आप दिखते कैसे हैं राहुल जी ?

उल्लू , मुर्ख । पकडाने की नौबत आ गई थी तो और कोई बहाना नहीं सुझा ? चपंदुस सोचा भी नहीं जिसके लिए SPG सेक्युरिटी  है उसका हुलिया पता करने का बहाना बनाओगे तो लोग हसेंगे ही न ?

कल को पीएम के घर चोरी करने घुस जाना । पकडाने पर कहना हुलिया पता लगा रहे थे । नाकाबिल , कमबख्तो , आधी नाक जो थी उसे भी कटवा दिया ।

क्या करे साब जी । आपने भी कहाँ बताया था कौन से नम्बर वाला बहाना बनाना है पकडाने पर ?
एक एस एम एस मार दिया होता ।
ख़ाक एस एम एस मारता ?मुझे हीं कहाँ पता था नौबत यहाँ तक आ जायेगी ।

खैर छोडो साब खुश है  , दोनों साब बहुत खुश है ।

चंगु साब तो हीहीही कर के हस रहा था । जब से सेवको के प्रधान  की नौकरी लगी है साब की मुस्कान की लंबाई चौड़ाई वो क्या कहते है स्माइलोजिस्ट तय करता है ।

चंगु साब ज्यादा चौड़ा मुह फ़ैला ही नहीं सकता ।

काहे नाही फैला सकता साब जी ? यह तो हसी है बरबस निकल आती है भला इसको कंट्रोल कैसे किया जा सकता है ?

तू रहा फटीचर का फटीचर । एकदम पक्क़ा दिल्ली पुलिस तू ही तो है ।
मुर्ख चंगु साब के मुह के अन्दर दोनों तरफ गाल पर निकोप्लास्ट जैसा चिपका देता है । मुह फैलेगा ही नाही ।

उ उ क्या करता रहा है ?

कभी पान मसाला खाने वाले का जबड़ा देखा है ? उन सबका का पूरा  मुह नहीं खुलता ।

समझ गया साब जी समझ गया ।

हां हां हां तेरी खोपड़ी भी साब भक्त फेसबुकियो जैसी हो गई है ।

अब सुन मंगू साब तो ठहाका मार कर हसा । उसका तोंद डांस देखता तो भांगड़ा भुला जाता ।

ओ काहे को हसा साब जी ?

अरे फेसबुकिया टाईप फटीचर । वो हँसा की कितना जलूस निकालेंगे ये कांग्रेसी ।

भूमि अधिग्रहण के खिलाफ , मनमोहन सिंह को दोषी बनाने के खिलाफ और अब जासूसी के खिलाफ ।

तुझे पता है ?मंगू साब तो उछल उछल कर नाचने भी लगा था ।

बडबड़ा रहा था । थोड़ा सा पीछा क्या करवाया बड़े साब की महबूबा का इन कांग्रेसियों ने तिल का ताड़ बना दिया था ।

इन्हें पता नहीं पीछा तो हम अपना भी करवाते है । क्या पता कोई पिछाड़ी पर लतवाड़ी न कर दे ।

अब लेकिन होगा किया साब जी हम तो फस जाएगा ?

फिर दिल्ली पुलिस के फटीचर जैसी बात ?

इतने जमूरे है विभाग में किसी की गर्दन खीचकर आगे कर देना ।
हां ठीक कहा  सर जी ।

मंगरुआ है न वो हवलदार ।उसी का गर्दनिया कटवा  देगा । वैसे भी ससुरा इमानदार बना चलता है । जहां भी लेंन देन की गंध मिली चुप्पे से कान सटाकर सुनता है और जाकर अखबार वालन को पता देता है ।
खामखाँ हिस्सा का ज्यादा टुकड़ा हो जाता है ।

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