बिहार मीडिया के संपादक पर भ्रष्ट डीसीएलआर ने दर्ज किया गलत मुकदमा



बिहार मीडिया के संपादक पर भ्रष्ट डीसीएलआर ने दर्ज किया गलत मुकदमा

कल गया के भूमी सुधार उपसमाहर्ता नंदकिशोर चौधरी ने मेरे उपर एक मुकदमा दर्ज किया है । उक्त अधिकारी ने अभियोग लगाया है कि मैने उसके कार्यालय में घुसकर के फ़ाइलों को फ़ेका तथा सरकारी काम में बाधा पहुंचाई । अब मैं बताता हूं सच्चाई क्या है । बिहार में नगर निगम के चुनाव होनेवाले हैं । मेरे घर के पचास कदम पर मतदान केन्द्र हैं लेकिन न सिर्फ़ मेरा , बल्कि सैकडो लोगों का बुथ दो किलोमीटर दुर हरिदास सेमिनरी विद्यालय में कर दिया गया है । मैने एक आवेदन कल जिला निर्वाचन पदाधिकारी को दिया , उन्होनें मेरे आवेदन को भूमी सुधार उपसमाहर्ता के पास अग्रसारित कर दिया तथा मुझे कहा कि आप इसे उन्हें दे दे जांच के बाद आवश्यक कार्रवाई की जायेगी । मैं वह आवेदन लेकर नंदकिशोर चौधरी के पास गया । नंदकिशोर चौधरी ने पुछा क्या बात है , मैने अभी यह कहना शुरु हीं किया था कि मुझे जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने भेजा है इस आवेदन को आपको देने के लिये कि उक्त नंदकिशोर चौधरी ने अचानक कहा पहले ठीक से खडा हो । यह तुम शब्द का इस्तेमाल मुझे बुरा लगा मैने तुरंत उसे कहा  Mr. LRDC mind your language. This is the way to talk with a gentleman? I am not accustomed to such language and behavior.  मेरे इस जवाब पर वह गुस्सा हो गया और कहा कि बाहर जाओ , बाहर जाओ , मैने कहा जबान संभाल कर बात करो  you have to come in the court. I will lodge case against you for your defamatory language. वह और गुस्सा हो गया तथा अपने  स्टाफ़ तथा कुछ दलाल जो वहां काम कराने के लिये खडे थें , उनको कहा इसे बाहर निकालो, बाहर निकालो । वे लोग जबरदस्ती करने लगें , मैने उन्हें भी कहा , तुम सबको अपनी इस हरकत के लिये कोर्ट में आना पडेगा याद रखना , किसी को मैं नहीं बख्शने वाला , सब को जेल जाना पडेगा। मेरी बात पर एक- दो आदमी को छोडकर बाकी हट गयें ।  गुस्सा बहुत था , मैं तुरंत वापस जिला निर्वाचन पदाधिकारी के पास गया , उन्हें कहा कि आप मेरे आवेदन पर स्वंय जांच करें या किसी और से करायें , आपका डीसीएलआर बहुत बदतमीज आदमी है, भ्रष्ट भी है मैं उसके खिलाफ़ अब लडाइ लडूंगा । मैं वापस घर आ गया । सीएम को ईमेल भेजने के लिये सोचा , लेकिन दुसरे दिन यानी आज आयुक्त गया के न्यायालय में चार अपील थी , उसकी तैयारी करनी जरुरी थी । मैं उसमें लग गया । आज सुबह मुझे हिंदुस्तान अखबार में छपी खबर से पता चला कि उक्त महाभ्रष्ट अधिकारी ने मेरे उपर गलत मुकदमा किया है कार्यालय में आकर के फ़ाईल फ़ेकने का जबकि मैने किसी फ़ाइल को छुआ तक नही है । कोर्ट से मैं तीन बजे के करीब लौटा । मैने निश्चय किया है कि पुलिस के आलाधिकारियों से बात करुंगा , ईमेल भेजुंगा और अगर जरुरत पडी तो अपनी गिरफ़्तारी दुंगा। वह अधिकारी करोड रुपये की नाजायज संपति अर्जित कर चुका है , मेरा मकसद अब उसके भ्रष्टाचार को उजागर करना है। उसका संबंध भू माफ़ियाओं से है। सरकारी जमीन का भी दाखिल खारिज वह कर चुका है । उसके द्वारा लिये गये सारे निर्णयों की विजिलेंस या सीबीआई जांच जबतक नही हो जाती मेरी जंग जारी रहेगी । रह गई झुठे मुकदमें की बात तो मैं भी यह काम कर सकता हूं लेकिन नहीं करुंगा हां मेरी मांग होगी polygraph test  कराने की , मेरा और उक्त भ्रष्ट अधिकारी का । भू माफ़ियाओं के साथ उसके संबध को भी उजागर करुंगा , चाहे जो किमत अदा करनी पडे । आज तीन बजे तक एफ़ आई आर कोर्ट में नही आया था । एफ़ आई आर की नकल लेने के बाद मैं अपनी कार्रवाई शुरु करुंगा ।


F.I.R 

F.I.R


updated 
30 September 2012. 


मैने इस घटना के बाद बिहार के पुलिस महानिदेशक , गया के एस पी को इमेल किया । नगर पुलिस उपाधीक्षक से फ़ोन पर बात हुई , उन्होने कहा कि अभी सुपर विजन बाकी है। उसके बाद हीं मैं कुछ कह सकता हूं। आज छह माह होने के बाद भी पुलिस ने सुपरविजन नही किया । अब जब हर जगह नीतिश कुमार के खिलाफ़ जनाक्रोश फ़ैल रहा है और विरोध हो रहा है तो प्रशासन मुझे गिरफ़्तार करना चाहता है। यह मुकदमा गलत है, इसके खिलाफ़ मैं लडूंगा । भले हीं पुलिस गिरफ़्तार करे लेकिन गिरफ़्तारी का मैं विरोध करुंगा , चाहे पुलिस लाठी चलाये या गोली । गलत के खिलाफ़ आवाज न उठाना और अत्याचार को सहन करना भी अत्याचार करने के बराबर है । 


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Comments

  1. बहुत दुखद है, ये लोग साले अधिकारी बन जाते है तो खुद को जमींदार समझते है। हर अधिकारी आम आदमी से इसी तरह बात करता है। आपने प्रतिवाद कर संधर्ष का रास्ता चुना बाकि लोग बेशर्म बन कर चुप बैठ जाते है।
    किसी शायर ने क्या खूब कहा है
    रगों में दौड़ते रहने के हम नहीं कायल।
    जब आंख से ही न टपका तो लहू क्या है।।

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