इस तरह पटना ‘हिन्दुस्तान’चुतिया बना रहा अपने पाठकों को

लगातार हो रही है खबरें रिपीट:





पटना से प्रकाशित होने वाले और खुद को बिहार में सबसे लोकप्रिय बताने वाले ‘हिन्दुस्तान’ को या तो खबरों का अकाल पड़ गया है या वह बिहार के पाठकों को चुतिया समझ लगातार वेवकूफ बना रहा है। नीचे दी गई तस्वीर सोमवार (25 जुलाई) को प्रकाशित कैमूर संस्करण अखबार का है। इस अखबार में प्रथम पृष्ठ पर ‘आक्सीजन खत्म, चार मरीजों की गई जान’ शीर्षक से मुजफ्फरपुर के एक सरकारी अस्पताल से संबंधित खबर छपी है। खबर भी रिपोर्टर की बाइलाइन है। आश्चर्य की बात तो यह है कि यही खबर इसी अखबार और इसी संस्करण के पृष्ठ संख्या 13 पर भी है जिसकस शीर्षक है ‘ऑक्सीजन खत्म चार रोगी मरे’ आश्चर्य की बात तो यह है कि एक ही दिन, एक ही खबर दो जगह छपी और दोनों में बाइलाइन है। ऐसा नहीं कि इस खबर का रिपीटेशन किसी एक संस्करण में हुआ हो। हिन्दुस्तान के उत्तर बिहार संस्करण में भी यही माजरा है। सनद रहे कि हिन्दुस्तान का पेज बनने के बाद उसे प्रोवेंशियल डेस्क इंचार्ज अवधेश प्रीत और इसके बाद संपादक भी देखते हैं पर किसी की नजर इतनी बड़ी भूल पर नहीं जाती अवधेश प्रीत ऐसे भी संपादक के करीबी और उन्हीं के स्वजातीय हैं इसलिए अकु श्रीवास्तव की उन पर ज्यादा कृपा बनी रहती है। हिन्दुस्तान के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार रविवार को भी रोहतास जिले के काराकाट में किसान आंदोलन और पुलिस लाठी चार्ज से एक संबंधित खबर कैमूर एडीशन में छाप दी गई जबकि बक्सर और आरा एडीशन में नहीं जहां और जिस कार्यालय से संबंधित यह खबर थी। इस मामले की शिकायत जब संपादक तक पहुंची तो उन्होंने इसके लिए दोषी डेस्क इंचार्ज को तलब करने के बजाए पेजीनेटर कौशलेन्द्र पर अपना भड़ास निकाला।


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