गया नगर निगम पार्षदों की ब्लू फ़िल्म हो रही है तैयार


गया नगर निगम पार्षदों की ब्लू फ़िल्म हो रही  है तैयार

बिक गई कैबिनेट मंत्री की पुत्री भी

गया के नगर निगम पार्षद राजीव गांधी को धन्यवाद दे रहें है । यह  राजीव गांधी की हीं देन है कि पार्षद बगैर वेतन-  भत्ते के भी बोलेरो से घुम रहे हैं। मेयरउप मेयर का चुनाव है । बिहार मीडिया पहले हीं बता चुका है कि मेढक की तरह पार्षदों की खरीदफ़रोख्त चा्लू है । शहर के एक होटल में पुलिस का छापा भी पडा । पार्षद भागकर   बाथरुम में छुप गयें । अजातशत्रु नामक यह होटल रेलवे स्टेशन के ठिक सामने है । पहले से भी यह होटल उप मेयर पद के दावेदार मोहन श्रीवास्तव का पसंदीदा रहा है ।इसके अलावा होतल सिद्धार्थ में भी बैठक होती है ।  बिहार मीडिया को एक जिला पार्षद ने बताया था कि अजातशत्रु  होटल में मोहन श्रीवास्तव द्वारा बुलाई गई एक बैठक में जब वह पहुंचे तो वहां काल गर्लों को मौजूद पाया । चुकि यह जिला पार्षद राजनीतिक रुप से प्रबुद्ध माने जाते है इसलिये किसी प्रकार अपना पिंड छुडाकर भागे।

उक्त जिला पार्षद को मोहन की हरकत पर भले आश्चर्य हुआ हो बिहार मीडिया को पहले से पता है मोहन श्रीवास्तव के कार्यों के बारे में । एक विधायक जिसका पीए रहते हुये मोहन ने अपार दौलत हासिल की , उसने भी एक बार बिहार मीडिया द्वारा यह पुछे जाने पर कि आखिर इस तरह के गंदे चरित्र के आदमी को इतना मान  सम्मान देने  का क्या का्रण है , विधायक ने जवाब दिया था कि मोहन श्रीवास्तव उसे कम उम्र की लडकियों की आपूर्ति करता था ।

राजनीति में आई गिरावट के उदाहरण हैं मोहन श्रीवास्तव जैसे लोग । हालांकि नेताओं को लडकियां उपलब्ध कराकर अपना काम निकालने की परंपरा दिल्ली मे सांसदो से शुरु हुई । अब इस परंपरा ने नगर निगम को भी अपनी चपेट में ले लिया है और इस आनंददायक परंपरा को नगर निगम के स्तर पर लाने का श्रेय निश्चित रुप से गया के मोहन श्रीवास्तव को जाता है ।

गया नगर निगम के मेयरउप मेयर पद की लडाई अब जोड पकडती जा रही है । पार्षदो से मोलभाव करके एडवांस देने का काम शुरु हो चुका है । मोहन श्रीवास्तव ने दिवंगत सांसद राजेश कुमार के पीए के रुप में अपने राजनीतिक जिवन की शुरुआत की थी और लालु यादव के साले सुभाष  यादव के निकटतम बन गयें । अतुल प्रकाश अपहरण कांड सुभाष यादव के इशारे पर हीं हुआ था यह दिगर बात है कि उस केस के अभियुक्त बन गयें सुरेन्द्र यादव और उन्हें मंत्रीपद गवांना पडा । सुरेन्द्र यादव पुरी तरह निर्दोष थें ।  अतुल प्रकाश कांड  में हुई रिहाई का रहस्य तो रिहा करनेवाले जज महोदय को बखूबी पता है । बिहार मीडिया के पास भी इस बात के सबुत हैं कि उक्त कांड की सुनवाई करने वाले जज साहब से मोहन श्रीवास्तव के गहरे संबंध रहे हैं । जज साहब से संबंधो की खबर भी इतेफ़ाक से बिहार मीडिया के हाथ लगी । बाहर से एक आला व्यक्ति को गया पिंडदान करने के लिये आना था । बिहार मीडिया के संपादक को एक परिचित का फ़ोन आया कि आप अगर हो सके तो इनके लिये पिंडदान की तथा ठहरने की व्यवस्था करा दें।  इसी बीच पुन: फ़ोन आया कि रहने दे उनके ठहरने की व्यवस्था फ़लाने जज साहब के परिचित गया के उप मेयर ने करवा दी है । ठहरने की व्यवस्था करानेवाले जज महोदय हीं उस समय अतुल प्रकाश कांड की सुनवाई कर रहे थें ।

खैर बात हो रही थी गया नगर निगम के पार्षदों को लडकिया मुहैया कराने की । अभीतक चौदह पार्षद को कलकता भ्रमण कराया गया है । कलकता में इन पार्षदों के लिये होटल में ठहरने की व्यवस्था से लेकर काल गर्ल तक का ईंतजाम है । जो सूचना बिहार मीडिया को  विभिन्न स्त्रोतों से प्राप्त हुई है   उसके अनुसार गया के चर्चित शहनवाज कबाडी की  हत्या के जुर्म  में जेल में सजा काट  रहे आबीद मियां के होट्ल   में पार्षदों के लिये सारी व्यवस्था की गई है । आबिद मियां  का अपना दो होटल मैजेस्टिक तथा बिलेसली भी कलकता मे है । मैजेस्टिक होटल उन दोनो में सबसे अच्छा माना जाता है । पहले भी आबिद के होटल में हीं मोहन श्रीवास्तव का अड्डा रहता था । हालांकि आबिद मिया अभी गया सेन्ट्रल जेल में बंद है । बिहार मीडिया की अपनी विश्वसनीयता है । हमारे लिये सच का पता लगाना जरुरी था और इसके लिये आबिद मियां  से बात करना आवश्यक था । हमने अपने स्त्रोत से आबिद मियां के फ़ोन नंबर प्राप्त करने का प्रयास किया । एक घंटे  के अंदर आबिद मियां  का फ़ोन हमारे मोबाइल पर आ गया । आबिद ने साफ़गोई के साथ सारी बात बताई । कुछ लोग गया के उसके होटल मैजेस्टिक  में ठहरे हुये हैं चारपांच दिन से , लेकिन आबिद मियां का कहना है कि वे पार्षद नहीं हैं  तथा गया के केन्दुई के राजपूत जाति के लोग हैं ।  बिहार मीडिया ने अपने स्तर से यह भी चेक कर लिया कि आनेवाला फ़ोन आबिद मियां  का हीं था । हमारी मजबुरी है हम फ़ोन नंबर नहीं बता सकते हैं और न हीं स्त्रोत के नाम का खुलासा कर सकते हैं। नंबर या स्त्रोत का खुलासा बिहार मीडिया तभी करता है जब किसी अपराध को रोकने के लिये प्रशासन को इसकी जरुरत महसुस हो और वैसे हालात में भी पुलिस के आला अधिकारी द्वारा स्त्रोत का नाम गुप्त रखने तथा उसे प्रताडीत न करने की गारंटी देने के बाद ।


( यहां हम एक बात स्पष्ट   कर देना चाहते हैं कि बिहार मीडिया जेलों में बंद कैदियों को अपने परिवार , मित्र तथा अधिवक्ता से बातचीत करने के लिये मोबाईल फ़ोन की सुविधा उपलब्ध कराने का पक्षधर है । फ़ोन के दुरुपयोग को रोकने के लिये पद्धति   विकसित करने का प्रयास प्रशासन तथा सरकार को करना चाहिये । हम प्रत्येक जेल में फ़ेमिली विंग बनाने की लडाई भी लड रहे हैं जहां जेल में बंद प्रत्येक कैदी को सप्ताह में एक दिन अपने परिवार के साथ गुजारने की व्यवस्था हो । इससे कैदियों के अंदर मानवीय मुल्यों का विकास होगा और उनकी मानसिकता में बदलाव आयेगा जिसके फ़लस्वरुप अपराध में भी कमी होगी । वर्तमान में जेलों में गे एवं लेस्बियन रिलेशन बनते हैं और गे तथा लेस्बियन मैरिज का भी प्रचलन है । जांच होने पर एच आई पोजेटिव कैदी भी जेलों में मिलेंगें )

 गया नगर निगम के पार्षदों के चरित्र को देखते हुये कोलकोता जाकर एय्यासी करना या कालगर्ल के साथ समय गुजारना कोई आश्चर्य की बात नही है लेकिन कोलकता में ठहरने के दौरान इन पार्षदों की हरकतों  की विडियो रेकार्डिंग की बात ने बिहार मीडिया को भी चौकाया है । होटल के कमरे में गुप्त रुप से रेकार्डिंग की व्यवस्था की गई है । रुम में ठहरने वाले पार्षद की हर हरकत और बातचीत की रेकार्डिंग की जा रही है । यह कार्य पार्षदों के उपर दबाव बनाये रखने के लिये किया जा  रहा है । नगर निगम के नियमों के अनुसार दो साल बात अविश्वास प्रस्ताव लाने का प्रावधान है । मोहन श्रीवास्तव को यह पता है कि अगर किसी तरह जोडतोड करके उप मेयर बन भी गयें तो दो साल बाद फ़िर एकबार पार्षदों को पैसा देना पडेगा । इस बात कि कोई गारंटी नही है कि दो साल में कौन पार्षद किस खेमें में जायेगा । इसीलिये पार्षदो की विडियो रेकार्डिंग कराइ जा रही है । लेकिन पार्षदों को काल गर्ल मुहैया कराकर उसकी रेकार्डिंग कराने के इस खतरनाक खेल की चपेट में बिहार के एक कैबिनेट मंत्री जीतन राम मांझी का परिवार भी आ चुका है । मांझी की बेटी पार्षद का चुनाव जीतकर आई है । सुनैयना देवी एस सी -  एस टी कल्याण मंत्री जीतन राम मांझी की पुत्री है तथा इनके पति योगेन्द्र भी कोलकोता जाकर आनंद लेनेवाले पार्षदों में शामिल हैं । मांझी के दामाद ने मांझी की बेटी के वोट के लिये पैसा भी ले लिया है ।

गया की जिलाधिकारी  ने कल एक बैठक करके पार्षदों  को यह चेतावनी  दी है कि अगर खरीद फ़रोख्त की तो कडी कार्रवाई होगी । क्या जिला प्रशासन की हिम्मत है जीतन राम मांझी की  बेटी और दामाद के खिलाफ़ कार्रवाई करने की । किसी अधिकारी की जुर्रत नही है मांझी की बेटी के उपर कार्रवाइ करने की । गलती से अगर कार्रवाइ करने के लिये किसी अधिकारी  ने सोचा भी  तो उसका वही अंजाम होगा जो अरविंद पांडे डी आई जी एवं  परेश सक्सेना एस पी का राजेश कुमार हत्याकांड में वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष उ्दय नारायन चौधरी के खिलाफ़ जांच करने पर  हुआ था ।

बिहार मीडिया ने अपने एक लेख में जिला प्रशासन को सुझाव दिया था कि वैपर लाइट लगाने वाले ठेके की जांच शुरु करे और उसका असर देखे । न सिर्फ़ मोहन श्रीवास्तव बल्कि बहुत सारे पार्षद जो दुबारा जीतकर आये हैं , जेल के अंदर जायेंगें । जांच की घोषणा के साथ हीं भगद्ड मच जायेगी । खरीद फ़रोख्त भी बंद हो जायेगा । खरीद फ़रोख्त का मुख्य कारण है भ्रष्टाचार । सबको पता है भ्रष्टाचार कि कोई जांच नही होती है । वैपर लाईट के ठेकेमें चालीस लाख रुपया का घपला है । नामी कंपनियों के सामान की जगह पर चीन निर्मित सामान लगाया गया है ।

वैसे मेयरउप मेयर पद कि दौड  अब रोचक मुकाबले में तब्दील हो चुकी है । मेयर की दौड में शगुफ़्ता परवीन अभी आगे चल रही हैं । उप मेयर के पद का सस्पेंस अभी बरकरार है ।

बिहार मीडिया ने मोहन श्रीवास्तव और मेयर पद की दावेदार विभा देवी के द्वारा नामांकन  के समय दाखिल किये सभी कागजातों की सच्ची  प्रतिलिपी के लिये आवेदन दिया है । निर्वाचन के अधिकारी सच्ची प्रतिलिपि देने में  जानबूझकर आनाकानी कर रहे हैं । निर्वाचन से जुडे पदाधिकारियों की निष्ठा के बारे में भी बिहार मीडिया के पास ढेर सारी जानकारी उपलब्ध है । वक्त आने पर हम उसका भी खुलासा करेंगें । मेयर पद की दावेदार विभा देवि जिसके पति भू-माफ़िया इन्द्रदेव यादव ने एक सफ़ारी गाडी  और तीन लाख के आफ़र से शुरुआत की और अब पांच  लाख रुपया देने की बात कर रहा है, उसके एक बैंक खाते के बारे में बिहार मीडिया को पता चला है जिसकी छानबीन बिहार मीडिया अपने स्तर से कर रहा है ।







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Comments

  1. अब हौसला भी टूटने के कगार पर है, क्या हो रहा है, ओह. घोर कलयुग. जो लोग स्वेच्छा से बिक रहे है उनका दोष सबसे बड़ा है।

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