मिश्र ने दिखाई हिम्मत : मुस्लिम ब्रदरहुड के प्रमुख को फांसी की सजा

यह एक एतिहासिक फैसला है । मिश्र में क्रान्ति के बाद मुस्लिम ब्रदरहुड ने आन्दोलन का फ़ायदा उठाते हुए वहां अपने समर्थक मोरसी की सरकार बनाई जिसका बाद में वहां की आवाम ने कडा विरोध किया परिणाम मोरसी को वहां के सेना के समर्थन से सता से बेदखल कर के सैन्य समर्थित सरकार स्थापित की गई थी जिसके खिलाफ मुस्लिम ब्रदरहुड ने अगस्त 2013 में दंगा भड़काने का प्रयास किया जिसमे 1000 लोग मारे गए थे ।
मिश्र की एक अदालत में मुकदमा चल रहा था जिसमे मुस्लिम ब्रदरहुड के प्रमुख मोहम्मद बदी सहित 13 को फांसी की सजा दी गई है ।
मुस्लिम ब्रदरहुड दुनियाभर के इस्लामिक आतंकियों की मदद अपने पच्चीसो संगठन के माध्यम से करता है और इस्लामिक आतंकवादी इसी संगठन की देंन हैं ।
भारत में इसका कट्टर समर्थक जमाते इस्लामी हिन्द है जिसके छात्र संगठन OIS  ने मेरे उपर गलत मुक़दमा हापुड़ में किया था ।
बांग्ला देश में जमाते इस्लामी बैन हो चूका है और उसके प्रमुख को फांसी दी जा चुकी है परन्तु भारत में सरकार ने जमाते इस्लामी हिन्द के खिलाफ कोई कदम कभी नहीं उठाया ।
भारत के बुद्धिजीवी तबका खासकर मुस्लिम बुद्धिजीवी इस मुस्लिम ब्रदरहुड की विभिन्न संगठनो से शोध और सामाजिक कार्य के नाम पर राशि प्राप्त करते हैं ।
इनका काम है हर उस व्यक्ति , संगठन की आलोचना करना जो इस्लामिक कट्टरपन्न के खिलाफ लिखता है ।
मै इन बुद्धिजीवियों का शिकार हो चुका हूँ । इसमें मार्क्सवादी भी शामिल हैं ।

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