एक ड्रायवर ने टाट्रा को बुलंदी पर पहुचाया



एक ड्रायवर ने टाट्रा को बुलंदी पर पहुचाया

अभी टाट्रा ट्रक का मामला गरमाया हुआ है यह कंपनी एक सामान्य सी कंपनी थी। पहले कार बनाती थी, बाद में ट्रक बनाना शुरु किया , लेकिन इस कंपनी की धाक जमाने में एक आदमी का सबसे बडा योगदान रहा करेल लोपरेज नामक एक साधारण से कर्मचारी ने दुनिया की नामी डकार रैली में ट्रक कैटेगरी की दौड टाट्रा के ट्रक से छह बार जीतकर टाट्रा ट्रक को बुलंदियों पर पहुंचा दिया चेकोस्लोवाकिया के ओस्ट्रावा में मार्च को पैदा हुये करेल लोपरेज ने १९६७ में एक साधारण कर्मचारी के रुप में टाट्रा में अपने जिंदगी की शुरुआत की बाद में वह टेस्ट ड्रायवर बना और पहली बार टाट्रा 815  ट्रक से १९८६ में डकार रैली में भाग लिया   उसने छह बार  (१९८८, १९९४, १९९५, १९९८, १९९९, २००१ ) इस रैली में विजय प्राप्त की , पांच बार दुसरे स्थान पर और एक बार तीसरे स्थान पर रहा इस रैली को पेरिस-डकार रैली के नाम से जानते हैं १९९४ में विजय प्राप्त करने के बाद मीडिया में करेल लोपरेज को मिस्टर डकार के नाम से पुकारने लगें। यह आम कार रैली की तरह नही है। इसमे कठिन रास्ते जैसे पहाड, रेगिस्तान से लेकर किचड भरे रास्तों पर रेस होती है इसी रैली में टाट्रा ८१५ से छहबार विजेता बनने के बाद यह मीडिया में प्रचारित किया गया कि टाट्रा दुनिया की सबसे बेहतरीन सैनिक ट्रक बनानेवाली कंपनी है फ़िलहाल इतना हीं , बाकी टाट्रा के बारे में इंतजार करें




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