छोरा तो हिरो बन गया
छोरा तो हिरो बन गया
इस छोरे का नाम है शिवदीप वामन लेंडे और यह पटना नगर का एस पी रहा है । लेंडे का तबादला अररिया हो गया। इसके तबादले से नगरवासी बहुत दुखी दिख रहे हैं। यह छोरा लडकियों के बीच भी मशहुर है । इसके तबादले की खबर आते हीं दो हजार एस एम एस इसे मिला । अधिकांश लडकियों के थें जो इसपे अपना दिल न्योछावर कर चुकी थीं। इन दिलवालों ने इसका तबादला रुकवाने के लिये एक कैंडिल मार्च भी निकाला । दबंग स्टाईल में काम करने का आदि यह छोरा लोगो की नजरों में तब हिरो बन गया , जब इसने साइबर कैफ़े में प्यार पिपासु जोडो को पकडकर , नैतिकता का पाठ पढाना शुरु किया । मात्र दस माह के अपने कार्यकाल में यह राक स्टार की तरह पापुलर हो गया । प्रतिदिन इसे ३०० से ज्यादा एस एम एस मिलते है जो इसके प्यार में पागल लडकियों के होते हैं। कुछ तो मैरिज के प्रस्ताव होते हैं। लक्की है यार । सडक पर तेज रफ़्तार बाइक चलानेवाले शोहदों के लिए भी यह छोरा खतरा था । बुजुर्गों को भय है कि कहीं इसके जाते हीं फ़िर से पुराने दिन वापस न आ जाये। इसके रहते कम से कम आवारा लडके और लडकियों के मा-बाप को एक राहत तो नसीब हुई थी कि उनका आवारा पुत्र या पुत्री पढने के बहाने किसी कैफ़े में चोंचे नही लडायेंगें । महाराष्ट्र के रहनेवाले इस छोरे के काम करने की शैली संघम फ़िल्म के नायक जैसी थी । नो केस नो मारपीट , मामला रफ़ा दफ़ा । पटना की अधिकांश लडकियों के पास इसके फ़ोन न० थें , प्रतिदिन चार सौ फ़ोन काल का जवाब देनेवाले इस पुलिस अधिकारी से एक हीं गलती हुई , इसने नकली दवा एवं सामान बनानेवालों के खिलाफ़ अभियान छेड दिया , बस श्रीमान दबंग जी का तबादला महादबंग सुशील मोदी ने अररिया कर दिया आखिरकार व्यवसायी वर्ग की बात थी । कहने को तो लोगों का कहना है कि इस तबादले में माल मुद्रा की भी अहम भूमिका है । बेचारे व्यवसायियों को पैतीस लाख रुपया देना पडा। वैसे एक बात किसी की समझ में नही आ रही है कि पट्ना में बढते अपराध को बहुत हद तक नियंत्रित करने वाले इस छोरे का तबादला क्यों हुआ ? हालांकि संघम द्वारा प्रेमी जोडो को सताने का मैं विरोधी रहा हूं । खैर छोरा काम ठिक ठाक कर रहा था ।
मैं तो आपके यहाँ ही इस महाशय के बारे में जान पाया वरना इनका हाल-चाल पता न था।
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