सुशील मोदी ने पढाया भ्रष्टाचार छुपाने का पाठ
सुशील मोदी ने पढाया भ्रष्टाचार छुपाने का पाठ
अभी बिहार में भाजपा के कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण शिविर लगा था। इस शिविर में बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने केन्द्र के भ्रष्टाचार और बढती मंहगाई के खिलाफ़ आंदोलन करने के गुर का प्रशिक्षण दिया । मजेदार बात यह रही की राज्य में फ़ैले भ्रष्टाचार पर एक शब्द मोदी ने नही कहा जबकि जनता को सबसे ज्यादा सामना राज्य सरकार के भ्रष्टाचार का करना पडता है । किसी भी सरकारी विभाग में जायें बिना पैसे दिये काम नही होता । रह गई बात महंगाई की तो राज्य सरकार भी पुरी तरह जिम्मेवार है । कर केन्द्र और राज्य दोनो के द्वारा लगाया जाता है । अगर कोई राज्य सरकार चाहे तो अपने टैक्स में कमी कर के उससे निपट सकती है । उसी तरह केन्द्र के द्वारा जो टैक्स वसुला जाता है उसमें राज्य सरकार का भी हिस्सा होता है । राज्य सरकार अनुदान देकर बढी हुई किमतों पर नियंत्रण रख सकती है । मोदी को दिल्ली सरकार से सबक लेने की जरुरत है जहां परिवहन शुल्क अधिक होने के वावजूद आवश्यक सामान यानी , चावल, गेंहूं , सब्जी, तेल का दाम बिहार से भी कम है । जितने पैसे में बिहार में जिवन यापन हो सकता है उससे कम में दिल्ली में। हां मकान का किराया , बिजली की दर , यातायात के साधन महंगे हैं। हालांकि यातायात के सार्वजनिक साधन सस्ते हैं। ५० रु० में एसी बस का टिकट लेकर गर्मी के मौसम में दिनभर दिल्ली घुम सकते हैं और किसी भी बस से सफ़र कर सकते हैं। भाजपा ने शिला पूजन जैसे भावनात्मक मुद्दे को उभारकर आमजन की भावना का शोषण किया और बाबरी मस्जिद तोडकर अफ़गानिस्तान के बामयान की बुद्ध मुर्ति खंडित करनेवालों के समकक्ष देश को खडा कर दिया था अब वह नही होनेवाला । देश में फ़ैले भ्रष्टाचार, महंगाई और गरीब-अमीर के बीच बढती खाई के लिये कांग्रेस और भाजपा समान रुप से दोषी हैं। सच तो यह है कि मोदी का कांग्रेस के खिलाफ़ संघर्ष की बात करना अपने खुद के भ्रष्टाचार को छुपाने जैसा है । वस्तुत: यह पाठ खुद के भ्रष्टाचार से ध्यान बटाने और उसे छुपाने का था ।
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अभी बिहार में भाजपा के कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण शिविर लगा था। इस शिविर में बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने केन्द्र के भ्रष्टाचार और बढती मंहगाई के खिलाफ़ आंदोलन करने के गुर का प्रशिक्षण दिया । मजेदार बात यह रही की राज्य में फ़ैले भ्रष्टाचार पर एक शब्द मोदी ने नही कहा जबकि जनता को सबसे ज्यादा सामना राज्य सरकार के भ्रष्टाचार का करना पडता है । किसी भी सरकारी विभाग में जायें बिना पैसे दिये काम नही होता । रह गई बात महंगाई की तो राज्य सरकार भी पुरी तरह जिम्मेवार है । कर केन्द्र और राज्य दोनो के द्वारा लगाया जाता है । अगर कोई राज्य सरकार चाहे तो अपने टैक्स में कमी कर के उससे निपट सकती है । उसी तरह केन्द्र के द्वारा जो टैक्स वसुला जाता है उसमें राज्य सरकार का भी हिस्सा होता है । राज्य सरकार अनुदान देकर बढी हुई किमतों पर नियंत्रण रख सकती है । मोदी को दिल्ली सरकार से सबक लेने की जरुरत है जहां परिवहन शुल्क अधिक होने के वावजूद आवश्यक सामान यानी , चावल, गेंहूं , सब्जी, तेल का दाम बिहार से भी कम है । जितने पैसे में बिहार में जिवन यापन हो सकता है उससे कम में दिल्ली में। हां मकान का किराया , बिजली की दर , यातायात के साधन महंगे हैं। हालांकि यातायात के सार्वजनिक साधन सस्ते हैं। ५० रु० में एसी बस का टिकट लेकर गर्मी के मौसम में दिनभर दिल्ली घुम सकते हैं और किसी भी बस से सफ़र कर सकते हैं। भाजपा ने शिला पूजन जैसे भावनात्मक मुद्दे को उभारकर आमजन की भावना का शोषण किया और बाबरी मस्जिद तोडकर अफ़गानिस्तान के बामयान की बुद्ध मुर्ति खंडित करनेवालों के समकक्ष देश को खडा कर दिया था अब वह नही होनेवाला । देश में फ़ैले भ्रष्टाचार, महंगाई और गरीब-अमीर के बीच बढती खाई के लिये कांग्रेस और भाजपा समान रुप से दोषी हैं। सच तो यह है कि मोदी का कांग्रेस के खिलाफ़ संघर्ष की बात करना अपने खुद के भ्रष्टाचार को छुपाने जैसा है । वस्तुत: यह पाठ खुद के भ्रष्टाचार से ध्यान बटाने और उसे छुपाने का था ।
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