अन्ना के कैंप में फ़ैली निराशा ; अथक प्रयास के बाद भी नही जुटी भीड

अन्ना के कैंप में फ़ैली निराशा ; अथक प्रयास के बाद भी नही जुटी भीड

अन्ना चौकडी का मीडिया मैनेजमेंट पिछली बार दमदार था मीडिया को कैसे मैनेज किया जाता जाता है , इसकी जानकारी रखनेवालों को पता है , भारत का मीडिया नियंत्रित होता है विदेश से अमूमन इस तरह के आंदोलन का प्रबंध पर्दे के पिछे रहकर कार्य करनेवाली ताकते करती हैं। पिछली बार अगस्त में कुछ ज्यादा उत्साहित होकर विदेशी ताकते जिनमें मुख्य सीआईए है ने मीडिया को मैनेज किया था और अच्छी भीड अन्ना के आंदोलन में लगी थी भीड का स्वभाव चुंबक की तरह होता है भीड को देखकर भीड जुटती है सीआईए और उसके कार्यों को कवर देनेवाली संस्था फ़ोर्ड फ़ाउंडेशन के बारे में सबको पता चल जाने के बाद इसबार उन्होनें खुद को अन्ना के आंदोलन से दुर रहकर आंकलन  करने का निश्चय किया आर एस एस ने भी पिछली बार आंदोलन को समर्थन दिया था और पूरे देश में उसके कार्यकर्ता आंदोलन के पक्ष में सडकों पर उतरे थें लेकिन अरविंद केजरीवाल जैसे चौकडी के सदस्यों को यह गलतफ़हमी हो गई कि अन्ना के  आंदोलन में लगनेवाली भीड निरपेक्ष है और किसी दल से नही जुडी है केजरीवाल ने आर एस एस को भी गाली देना शुरु कर दिया इसबार आर एस एस भी अन्ना चौकडी को उनकी औकात बताने का  मन बना चुका था , उसके कार्यकर्ता अन्ना के अनशन में शामिल नही हुये और इन सब का परिणाम था अन्ना के अनशन में भीड का कम जुटना अभीतक जो खबर है उसके अनुसार मात्र दो हजार के आसपास लोग अन्ना के जंतर मंतर में हो रहे अनशन में शामिल हुये। यह बहुत बडी विफ़लता थी हालांकि इसका अनुमान अन्ना चौकडी को पहले से था और उन्होनें अपने सभी सहयोगियों को अनशन में शामिल होने का निर्देश दिया था अन्ना के अनशन में शामिल भीड की संख्या से चौकडी बहुत निराश है आशा है कि अब आर एस एस से भी आंदोलन को मदद देने का निवेदन अन्ना चौकडी कर सकती है

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Comments

  1. अन्ना हजारे और हिटलर में कई समानताएं हैं. पढ़ने में यह अटपटा लग सकता है, ले‍किन शोध के बाद जो तथ्य सामने आए हैं, उससे साफ पता चलता है कि अन्ना, उनकी टीम और हिटलर में काफी समानताएं हैं. यह महज एक इत्तेफाक भी हो सकता है. दोनों के बीच समानताओं पर गौर कीजिए:-

    हिटलर के पिता के सात बच्चे थे, अन्ना के पिता के भी सात बच्चेी थे.
    हिटलर 7वीं क्लाचस तक पढ़ा था, अन्ना भी 7वीं क्लांस तक पढ़े हैं.
    शारीरिक कमी के बावजूद हिटलर फौज में था, शारीरिक कमी के बावजूद अन्ना् भी फौज में थे.
    हिटलर फौज में इमरजेंसी में भर्ती हुआ था, अन्ना भी फौज में 1962 में युद्ध के दौरान पैदा हुई इमरजेंसी जैसे हालात में भर्ती हुए थे.
    हिटलर के सभी साथी हमले में मारे गए थे, अन्ना के भी सभी साथी एक हमले में मारे गए थे, सिर्फ अन्ना बचे.
    हिटलर विवाहित नहीं था, अन्ना ने भी विवाह नहीं किया है.
    हिटलर के मन में जर्मन संसद के लिए कोई आदर नहीं था, यही हाल अन्ना का भी है.
    हिटलर जनता को संसद से ऊपर मानता था, अन्ना भी जनता को संसद से ऊपर मानते हैं.
    हिटलर का मानना था कि प्रभावी प्रचार करके किसी भी झूठ को सच साबित किया जा सकता है, अन्ना व उनकी व उनकी टीम भी जनलोकपाल को हर ताले की चाबी बता प्रभावी प्रचार कर रही है.
    हिटलर जनमत संग्रह का पक्षधर था, उसने जर्मनी में चार बार जनमत संग्रह करवाया था, अन्ना भी जनमत संग्रह के पक्षधर हैं, वे भी कई जगह जनमत संग्रह करवा चुके हैं.
    हिटलर जनमत संग्रह का इस्तेमाल वहां के संसद के खिलाफ किया था, अन्ना भी जनमत संग्रह का इस्तेमाल देश की संसदीय व्यावस्था के खिलाफ कर रहे हैं.

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