प्रभात खबर के हरवंश जी राज्य सभा की तैयारी में


प्रभात खबर के हरवंश जी राज्य सभा की तैयारी में

नजदीक के चश्में की जरुरत है
कहने को हम चाहे जो कहते रहें , हर संपादक का अब अंतिम लक्ष्य राज्य सभा हो चुकी है  बिहार में भी अगले साल छह राज्य सभा सीट खाली हो रही है उनमें से तीन जदयू और एक भाजपा की है आजकल केन्द्र के खिलाफ़ हरवंश जी एक से एक क्रांतिकारी और धांसू लेख लिख रहे हैं अडवाणी ने गलती की हरवंश जी को साथ में लेकर यात्रा पर निकलते गत रविवार ३० अक्तूबर को प्रभात खबर के  अभिमत में एक लेख लिख माराबचाइए कांग्रेस कोशीर्षक देखकर लगा वाह वाह क्या कहना है कितनी चिंता है हरवंश जी को कांग्रेस की लेख में नेहरु से लेकर सरदार पटेल तक और चीन तक का उदाहरण दे मारा आंध्रा के राजशेखर रेड्डी से येदियुरप्पा तक और बाबरी मस्जिद से शाहबानों तक , राज ठाकरे से भिंडरवाले तक हर जगह बस कांग्रेस की गलती तलाशते नजर आयें। बाबरी मस्जिद का ताला खुलवाया राजीव गांधी ने वाह हरवंश जी वाह राज ठकरे को बढाया कांग्रेस ने, भिंडरवाले को बढाया कांग्रेस ने, यानी आजतक  इस मुल्क में जो भी गलत काम हुआ उसकी जिम्मेवार कांग्रेस हैं भाजपा तो बेचारी है यही पाठ पढाते रहें   अपने लेख में और तो और एक फ़िल्मी डायलाग भी दे मारा , एक दम बिग बी स्टायल मेंअरे सिखना है तो उनसे सिखो नालायक जो भूखे पेट रह कर देश के लिये जान दे देते हैं , तुमने क्या किया ?  कुछ इसी तरह का डयलाग माराइसी लोकतांत्रिक व्यवस्था के अंदर बिहार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ़ अनेक साहसिक, अनूठे और सीखने योग्य कठोर कदम उठाये हैं, कांग्रेस ने क्या किया ? ‘  बडा धांसू लगा हरवंश जी का यह आलेख काश हरवंश जी स्क्रिप्ट लेखक होते सिने जगत में , मजा जाता बिहार ने वाकई अनूठे ्प्रयोग किये हैं लूटने के चारा घोताला तो एक विभाग का घोटाला था , एसी डीसी बिल, बियाडा  जैसा घोटाला बिहार के अनूठेपन की पहचान बन गये हैं अभी एक और घोटालों का भेद खुलना बाकी है लगता है हरवंश जी की नजदीक की रोशनी कमजोर जोर हो गई है दूर का तो इन्हें साफ़ दिखता है , एक दम थ्री डी का चश्मा लगाकर देख रहे हों जैसे , लेकिन नजदीक का बबूर का पेड गुल मोहर का नजर आता है होता है , उम्र का असर है श्रीमान आप संपादक हैं वह भी प्रभात खबर जैसे अखबार के बहुत पुराने पत्रकार हैं , आप कहीं व्यस्तता के कारण भाडे पर लेख तो नही लिखवाने लगे हैं ? लेकिन ऐसा नही हो सकता है जरुर यह जुगाड की राजनीति का हिस्सा है वैसे मेरी भी शुभकामना है , लगे रहिये जदयू या भाजपा कहीं कहीं जुगाड  लग हीं जायेगा ।एक ठो गाना भी यहां दे रहे हैं बिहार के विकास पर .

 

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Comments

  1. संयोग से या दुर्योग से हमें इन दिनों प्रभात खबर को पढ़ने का अवसर मिल जाता है। एकदम सहमति है आपसे। प्रभात खबर वाले हमेशा चाटुकारिता के उदाहरण से पगला दे रहे हैं। हरिवंश और प्रभात पर मुझे भी लिखने का मन हो रहा था। आप ने लिखा। बहुत अच्छा किया। हरिवंश के लिए कई बुरे शब्द सूझते हैं। आपको भड़ास से ही जानता हूँ। मेरे यहाँ आने के लिए शुक्रिया। हरिवंश की राज्यसभा दावेदारी और सच्चिदानंद की मंत्री पद की दावेदारी तय-सी लगती है। इन पत्रकारों को समुद्र में फेंक दें तो भी कुछ बुरा नहीं…

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  2. कितनों को फ़ेका जायेगा। और इससे हासिल क्या होगा । कुछ करने के लिये धैर्य की जरुरत है । बस आप अपना काम करते जायें कलम उठाया , उसका उपयोग करें

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  3. सही हैं आप। बहुत हैं ऐसे। धैर्य साधना होगा…

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