अल कायदा से बडा आतंकवादी हैं स्पेन
अल कायदा से बडा आतंकवादी हैं स्पेन
आतंकवाद का अर्थ सिर्फ़ वह नही है जो पश्चिमी मुल्क हमें समझाते हैं। अमेरिका के लोगों की हत्या होती है तो सारी दुनिया छाती पिटने लगती है । इंग्लैंड , फ़्रांस, स्पेन जैसे मुल्क तो इस तरह गम मनाते हैं जैसे धरती से मानवता हीं समाप्त हो गई। ये पश्चिमी मुल्क खुद को मानवता के फ़रमबदार मानते हैं। गिरगिटिया मजदूर से लेकर गुलाम प्रथा और अब ठेके पर मजदूर बहाल करने की प्रथा , यह सब इन्हीं की देन है। अफ़गानिस्तान से इराक तक जो नरसंहार हो रहा है, उसके दोषी हैं ये मुल्क । हिंसा इनके नस – नस में भरी है । एक खेल है बुल फ़ाईटिंग यानी सांडों से लडाई । यह स्पेन का सबसे पसंदीदा खेल है । इस खेल में खिलाडी सांडों को जानतक से मार देते हैं। सांडों को खुंखार बनाया जाता है , उन्हें लडने के लिये भडकाया जाता है । सांडों की मदद के लिये कोई नही होता लेकिन खिलाडी की मदद के लिये सहयोगी तैनात रहते हैं। स्पेन के लोग इस खेल को बहुत चाव से देखते हैं और आनंद लेते हैं। यह भी एक आतंकवाद है , पुरी मानवता के खिलाफ़ , यह इंसान की हत्या से बडा जुल्म है । इस खेल को स्पेन की सरकार से अनुमति मिली हुई है । वह सारे लोग जो इस खेल से जुडे है , इस खेल को देखनेवाले दर्शक और स्पेन की सरकार मानवता की हत्या के दोषी हैं , अगर स्पेन के लोगों पर आतंकवादी हमला होता है तो उसका गम मनाने या निंदा करने की वजाय यह पुछना चाहिये की तुम क्यों मारते हो निर्दोष सांडों को खेल के नाम पर । आतंकवादी हमले को मारे गये सांडों की आत्मा के द्वारा लिया गया बदला मानना चाहिये । स्पेन , तालिबान और अल – कायदा से बडा आतंकवदी है ।
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आतंकवाद का अर्थ सिर्फ़ वह नही है जो पश्चिमी मुल्क हमें समझाते हैं। अमेरिका के लोगों की हत्या होती है तो सारी दुनिया छाती पिटने लगती है । इंग्लैंड , फ़्रांस, स्पेन जैसे मुल्क तो इस तरह गम मनाते हैं जैसे धरती से मानवता हीं समाप्त हो गई। ये पश्चिमी मुल्क खुद को मानवता के फ़रमबदार मानते हैं। गिरगिटिया मजदूर से लेकर गुलाम प्रथा और अब ठेके पर मजदूर बहाल करने की प्रथा , यह सब इन्हीं की देन है। अफ़गानिस्तान से इराक तक जो नरसंहार हो रहा है, उसके दोषी हैं ये मुल्क । हिंसा इनके नस – नस में भरी है । एक खेल है बुल फ़ाईटिंग यानी सांडों से लडाई । यह स्पेन का सबसे पसंदीदा खेल है । इस खेल में खिलाडी सांडों को जानतक से मार देते हैं। सांडों को खुंखार बनाया जाता है , उन्हें लडने के लिये भडकाया जाता है । सांडों की मदद के लिये कोई नही होता लेकिन खिलाडी की मदद के लिये सहयोगी तैनात रहते हैं। स्पेन के लोग इस खेल को बहुत चाव से देखते हैं और आनंद लेते हैं। यह भी एक आतंकवाद है , पुरी मानवता के खिलाफ़ , यह इंसान की हत्या से बडा जुल्म है । इस खेल को स्पेन की सरकार से अनुमति मिली हुई है । वह सारे लोग जो इस खेल से जुडे है , इस खेल को देखनेवाले दर्शक और स्पेन की सरकार मानवता की हत्या के दोषी हैं , अगर स्पेन के लोगों पर आतंकवादी हमला होता है तो उसका गम मनाने या निंदा करने की वजाय यह पुछना चाहिये की तुम क्यों मारते हो निर्दोष सांडों को खेल के नाम पर । आतंकवादी हमले को मारे गये सांडों की आत्मा के द्वारा लिया गया बदला मानना चाहिये । स्पेन , तालिबान और अल – कायदा से बडा आतंकवदी है ।
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