अनशन देशहित में है यह सिद्ध नही : मुंबई हाईकोर्ट


अनशन देशहित में है यह सिद्ध नही : मुंबई हाईकोर्ट

अन्ना चौकडी हर काम अपने शर्तों पर चाहती है , इस तरह की हरकत बाहुबली गुंडे करते हैं । सारे नियम कानून तोडकर उनका काम होना चाहिये अन्यथा बाहुबल तो हैं हीं । अन्ना को मुंबई में अनशन करना था , दिल्ली में ठंढ है । करोडपति , पंचसितारा अन्ना चौकडी को ठंढ लगने का खतरा था । अनशन को शिफ़्ट कर दिया मुंबई । वहां मैदान के किराये को लेकर मामला गरमाया । नियमानुसार अगर कोई निबंधित संस्था एम एम आर डी ए का मैदान किराये पर लेना चाहे तो उसे प्रतिदिन दो लाख रुपये अदा करना पडता है अन्यथा सामान्य किराया तीन लाख सैतीस हजार है । अन्ना चौकडी के पास सब मिलाकर २० से ज्यादा निबंधित संस्था है ।  अब यह अन्ना चौकडी हीं बता सकता है कि आखिर क्या कारण है निबंधित संस्था रहते हुये उसके नाम पर आवेदन न देने का। अन्ना का अपना दस ट्रस्ट है । अन्ना चौकडी ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया । उच्च न्यायालय ने अन्ना चौकडी को उनकी औकात भी बताई । प्रश्न  किया जब संसंद में लोकपाल पर बैठक चल रही है वैसी हालत में अनशन का अर्थ क्या है । अन्ना चौकडी ने अपने अनशन को देशहित में बताया । न्यायालय ने कहा यह सिद्ध नही होता है कि अन्ना का अनशन देशहित में है । कोर्ट ने फ़टकार भी लगाया अन्ना चौकडी को हालांकि इससे उनपर कोई असर नही पडनेवाला ।



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