साकेत-प्रेम हत्याकांड


साकेत-प्रेम हत्याकांड


·        सम्पूर्ण प्रकरण का मास्टरमाइंड है प्रमोद यादव

·        साकेत की हत्या साजिश से अपरचित नहीं थे प्रेम

·        प्रमोद और प्रेम में थी गाढ़ी व्यवसायिक दोस्ती

·        साकेत के व्यवसायिक प्रतिद्वन्दी प्रेम भी थे पर्दे के पीछे

·        जल्द ही सामने आने वाला है सच, मुकेश महज मोहरा
   यह रिपोर्ट विनायक विजेता के फ़ेसबुक से ली गई है , उनके फ़ेसबुक का लिंक है
( विनायक विजेता बिहार के वरीय पत्रकार  ;  क्राईम रिपोर्टिंग एवं खोजी पत्रकारिता में स्थापित नाम । बिहार के सभी  अखबारों के रिपोर्टर इनके आर्टिकल्स की नकल कर के तैयार करते हैं अपनी रिपोर्ट )
पटना: पहले शराब व्यवसायी साकेत गुप्ता की हत्या और उसके दो दिनों के बाद ही एक अन्य शराब व्यवसायी प्रेम सिंह की हत्या और इसके पीछे की साजिश का मास्टरमाइंड कोई दूसरा नहीं बल्कि राजधानी में अवैध शराब और स्प्रीट का सबसे बड़ा कारोबारी प्रमोद यादव है। साकेत गुप्ता की हत्या के बाद पकड़े गए जिन दो अपराधियों ने जहानाबाद निवासी और शराब व्यवसायी मुकेश कुमार द्वारा साकेत की हत्या की सुपारी देने की बात कही वह मुकेश इस मामले में मात्र एक मोहरा है।
अबतक की गई छानबीन में यह बात सामने आ रही है कि साकेत की हत्या जहां शराब व्यवसाय की प्रतिद्वदिता के कारण की गई वहीं प्रेम की हत्या साकेत की हत्या की साजिश रचने के शक या उसकी पुष्टि के आधार पर की गई। प्रेम की हत्या किन लोगों ने की इसपर जांच जारी है पर शंका हो रही है कि खुद को फंसने और मारे जाने के
भय से प्रेम के करीबी प्रमोद ने प्रेम के दुश्मनों को प्रेम की साकेत हत्या मामले की साजिश में शामिल होने की बात बता दी होगी। समझा जा रहा है कि प्रमोद ने ही प्रेम को घर से निकलने की बात कही होगी जिसपर विश्ववास कर प्रेम घर से बाहर निकले और बाद में उनका शव कुम्हरार गुमटी के पास रेलवे ट्रैक पर पाया गया। गौरतलब है कि साकेत गुप्ता की हत्या के दिन से ही साकेत के एक करीबी सह रिश्तेदार जो अपराधी प्रवूति के साथ पुलिस का मुखबिर भी माना जाता है काफी आवेश में था और घटना के दिन उसे घटनास्थल पर ही यह कहते सुना गया था कि खाली पता चल जाए कि साकेत जी की हत्या में कौन-कौन हैं तो मैं फिर उन्हें सिखा दूंगा।जहां तक प्रमोद यादव की बात है तो उसे राजधानी पटना और इसके आसपास के क्षेत्रों में अवैध शराब और स्प्रीट का सबसे बड़ा काला कारोबारी माना जाता है। सूत्र बताते हैं कि प्रमोद सहित उसके अन्य गुर्गो जिसमें मुकेश भी शामिल है के अवैध कारोबार का असर साकेत के कारोबार पर भी पड़ रहा था जिसका साकेत ने विरोध करते हुए अपनी पहुंच और पैरवी का इस्तेमाल किया। आशंका जतायी जा रही है कि इस मामले को लेकर प्रमोद ने दुश्मन का दुश्मन दोस्तके सिद्धांत को अपनाते हुए साकेत के पूर्व से ही व्यवसायिक प्रतिद्वन्दी प्रेम से हाथ मिला लिया। सूत्रों के अनुसार प्रमोद यादव ही वह शख्स है जिसने सुपारी की राशि देने की बात कही थी। पर इस मामले में सिर्फ प्रमोद हो ऐसा नही लगता। सुपारी की राशि क लोग मिलकर देने वाले थे और वह लोग कौन-कौन हैं यह पुलिसिया जांच का विषय है। अबतक की हुई जांच और प्रमोद व प्रेम के बीच मोबाइल पर हुई बात से यह संभावना जोर पकड़ रही है कि ्भले ही प्रेम प्रत्यक्ष रुप से साकेत की हत्या में शामिल न हों पर उन्हें इस साजिश के बारे में बहुत कुछ पता था। सूत्र बताते हैं कि शराब का अवैध कारोबार करने वाला और निगम का सरकारी कर्मचारी प्रमोद का बाइपास पर सोनाली पिट्रोल पंप के पहले एक धर्मकांटा है जिस धर्मकांटे के कार्यालय की आड़ में ही वह अवैध शराब का व्यवसाय और मालों की आपूर्ति करता है। कुम्हरार निवासी प्रमोद का करीब बीस वर्षो से अगमकुआं थाना में पदस्थापित रहे थानेदार और पुलिसकर्मियों से भी मधुर संबंध है। बहरहाल जबतक प्रमोद की गिरफ्तारी नहीं होती इस पूरे मामले पर पड़ा रहस्य का पर्दा उतर पाएगा इसकी संभावना कम ही दिखती है। हालांकि पुलिस जिस गोपनीय ढंग पर तेजी से मामले की छानबीन में लगी है लगता है जल्द ही सच्चाई सामने आ जाएगी।
प्रेम सिंह मामले में कहीं अपराधी से पुलिस का स्पाई बना दबंग तो नहीं
बिहार मीडिया : पटना के अखबारो ने आज १४ मई के अंक में साकेत हत्या कांड से जुडे प्रेम   की हत्या कर के लाश को कुम्हरार रेलवे पटरी पर पाये जाने का समाचार प्रकाशित  किया है । बिहार मीडिया ने दो दिन पहले हीं यह खुलासा कर दिया था कि प्रेम की हत्या कर के लाश रेलवे पटरी पर रख दी गई है। बिहार मीडिया ने यह भी प्रकाशित किया था कि प्रेम हत्या कांड में पुलिस के एक स्पाई और दबंग के हाथ होने की संभावना है।
प्रेम के मोबाईल पर अंतिम काल एक डिप्टी कलेक्टर का भी समाचार दो दिन पहले बिहार मीडिया प्रकाशित कर चुका है ।


साकेत हत्याकांड : प्रेम के मोबाइल पर लास्ट कॉल डिप्टी कलेक्टर का








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