साकेत हत्याकांड : प्रेम के मोबाइल पर लास्ट कॉल डिप्टी कलेक्टर का


साकेत हत्याकांड : प्रेम के मोबाइल पर लास्ट कॉल डिप्टी कलेक्टर का

                       कुमार मंगलम हैं प्रेम के साले छपरा में हैं पदस्थापित
             घटना के दिन उन्होंने कई बार बात की अपने बहनाई से
             वकील से मिलने के लिए निकले थे प्रेम!
                         सुलझने के बजाए उलझती जा रही है गुत्थी

( लेखक विनायक विजेता पटना के वरीय पत्रकार हैं और अपराध मामलों से संबंधित खबर पर इनकी गहरी पकड़ मानी जाती है )


पटना। पहले साकेत गुप्ता और उसके दो दिनों बाद शराब व्यवसायी प्रेम सिंह की हत्या मामले की गुत्थी सुलझने के बजाए उलझती जा रही है। गौरतलब है कि बीते  7 मई की सुबह कुम्हरार पार्क के बाहर राज्य के डीजी सह पुलिस भवन निर्माण निगम के प्रबंध निदेशक ए के गुप्ता के चचेरे भाई साकेत गुप्ता की हत्या कर दी गई और इसके दो दिन बाद ही साकेत गुप्ता हत्याकांड में आरोपित किए गए आठ लोगों में से एक प्रमुख शराब व्यवसायी प्रेम गुप्ता की लाश कुम्रार में ही रेल पटरी पर पायी गई जिनकी भी हत्या करने के बाद लाश रेल पटरी पर फेके जाने की आशंका है।

पूर्व में यह कयास लगाया जा रहा था कि प्रेम को किसी जानने वाले ने ही उसके घर में पुलिस दबिश पड़ने  का भय दिलाते हुए उसे घर से बाहर निकलने के लिए बाध्य किया और बाद में उसका अपहरण करने के बाद  उसकी हत्या कर लाश रेलवे लाईन पर फेक दी। पर इस मामले में की गई छानबीन एक दूसरा ही रहस्य उजागर कर रहा है। प्रेम के मोबाइल नंबर 9006740003 पर अंतिम कॉल न तो किसी अनजान शख्स का था और न ही प्रेम को किसी जानने वाले का। उसके मोबाइल पर 9955300666 और 9473432537 से आये कई कॉल प्रेम के बहनोई और छपरा में पदस्थापित वरीय उप समाहर्ता कुमार मंगलम का था।

 9 मई को प्रेम के मोबाइल पर आया अंतिम कॉल भी कुमार मंगलम का ही था उन्होनें शाम लगभग छह से साढ़े छह बजे के बीच प्रेम से अंतिम बार बात की तब प्रेम ने उन्हें बताया कि वह अपने बड़े बेटे चंदन को वकील से सलाह लेने के लिए भेज रहा है। इस संदर्भ में पूछे जाने पर वरीय प्रशासनिक पदाधिकारी कुमार मंगलम ने शनिवार को यह स्वीकार किया कि घटना के दिन उनकी अपने बहनोई प्रेम से छह-सात बार बातें हुर्इं। उनकी प्रेम से क्या बातें हुई के संदर्भ में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि साकेत गुप्ता हत्याकांड में नाम आने से प्रेम काफी घबराए हुए थे और मुझसे इस मामले में आगे की कानूनी प्रक्रिया के लिए मशवरा मांग रहे थे इसपर उन्होंने अपने बहनोई को न्याय और प्रशासन पर विश्वास रखने की बात कहते हुए उनसे यह पूछा कि किसी अच्छे वकील से इस मामले में वह खुद राय लेंगे या मैं लूं। इस मामले में घटना के दिन हुई अंतिम बातचीत में प्रेम ने कुमार मंगलम को यह बताया कि वह अपने बेटे चंदन को वकील के पास भेज रहे हैं और जरुरत पड़ी तो वह भी जाएंगे। कुमार मंगलम ने इससे इनकार किया कि प्रेम ने कभी उन्हें किसी डीएसपी से अपने उपर खतरा होने की आशंका जतायी। उन्होंने बताया कि मामले को लेकर प्रेम घबराया हुआ जरुर था पर उसने खतरा या अपनी हत्या की आशंका कभी नहीं जतायी। अब सवाल यह उठ रहा है कि कहीं बेटे को वकील के यहां भेजने के बजाए प्रेम खुद ही तो किसी वकील से मशवरा करने नहीं निकल पड़े हों जिसकी भनक हत्यारों को लग गई और रास्ते से ही किसी बहाने उन्हें अगवा कर लिया। सारा मामला काफी पेचीदा होता दिख रहा है। यह भी आशंका है कि मामले का रुख और जांच की दिशा मोड़ने का भी साजिशकर्ताओं द्वारा प्रयास कर इस मामले में एक डीएसपी स्तर के एक ऐसे पुलिस पदाधिकारी को बदनाम करने की साजिश रची जा रही है जिनका पूर्ववर्ती इतिहास काफी स्वच्छ और अच्छा रहा है।







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