पंडी जी धडाम से गिरे
पंडी जी धडाम से गिरे
अन्ना ने मांगा भ्रष्टाचारियों से मदद
अन्ना हजारे एन्ड पार्टी अब राजनीतिक दलों के दरवाजे –दरवाजे घुम रही है । अपने लोकपाल का पुलिंदा लेकर
यह वही लोग हैं जिनकी सभा में भगवा पार्टी का नेता या समर्थक जाता था तो वहां खडी भीड उसे भगा देती थी । हां साम्यवादी संस्था से जुडे हुओं को मंच पर बुलाया जाता था । हालांकि कई बार अन्ना को महान समझने वाली भोली – भाली जनता ने उन्हे भी भगाया । अब जब अन्ना को जंतर –मंतर से दुत्कार दिया गया और वह गौ छाप मलहम की तरह बिना कोई विरोध किये गांधी की समाधी स्थल पर जाकर बैठे तथा सरकार ने उनके जनलोकपाल वाले ड्राफ़्ट को मानने से इन्कार कर दिया तो उनकी पार्टी को अपनी औकात का पता चला। हालांकि अभीतक उनकी समझ में यह बात नही आई है कि उनका जो मसौदा है वह न सिर्फ़ देश के संविधान बल्कि प्रजातांत्रिक व्यवस्था के विपरित है और उसे सामुहिक साम्राज्यवादी व्यवस्था कह सकते हैं। ग्यारह आदमी इस देश की सभी संस्थाओं के मालिक बन जाये इससे ज्यादा बचकानी और मुर्खतापूर्ण बात कोई हो नही सकती। आज अन्ना नितीश से मिलने आये , अपने उसी ढपली और राग के साथ । नीतीश के राज्य में भ्रष्टाचार चरम पर है । नीतीश का शासन भी जन विरोधी है । पेट्रोलियम पदार्थों के मुल्यों में हुई वर्द्धि के बाद सभी राज्यों ने करों में कटौती की , बिहार ने १४ पैसे की छुट दी डीजल पर । इससे बडा मजाक क्या हो सकता है । बिहार में एक से बदकर एक भ्रष्ट अधिकारी है और नीतीश को सब पता है । अभी एसी-डीसी बिल घोटाले की पोल खुलनी बाकी है । यह ५४ हजार करोड रुपये का मामला है । इन पैसों के खर्च का कोई हिसाब नही है सरकार के पास । अन्ना के ग्रुपवालों को जनता के बीच जाने में शर्म महसुस हो रही है । वे आंदोलन नही चाहते बस एक बिल चाहते हैं जिसे वे अल्लाद्दीन का चिराग समझ रहे हैं। यह कैसा जनलोकपाल है , जिसको जनता से हीं शर्म हो। खैर अब बिल तो पास होगा लेकिन वह समस्या को बढानेवाला होगा । एक नई व्यवस्था जिसमे मारे जायेंगे भ्रष्टाचार के खिलाफ़ लडनेवाले । एक बात तो साफ़ हो गई , अन्ना और उनका ग्रुप जनता की सहभागिता को केन्द्र सरकार की एक धमकी से भुल गया और जिनके उपर नियंत्रण लगाने की बात है तथा जिसके लिये बिल तैयार किया गया था आज उन्हीं भ्रष्टाचारियों के दया का मुहताज हो गया बिल । अगर भ्रषटाचारी चाहेंगे तो बिल पास होगा अन्यथा नही । वाह रे अन्ना , वाह तुम्हारे सलाहकार ।
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अन्ना ने मांगा भ्रष्टाचारियों से मदद
अन्ना हजारे एन्ड पार्टी अब राजनीतिक दलों के दरवाजे –दरवाजे घुम रही है । अपने लोकपाल का पुलिंदा लेकर
यह वही लोग हैं जिनकी सभा में भगवा पार्टी का नेता या समर्थक जाता था तो वहां खडी भीड उसे भगा देती थी । हां साम्यवादी संस्था से जुडे हुओं को मंच पर बुलाया जाता था । हालांकि कई बार अन्ना को महान समझने वाली भोली – भाली जनता ने उन्हे भी भगाया । अब जब अन्ना को जंतर –मंतर से दुत्कार दिया गया और वह गौ छाप मलहम की तरह बिना कोई विरोध किये गांधी की समाधी स्थल पर जाकर बैठे तथा सरकार ने उनके जनलोकपाल वाले ड्राफ़्ट को मानने से इन्कार कर दिया तो उनकी पार्टी को अपनी औकात का पता चला। हालांकि अभीतक उनकी समझ में यह बात नही आई है कि उनका जो मसौदा है वह न सिर्फ़ देश के संविधान बल्कि प्रजातांत्रिक व्यवस्था के विपरित है और उसे सामुहिक साम्राज्यवादी व्यवस्था कह सकते हैं। ग्यारह आदमी इस देश की सभी संस्थाओं के मालिक बन जाये इससे ज्यादा बचकानी और मुर्खतापूर्ण बात कोई हो नही सकती। आज अन्ना नितीश से मिलने आये , अपने उसी ढपली और राग के साथ । नीतीश के राज्य में भ्रष्टाचार चरम पर है । नीतीश का शासन भी जन विरोधी है । पेट्रोलियम पदार्थों के मुल्यों में हुई वर्द्धि के बाद सभी राज्यों ने करों में कटौती की , बिहार ने १४ पैसे की छुट दी डीजल पर । इससे बडा मजाक क्या हो सकता है । बिहार में एक से बदकर एक भ्रष्ट अधिकारी है और नीतीश को सब पता है । अभी एसी-डीसी बिल घोटाले की पोल खुलनी बाकी है । यह ५४ हजार करोड रुपये का मामला है । इन पैसों के खर्च का कोई हिसाब नही है सरकार के पास । अन्ना के ग्रुपवालों को जनता के बीच जाने में शर्म महसुस हो रही है । वे आंदोलन नही चाहते बस एक बिल चाहते हैं जिसे वे अल्लाद्दीन का चिराग समझ रहे हैं। यह कैसा जनलोकपाल है , जिसको जनता से हीं शर्म हो। खैर अब बिल तो पास होगा लेकिन वह समस्या को बढानेवाला होगा । एक नई व्यवस्था जिसमे मारे जायेंगे भ्रष्टाचार के खिलाफ़ लडनेवाले । एक बात तो साफ़ हो गई , अन्ना और उनका ग्रुप जनता की सहभागिता को केन्द्र सरकार की एक धमकी से भुल गया और जिनके उपर नियंत्रण लगाने की बात है तथा जिसके लिये बिल तैयार किया गया था आज उन्हीं भ्रष्टाचारियों के दया का मुहताज हो गया बिल । अगर भ्रषटाचारी चाहेंगे तो बिल पास होगा अन्यथा नही । वाह रे अन्ना , वाह तुम्हारे सलाहकार ।
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