बिहार जमीन आवंटन घोटाला
बिहार जमीन आवंटन घोटाला
चोरों के सरदार हैं नीतीश कुमार
सैयां चोरो का सरदार निकला
नपुंसक बन गये हैं बिहार के पत्रकार
मीडिया को अपनी रखैल बनाकर मुजरे की महफ़िल में मीडिया के नाजूक मुलायम हाथों से पान की गिलोरियां दबाने वाले और खुश होकर नोटो के बदले विग्यापन लूटानेवाले नीतीश कुमार की कारगुजारी अब सामने आने लगी है । केन्द्र की नीति पर और किसानो की जमीन अधिग्रहण के मुद्दे पर कांग्रेस को गरिया रहे नीतीश कुमार खुद बहुत बडे जमीन घोटाले में घिर चुके हैं, हालांकि बेशर्मी से नकारात्मक जवाब देने में माहिर नीतीश का जवाब भी क्या होगा यह सबको पता है । BIADA ( Bihar industrial area development authority ) बिहार में कल कारखानों के विकास के लिये स्थापित की गई संस्था है जो उद्योगों के लिये जमीन का आवंटन करती है । उसने उद्योगों के विकास के लिये सबसे योग्य मंत्री , विधायक और पार्षद पुत्रों को समझा और बिना किसी नियम कानून की परवाह किये उन्हें जमीन आवंटित कर दी। जमीन के आवंटन से लाभान्वित होनेवाले भ्रष्टाचार का सामना कर रहे है मानव संसाधन मंत्री पी के शाही जिनके उपर बी एड शिक्षको की सूची में लापरवाही बरतने का आरोप लगा हुआ है वह शामिल हैं , समाज कल्याण मंत्री अमानुल्लाह परवीन जिनके आई ए एस पति अफ़जल अमानुल्लाह ने राज्यपाल देवानंद कुंवर और नीतीश कुमार के बीच कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर चल रहे तनाव को समाप्त करवाने में दलाल की भुमिका निभाई थी , और दलाली के रुप में अपनी खुबसुरत पत्नी अमानुल्लाह परवीन के लिये साहेबपुर कमाल से जदयू का टिकट तथा जितने के बाद मंत्रीपद लिया प्राप्त किया था , वह , विधान पार्षद अशोक चौधरी, अवधेश नारायन सिंह, दंबंग सांसद जगदीश शर्मा तथा एक प्रधान सचिव का नाम शामिल है ।
मीडिया को अपनी रखैल बनाकर मुजरे की महफ़िल में मीडिया के नाजूक मुलायम हाथों से पान की गिलोरियां दबाने वाले और खुश होकर नोटो के बदले विग्यापन लूटानेवाले नीतीश कुमार की कारगुजारी अब सामने आने लगी है । केन्द्र की नीति पर और किसानो की जमीन अधिग्रहण के मुद्दे पर कांग्रेस को गरिया रहे नीतीश कुमार खुद बहुत बडे जमीन घोटाले में घिर चुके हैं, हालांकि बेशर्मी से नकारात्मक जवाब देने में माहिर नीतीश का जवाब भी क्या होगा यह सबको पता है । BIADA ( Bihar industrial area development authority ) बिहार में कल कारखानों के विकास के लिये स्थापित की गई संस्था है जो उद्योगों के लिये जमीन का आवंटन करती है । उसने उद्योगों के विकास के लिये सबसे योग्य मंत्री , विधायक और पार्षद पुत्रों को समझा और बिना किसी नियम कानून की परवाह किये उन्हें जमीन आवंटित कर दी। जमीन के आवंटन से लाभान्वित होनेवाले भ्रष्टाचार का सामना कर रहे है मानव संसाधन मंत्री पी के शाही जिनके उपर बी एड शिक्षको की सूची में लापरवाही बरतने का आरोप लगा हुआ है वह शामिल हैं , समाज कल्याण मंत्री अमानुल्लाह परवीन जिनके आई ए एस पति अफ़जल अमानुल्लाह ने राज्यपाल देवानंद कुंवर और नीतीश कुमार के बीच कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर चल रहे तनाव को समाप्त करवाने में दलाल की भुमिका निभाई थी , और दलाली के रुप में अपनी खुबसुरत पत्नी अमानुल्लाह परवीन के लिये साहेबपुर कमाल से जदयू का टिकट तथा जितने के बाद मंत्रीपद लिया प्राप्त किया था , वह , विधान पार्षद अशोक चौधरी, अवधेश नारायन सिंह, दंबंग सांसद जगदीश शर्मा तथा एक प्रधान सचिव का नाम शामिल है ।
अशोक चौधरी को 1306800 वर्गफ़ीट और 246114 वर्गफ़ीट उनकी फ़र्म है M/s Auro Sundram International Private Limited Sri Ashok Kumar ChoudharyAt Raipur Industrial Area, Gagal Hari Road, Bhagwanpur, Dist - Hardwar, Uttarakhand इनकी फ़र्म के प्लाट न० की जगह पर दर्ज है ( plot no. As Per Map ) ये लिक्विड ग्लुकोज बनायेंगे
जगदीश शर्मा के पुत्र राहुल कुमार की फ़र्म का नाम है M/S Dev Lok Agro & Beverage Pvt Ltd, Rahul Kumar, Industrial Area, Hajipur , 15500 sq.ft. इनके प्लाट का न० है ( plot no. D-18,19,20(P)) इन्हें मिनरल वाटर के लिये जमीन दी गई है ।
अवधेश नारायण सिंह को आवांटित जमीन महेश कुमार वर्मा के नाम पर है और उस फ़र्म का ्पता वह है जहां अवधेश नारायण सिंह का निवास है । (2M/s Trident Foundation Sri Mahesh Kumar, Verma Center (405-406), Boring Road Crossing, Patna Mob : 9431262624 ) इसका प्लाट न०। है plot no. MUP III (P) ) इन्हें शिक्षण संस्थान के लिये जमीन आवंटित की गई है ।
इस पुरे प्रकरण का सबसे दुखद पहलू यह है कि पटना में बैठे मीडिया जगत के महान पत्रकारों ने किसी भी अखबार में एक कालम का समाचार इस संबंध में नही छापा । पटना के अखबार और पत्रकारों की दयनीय दशा को देखकर विनायक विजेता की कमी खल रही है , लगता है कि आजकल या तो वह पत्रकारिता की गिरावट से खिन्न होकर घर बैठे हुये हैं या उनकी कलम किसी दबाव में हैं , लेकिन चाहे कितना भी दबाव हो, पत्रकार को अपनी कलम चलानी चाहिये ।
फ़ारबिस गंज की गोली वाली घटना की जांच सीबीआई से न करवाने का कारण भी यह डर था कि कहीं नीतीश सरकार के घोटाले न खुलने लगें। पहले एसी डीसी बिल अब जमीन । अब सरकार का तर्क होगा की आवंटन गैर कानूनी नही है , जैसा तर्क येदुरप्पा ने दिया था। लेकिन जिनलोगों को जमीन का आवंटन किया गया है उनके पास व्यवसाय करने का कोई अनुभव नही है । नैतिकता की दुहाई दे रहें नीतीश की अनैतिकता अब खुलकर सामने आ रही है ।
कल रात में 9 बजे के कार्यक्रम में IBN7 मैनेजिंग एडिटर, आशुतोष के साथ रघुवंश सिंह लालू के पार्टी के वरिष्ठ नेता के साथ शिवानंद तिवारी और वरिष्ट पत्रकार अरविंद मोहन को सुन रहा था। बेशर्मी की हद तक शिवानंद तिवारी सरकार का बचाव कर रहे थे। ज्ञात हो कि शिवानंद तिवारी स्वतंत्रता सेनानी रामानंद तिवारी के पुत्र हैं और कभी लालू के बेहद करीबी लोगों में से थे लेकिन लालू के पतन को सन्निकट देखकर पलटी मार गए और नीतीश के साथ हो गएऔर इसका उन्हें ईनाम भी मिला।
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