अन्ना का आर एस एस से रिश्ते का खुलासा
अन्ना के आंदोलन को आर एस एस की मदद की बात करने पर केजरिवाल से लेकर अन्ना तक गुस्सा जाते थें। अन्ना ने कभी भी यह स्वीकार नही किया कि उनका आर एस एस से कभी कोई संबंध रहा है । जबकि अन्ना आर एस एस के साथ नानाजी देशमुख के अंदर काम करते रहे हैं । यह खुलासा दिग्विजय सिंह या कांग्रेसियों का नही है । नई दुनिया अखबार ने आज के अपने समाचार पत्र में इसे प्रकाशित किया है । दीन दयाल उपाध्याय शोध संस्थान के ग्रामीण ्विकास योजना से अन्ना का संबंध रहा है । ग्राम विकास के क्षेत्र में कार्यरत स्वैच्छिक संस्थाओं से मिलकर एक ग्राम विश्व संस्था का भी निर्माण अन्ना ने किया था । नानाजी देशमुख इसके अध्यक्ष और अन्ना सचिव थें। यह सारी बातें नानाजी के अन्नय सहयोगी रहे राम प्रसाद गुप्त ने बताई है । अन्ना के आर एस एस संबंधो को कांग्रेस का प्रोपगंडा कहकर नही नकारा जा सकता । यहां यह विषय बहस का मुद्दा नही है कि सहयोगी होना या आर एस एस से संबंध रखना ्सही है या गलत बल्कि मुद्दा यह है कि अगर संबंध है तो छुपायेंगें क्यों । मेरे भी बहुत सारे मित्र आर एस एस से जुडे हैं , मैं भी आर एस एस की कुछ बातों का समर्थन करता हूं और इसे स्वीकार भी करता हूं। आर एस एस सिर्फ़ मुसलमानों के प्रति अपने कथनी और करनी में बदलाव लाये , मैने हमेशा यह मांग की है । अन्ना का आर एस एस से संबंध को इन्कार करना , अन्ना की विश्वसनियता पर प्रश्न चिंह लगाता है , वैसे मैने अन्ना को कभी विश्वसनीय नही माना । जो आदमी अपना भूतकाल को बताने में भय महसूस करता है , वह कभी विश्वसनीय नही हो सकता । अन्ना फ़ुल बेचने के बाद दो दुकानों के मालिक बनें , लडको का एक दल बनाया और उसी मुंबई में जहां आज वह अनशन करने जा रहे हैं , वहां दादागिरी की । ्मैने यह प्रश्न उनके ब्लाग पर भी डाला था और कहा था अन्ना अपने जिंदगी के सच को सामने लाओ , उस औरत को अधिकार दो जिससे तुम्हारा संबंध रहा । जानता हूं अन्ना ऐसा नही कर सकतें क्योंकि वह एक पाखंडी व्यक्ति हैं ।
अन्ना और नानाजी देशमुख : नई दुनिया
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यह भी पता चला।
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