पुरी अवधि के दौरान कभी भी उस माकान से बाहर कदम नही निकाला । वस्तुत: वह एक कैदी की तरह वहां रह रहा था ।
अब प्रश्न यह था कि क्या वह लादेन हीं है या कोई जाल या छलाव है । कोई नकली लादेन तो नही है धोखा देने के लिये ।
लादेन छह फ़िट चार ईंच लंबा था और वह आदमी भी उसी कद काठी का था । व्हाईट हाउस ने सेटेलाईट से लिये गये फ़ोटो की व्याख्या करने और समझनेवाली अपनी खुफ़िया एजेंसी से उस आदमी के कद का निर्धारण करने के लिये क्हा । एजेंसी ने बताया की उस आदमी का कद 5ft 8 inch से 6ft 8 inch के बीच है । लेकिन वह पर्याप्त नही थी क्योंकि मकान की खिडकियों की और दिवारो की उचाई-मोटाई का पता नही था इसलिये उस आदमी की कदकाठी का अंदाजा लगाना मुश्किल हो रहा था।
व्हाईट हाउस की एक मिटींग में सीआईए के निदेशक लिओन ई पनेटा ने कहा कि सामान्य रुप से निगरानी का सिद्धांत यह है कि तबतक काम चालू रखा जाय जबतक की वह इमारत खाली न हो जाये । पनेटा ने यह भी बताया अब समय आ गया है एकशन में आने का , जो लोग रोज उस आदमी की निगरानी कर रहे हैं वह भी अभीतक यह सुनिश्चित नही कर पाये हैं कि वह लादेन हीं है और उस मकान तक आदमी या किसी यंत्र का भेजना खतरे से खाली नही है ।
महीनो से उस मकान की निगरानी कर रही टीम के द्वारा जुटाये गये आकडों के आधार पर एकशन के विकल्पों पर विचार शुरु हुआ । एक विकल्प था ड्रोन से हमला इसमे खतरा कम था लेकिन भय यह था की अगर ड्रोन सीधे मकान पर गिरता है तो उस आदमी का अता-पता भी नही रहेगा तथा यह सुनिश्चित करना कठिन हो जा्येगा की वह लादेन हीं था । दुसरा खतरा यह था कि अगर निशाना चुक गया तो वह आदमी फ़रार हो जायेगा तथा अमेरिका को फ़िर शुन्य से ओसामा की तलाश शुरु करनी पडेगी ।
सीबीआई के निदेशक पनेटा ने नेवी के वाईस एड्मिरल विलियम एच मैकरेवेन को जमीनी हमले की योजना तैयार करने की जिम्मेवारी सौपी उस प्लान को बाद में मैक रेवेन विकल्प नाम दिया गया ।
मैक रेवेन जमीनी हमला के माहिर माने जाते थें और अफ़गानिस्तान में इनकी कार्य क्षमता का पता चल चुका था जहां जमीनी हमले की सफ़लता का प्रतिशत ३५ से बढाकर ८० कर दिया था ।
इस कार्य के लिये सील को जिम्मा देने का निर्णय बहुत गंभीर था । सील यानी एस ई ए एल (सी , एयर और लैंड ) । सील को बहुत तेज कार्य करने के लिये जाना जाता है तेजी के साथ घुसकर काम करके बाहर आ जाने मे इसका जवाब नही था ।
ज्यादातर मौके पर कार्यवाही के दौरान मौजूद सभी लोगो को मार डालना इसकी परंपरा रही थी । सील के ज्यादातर लडाके दर्जनों बार से ज्यादा युद्ध क्षेत्र का अनुभव प्राप्त लडाके थें।
उस मकान के निवासियों के रहन सहन की निगरानी से यह पता चल चुका था कि तकरीबन एक दर्जन औरत और मर्द उस मकान में रहते हैं। सील के लिए कार्यवाही के दौरान औरतों और बच्चों को हथियार विहिन होने या प्रतिरोध न करने की स्थिति में न मारने का विशेष आदेश दिया गया , हालांकि उसके बाद भी लादेन की एक बीबी की मौत हो गई तथा दुसरी घायल है जिसे पैर में गोली लगी है ।
सील देखो और गोली मार दो के दर्शन के साथ काम करती है ।
विभिन्न तथ्यों के आधार पर उस मकान में बिन लादेन के ८० प्रतिशत होने की संभावना थी ओसामा के सुरक्षा सलाहाकर हमले की योजना पर एकमत नहीं थे परन्तु ओसामा ने मैक रेवेन विकल्प को शुक्रवार सुबह 8.20 में अपनी अनुमति प्रदान कर दी । अभीतक पुरे प्लान के बारे में कोई विस्तर्तर जानकारी उपलब्ध नही है और नही हो पायेगी क्योंकि इससे सील की कार्यशैली का पता चल जाने का खतरा है इस कार्यवाही में भग लेनेवाले सभी व्यक्तियों ने प्रेस से बात न करने और इस योजना की प्रणाली का खुलासा न करने का एग्रीमेंट सरकार के साथ किया है । जब बिन लादेन का शव जमीन पर पडा था तो उसकी लंबाई सुनिश्चित करने के लिये उसके बगल में नेवी के सील कमांडो को लेटने के लिये आदेश हुआ ।
जब यह ओबामा को बताया गया तो ओबामा की पहली प्रतिक्रिया थी , हम साठ मिलियन डालर का हेलीकाप्टर इस प्लान के लिये न्योछावर कर सकते हैं लेकिन लंबाई मापने के लिये एक टेप नही खरीद सकें ।

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