नक्सल बंद का असर : निशाना था एम पी , मारे गए पुलिसकर्मी


नक्सल बंद का असर : निशाना था एम पी , मारे गए पुलिसकर्मी

जैसी संभावना थी वैसा हुआ लेकिन निशाना गया चूक । किशन जी की मौत के बाद यह अंदेशा सबको था कि नक्सलवादी बदले की कार्रवाइ करेंगें। ४ दिसंबर और ५ दिसंबर को भारत बंद का आहवान था लेकिन उसकी पूर्व संध्या में यानी ३ दिसंबर शनिवार शाम साढे पांच बजे झारखंड में चतरा के सांसद इंदर सिंह नामधारी पर लातेहार में नक्सलियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में नामधारी तो बाल-बाल बच गए लेकिन उनके पीछे चल रहा पुलिस का सुरक्षा वाहन हमले की चपेट में आ गया जिससे उसमें सवार एक सहायक पुलिस उपनिरीक्षक समेत कम से कम छह जवानों समेत 10 लोगों की मौके पर मौत हो गई जबकि आधा दर्जन अन्य सुरक्षाकर्मी हताहत हैं।

झारखंड के पुलिस महानिदेशक गौरी शंकर रथ ने बताया कि लातेहार में गारू थानांतर्गत लाडू मोड़ के पास नक्सलियों ने चतरा के निर्दलीय सांसद इंदर सिंह नामधारी के काफिले पर घात लगाकर हमला किया जिसमें सांसद तो बाल-बाल बच गए लेकिन उनकी सुरक्षा में चल रहा सुरक्षाकर्मियों का वाहन इसकी चपेट में आ गया जिससे दो नागरिकों और एक सहायक पुलिस उपनिरीक्षक समेत छह पुलिसकर्मियों की मौके पर ही मौत हो गई।

उन्होंने बताया कि इस हमले में आधा दर्जन अन्य सुरक्षाकर्मी हताहत हुए हैं लेकिन अभी मृतकों की संख्या की पूरी तरह पुष्टि नहीं की जा सकी है। सांसद की सुरक्षा टीम का नेतृत्व लातेहार में गारू थाने के सहायक पुलिस उपनिरीक्षक भीम टुडू कर रहे थे और वह इस हमले में शहीद हो गए। उनके अलावा शहीद होने वाले पुलिसकर्मियों में एक हवलदार और चार जवान शामिल थे।


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