कामवाली बन न जाये घरवाली
कामवाली बन सकती है सौत |
अपसंस्कृति मधेपुरा जैसे छोटे शहर में भी अपना पाँव पसार रही है.जिला बनने के बाद स्वाभाविक तौर पर इसका विकास तेजी से होने लगा.सैंकडों कार्यालय खुले और शहर की आबादी भी तेजी से बढ़ने लगी.पश्चिमी संस्कृति कहिये या कुछ और, खुलापन तो अब भारत के गाँव-गाँव में है, तो भला मधेपुरा इस मामले में कैसे पीछे रहे! सेक्स की कुंठा से ग्रस्त लोगों ने जब अपनी यौन संतुष्टि ढूंढनी चाही, तो जाहिर है उनकी निगाहें ऐसे लोगों की तरफ उठी,जो उन्हें आसानी से उपलब्ध तो हो ही,साथ ही रिस्क भी जहाँ कम हो.ऐसे में मधेपुरा जैसे शहर में सबसे फिट बैठती नजर आ रही हैं काम वाली बाई.
अत्यंत ही कम आमदनी वाली कई बाईयों को भी ऐसे ही लोगों की तलाश रहती है,जहाँ जाकर वे काम भी कर दें और साथ में मालिकों को देह सुख भी प्रदान कर दे.और इसके एवज में उन्हें महीने भर में मोटी राशि भी मिल जाती है जिससे उनके परिवार की देखभाल भी ढंग से हो जाया करती है.और शरीर का क्या है मिट्टी का शरीर आज न कल तो मिट्टी में मिल ही जाना है.ऐसे विचार रखने वाली इन काम वाली बाइयों की संख्यां मधेपुरा में दो दर्जन के करीब है.और इनके क्लाइंट में कुछ लोग सरकारी कार्यालयों में काम करने वाले अधिकारी और कर्मचारी भी हैं.दूसरे जिलों के कई सरकारी अधिकारी,कर्मचारी और प्राइवेट कंपनियों में काम करने वाले कुछ रंगीन मिजाज के लोग जो यहाँ आवास लेकर अकेले रहते हैं उनकी तो चांदी ही चांदी है.उनके सूने बिस्तर की शोभा बढाने के लिए तैयार ये काम वाली बाई उनके जीवन को जन्नत बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ती.सेक्स के बारे में इनकी जानकारी भी किसी से कम नहीं होती.कंडोम,टुडे,अनवांटेड से लेकर गर्भ निरोधक सूईयों तक की जानकारी में ये पारंगत हैं.इनमें से कई बाईयों के पति दिल्ली और पंजाब जाकर परिवार के लिए धनार्जन करते हैं और उनके पीछे ये यहाँ देह बेचकर धन कमाती है.काम करने वाली कई बाइयों के घर की रहन सहन देखकर आपके होश उड़ सकते हैं.इनके घरों में जहाँ सूखे फल और मेवों का भरपूर स्टॉक रहता है वहीं एकाध के घर में महंगे झूमर भी लगे हैं.
पर सेक्स के इस खेल में मर्दों की शामत तब आ जाती है जब इन बाइयों का लोभ बढ़ जाता है.अप्रत्यक्ष रूप से पोल खोल देने की धमकी देकर कभी कभी ये बाईयां मोटी रकम ऐंठना शुरू करती हैं तो ये अधिकारी और कर्मचारी इनके जाल में फंसते नजर आते हैं.हाल में ही ऐसी परिस्थिति का शिकार हुए एक बैंक अधिकारी को तो यहाँ से स्थानान्तरण करवा कर भागना पड़ा.
(मधेपुरा टाइम्स ब्यूरो)
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