मिश्र का आंदोलन कट्टरपंथियों के हाथ में
मिश्र का आंदोलन कट्टरपंथियों के हाथ में
जैसी की आशंका थी , मिश्र के आंदोलन पर कट्टरपंथिंयो ने कब्जा जमाना शुरु कर दिया है । इस्लामिक कानून संविधान से उपर है की तख्ती लिए कट्टरपंथी कल शुक्रवार को काहिरा के ताहिर स्क्वायर पर आयोजित विरोध मार्च में मौजूद थें। कट्टरपंथी जमात का नेतर्त्व मुस्लिम ब्रदरहुड तथा सलाफ़िस्त कर रहे हैं। हालांकि उदारवादी युवा संगठनों ने विरोध करते हुए खुद को मार्च से अलग रखा। मुस्लिम ब्रदरहुड दुनिया की सबसे पुराना इस्लामिक संगठन है जिसकी स्थापना वर्ष १९२८ में मिस्त्र में इस्लामिक विद्वान हसन अल बना द्वारा की गई थी। इस संगठन का उद्देश्य दुनिया में इस्लामिक शासन की स्थापना है । हालांकि खुले तौर पर यह संगठन हिंसा के खिलाफ़ होने का दावा करता है । ओसामा बिन लादेन भी पहले इस संगठन से प्रभावित था लेकिन हिंसा के रास्ते परिवर्तन लाने की सनक के कारण बाद में इसका आलोचक बन बैठा। यह संगठन पुरी दुनिया में इस्लाम का प्रचार करने, स्कुल कालेज खोलने, यहां तक की व्यवसाय करने का भी काम करता है । बहुतायत अरब मुल्को में यह संगठन या इससे जुडे संगठन प्रमुख विपक्षी दल है। मिस्त्र का भविष्य भी इरान की तरह नजर आ रहा है और अगर ऐसा होता है तो इसका जिम्मेवार अमेरिका होगा।
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