फ़ेसबुक का घटियापन
साध्वी रेप प्रकरण : बड़ा घटिया निकला ये फेसबुक
साध्वी चिदर्पिता द्वारा स्वामी चिन्मयानंद पर लगातार बलात्कार और उत्पीड़न के आरोप को फेसबुक वाले अश्लील और लोगों की भावनाएं आहत करने वाला प्रकरण मानते हैं। यही कारण है कि इससे जुड़ा एक समाचार फेसबुक पर लगाये जाने के कुछ ही देर बाद उसे फेसबुक प्रशासन ने न केवल तत्काल रिमूव कर दिया, बल्कि इस समाचार को प्रकाशित करने वाले फेसबुक यूजर को चेतावनी भी जारी कर दी कि भविष्य में यदि इस तरह के पोस्ट उसकी वाल पर दिखी तो उसके फेसबुक एकाउंट को हमेशा-हमेशा के लिए खत्म कर दिया जाएगा।
भारतीय मनीषियों, देवी-देवताओं पर गाली-गलौज और अश्लील कमेंट्स पर आप लाख चिल्लाते रहिये, शिकायतें कीजिए या मामला कोर्ट-कचेहरी तक खींच ले जाइये, फेसबुक पर इसका कोई भी असर नहीं पड़ता। ऐसे कमेंट्स भारी तादात में रोज-ब-रोज फेसबुक की दीवार पर तेजी से छाते जा रहे हैं। खुलेआम गाली-गलौज और धार्मिक भावनाएं आहत कर देने वाली तस्वीरें और कमेंट्स से फेसबुक अटा पड़ा हुआ है।
ऐसी शिकायतों के लिए फेसबुक ने एक व्यवस्था तो कर रखी है, लेकिन उस पर कभी कोई कार्रवाई हुई हो, ऐसा एक ही भी उदाहरण नहीं मिलता। कई मामलों में तो मामला कोर्ट तक में जा चुका है। और तो और, एक आईपीएस अफसर अमिताभ ने तो महात्मा गांधी पर गाली-गलौज का प्रकरण हाल ही उठाया लेकिन फेसबुक प्रशासन ने जब उस पर कोई कार्रवाई महीनों तक नहीं की, तो वे हार कर सीधे बरास्ता पुलिस थाने, अदालत पहुंच गये, जहां यह मामला सुनवाई में चल रहा है। मगर ऐसा भी नहीं है कि फेसबुक प्रशासन ऐसी शिकायतों पर कभी कान नहीं देता। अगर आपकी पहुंच ऊपर तक है तो किसी सामान्य सी खबर तक को अश्लील और दूसरों की भावनाएं आहत करने वाला करार देकर फेसबुक उसे तत्काल रिमूव करने कड़ी कार्रवाई की चेतावनी जरूर जारी कर देता है।
हाल ही, साध्वी चिदर्पिता ने अपने धार्मिक गुरु, भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानन्द पर यह आरोप लगाते हुए राजनीति और धर्म क्षेत्र में सनसनी मच दी थी कि चिन्मयानन्द ने करीब पांच सालों तक उनके साथ बलात्कार किया और अपने गुंडों के बल पर उन्हें शाहजहांपुर स्थित मुमुक्षु आश्रम में बंधक बनाये रखा। साध्वी का यह भी आरोप था कि स्वामी के कुकृत्यों का ही यह परिणाम रहा कि वे दो बार गर्भवती हुईं और दोनों ही बार चिन्मयानन्द ने उनका गर्भपात करा दिया। दो दिन पहले ही उनकी शिकायत पर शाहजहांपुर के एसपी रमित शर्मा ने मामला दर्ज करवा लिया, तो हंगामा मच गया।
हाल ही, साध्वी चिदर्पिता ने अपने धार्मिक गुरु, भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानन्द पर यह आरोप लगाते हुए राजनीति और धर्म क्षेत्र में सनसनी मच दी थी कि चिन्मयानन्द ने करीब पांच सालों तक उनके साथ बलात्कार किया और अपने गुंडों के बल पर उन्हें शाहजहांपुर स्थित मुमुक्षु आश्रम में बंधक बनाये रखा। साध्वी का यह भी आरोप था कि स्वामी के कुकृत्यों का ही यह परिणाम रहा कि वे दो बार गर्भवती हुईं और दोनों ही बार चिन्मयानन्द ने उनका गर्भपात करा दिया। दो दिन पहले ही उनकी शिकायत पर शाहजहांपुर के एसपी रमित शर्मा ने मामला दर्ज करवा लिया, तो हंगामा मच गया।
इस खबर का खुलासा सबसे पहले भड़ास4मीडिया ने अपने पोर्टल पर किया। पोर्टल पर छपते ही मैंने अपनी इस खबर को जन-सामान्य तक पहुंचाने के लिए उसका लिंक फेसबुक पर अपने एकाउंट की वाल पर डाल दिया और उसके बाद से ही दूसरे फेसबुक यूजर्स की त्वरित प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गयीं। लेकिन सुबह जब मैंने अपना एकाउंट खोला तो वहां मुझे उक्त लिंक को अश्लील व दूसरों की भावनाएं आहत करने वाला सामान बताते हुए उसे फेसबुक एडमिन द्वारा हटा दिये जाने की सूचना मिली। इसमें यह भी कहा गया था कि यदि भविष्य में इस प्रकार की सामग्री मेरे द्वारा दोबारा मिली तो मेरा एकाउंट हमेशा-हमेशा के लिए खत्म कर दिया जाएगा।
जाहिर है कि मैं हैरत में आ गया। पता किया तो एक नायाब राज फाश हुआ। पता चला कि इस लिंक के मेरी वाल पर आते ही चिन्मयानन्द समर्थकों में हड़कम्प मच गया था। देश के प्रमुख उद्योग घरानों में गहरी पैठ रखने वाले इस गुट ने आनन-फानन फेसबुक एडमिन से सम्पर्क किया। फेसबुक एक्टिव हुआ और आखिरकार वह पोस्ट डीलीट कर दी गयी। चेतावनी साथ में मिली, वह अलग।
यह तो रहा फेसबुक का असली फेस। लेकिन इससे इतना तो साबित हो ही गया कि मीडिया, और उसमें भी वेब-पोर्टल जैसे वैकल्पिक मीडिया का प्रभाव कितना ज्यादा है। यह दीगर बात है कि सक्षम लोग इस मीडिया में मनमाना बदलाव करवाने की हैसियत रखते हैं, लेकिन यह भी तो तय ही हो गया कि अब लोग इस मीडिया के एक बड़ा पाठक-वर्ग रखने वाले अंग, मसलन भड़ास4मीडिया जैसे संस्थानों की अनदेखी हर्गिज नहीं कर सकते।
लखनऊ के जाने-माने पत्रकार कुमार सौवीर की रिपोर्ट.
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