हिंदुस्तान के गया संवाददाता सतीश मिश्रा के खिलाफ़ बी-कलासों की बैठकबाजी

बिहार के गया जिले में दो शब्द बहुत प्रचलित हैं , एक बैठकबाजी और दुसरा बीकलासी । दोनो का भावार्थ यहा पहले बता देता हूं । बैठकबाजी का अर्थ हुआ बैठे-बैठे झगडा लगाने का तरीका , किसी के बारे दुसरे का कान भरना और यह कहना कि वह तु्म्हारे विषय में गलत सोचता है , बार – बार इस तरह कान भरा जाता है कि बिना कारण दो दोस्त एक दूजे के दुश्मन बन जाते हैं। दुसरा शब्द है बीक्लासी , इसकी उत्पति जेल से हुई है , वहां वीआईपी कैदियों के लिये अलग व्यवस्था जेल मैनुअल के अनुसार है , उस श्रेणी में राजनैतिक कैदी भी आते हैं । उन्हें डीवीजन की श्रेणी में रखा जाता है , एक बडा सा हाल, रसोईया , नौकर सहित । वहां जेल के अन्य कैदी आकर बैठते हैं और गपशप करते हैं , अब वीआईपी कैदियों को कोई काम तो होता नही है , वे अपना समय गुजारने के लिये कैदियों को हीं आपस में लडाते रहते हैं , उनके बारे में अफ़वाह फ़ैलाते रहते हैं। गया हिंदुस्तान के प्रभारी सतीश मिश्रा फ़स गये गया के बैठकबाजी में । कुछ स्वनामधन्य पत्रकारों ने वहां कार्यरत शिवशंकर सिंह को सतीश मिश्रा के खिलाफ़ भडकाया और मामला इतना आगे बढा कि शिवशंकर हिंदुस्तान छोडकर प्रभात खबर जा पहुंचे। वेब पोर्टल पर भी इस मामला का जिक्र हुआ । भडास ने भी लिखा , परिणाम हिंदुस्तान मैनेजमेंट ने शिवशंकर को समझाया और शिवशंकर वापस लौट के हिंदुस्तान चले आयें। अब एक नया शगुफ़ा छोडा गया है कि शिवशंकर के इस एपीसोड के कारण हिंदुस्तान मैनेजमेंट सतीश मिश्रा से खफ़ा है , जबकि इस तरह की कोई बात नही है । यह सब स्थानीय स्तर पर कुछ बीक्लास पत्रकारों की देन है तथा बैठकबाजी है । वैसे एक पत्रकार होकर न तो सतीश मिश्रा और न हीं शिवशंकर इस बैठकबाजी को समझ पायें यह दुर्भाग्य की बात है ।
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