भगवान ने दिया एक लाख करोड गरीबों के लिये
भगवान ने दिया एक लाख करोड गरीबों के लिये
तिरूवनंतपुरम के पद्मनाभस्वामी मंदिर के तहखाने से बेशुमार बेशकीमती चीजें मिलने का सिलसिला जारी है – अभी तक एक लाख करोड़ का खजाना मिला, जबकि एक चैम्बर खुलना बाकी। यह पैसा अगर शैक्षिक सस्थानों की स्थापना में लगा दिया जाय तो लाह्कों वंचित बच्चे उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं। -तीन राज्यों का खर्चा उठा सकते हैं अकेले पद्मनाभस्वामी। भाजपा चाहती है कि खजाना मंदिर के पास हीं रहे भलें हीं देश के लोग भुखे मरें। भाजपा हिंदुवादी पार्टी है शायद इसलिये यह मांग कर रही है लेकिन यह एक अच्छा मौका है हिंदुत्व के उदारवाद को स्थापित करने और इसे मंदिरों तक सीमित न करके जन-जन तक पहुंचाने का। किसी भी दल द्वारा इस राशी का उपयोग जनहित के कार्यों में करने का विरोध एक प्रकार से देशद्रोह है । इस राशी का श्रोत किसी को नही पता है । इतनी समझ तो सबको है कि गुप्तदान देनेवाले अधिकांश कालाधन धारक होते है। अन्ना के लोकपाल और रामदेव के कालाधन वापस लाने के ड्रामों से ज्यादा जरुरी है जो राशी भगवान ने रखी है उसे भगवान के भक्तों की भलाई के लिये व्यय किया जाय । भगवान भी तो भक्तों का भला करते हैं।
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तिरूवनंतपुरम के पद्मनाभस्वामी मंदिर के तहखाने से बेशुमार बेशकीमती चीजें मिलने का सिलसिला जारी है – अभी तक एक लाख करोड़ का खजाना मिला, जबकि एक चैम्बर खुलना बाकी। यह पैसा अगर शैक्षिक सस्थानों की स्थापना में लगा दिया जाय तो लाह्कों वंचित बच्चे उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं। -तीन राज्यों का खर्चा उठा सकते हैं अकेले पद्मनाभस्वामी। भाजपा चाहती है कि खजाना मंदिर के पास हीं रहे भलें हीं देश के लोग भुखे मरें। भाजपा हिंदुवादी पार्टी है शायद इसलिये यह मांग कर रही है लेकिन यह एक अच्छा मौका है हिंदुत्व के उदारवाद को स्थापित करने और इसे मंदिरों तक सीमित न करके जन-जन तक पहुंचाने का। किसी भी दल द्वारा इस राशी का उपयोग जनहित के कार्यों में करने का विरोध एक प्रकार से देशद्रोह है । इस राशी का श्रोत किसी को नही पता है । इतनी समझ तो सबको है कि गुप्तदान देनेवाले अधिकांश कालाधन धारक होते है। अन्ना के लोकपाल और रामदेव के कालाधन वापस लाने के ड्रामों से ज्यादा जरुरी है जो राशी भगवान ने रखी है उसे भगवान के भक्तों की भलाई के लिये व्यय किया जाय । भगवान भी तो भक्तों का भला करते हैं।
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