न्युयार्क में समलैंगिक विवाह कानून पास





न्युयार्क में समलैंगिक विवाह कानून पास
गे मैरिज कानून बनानेवाला सातवां अमेरिकी राज्य
५४ प्रतिशत अमेरिकी गे मैरिज के पक्षधर
सेक्सविहीन जीवन जीते हैं अधिकांश भारतीय ।
न्यूयार्क गे मैरिज को कानूनी जामा पहनानेवाला अमेरिका का सातवां राज्य बना । हालांकि एक अध्यादेश के आधार पर २००८ में हीं न्यूयार्क गे मैरिज को मान्यता मिल गई थी। सभी धर्मों के द्वारा समान सेक्स के साथ शादी के कानून का पुरजोर विरोध किया गया लेकिन चुनाव में पराजय और कानून के पक्ष में मतदान करने पर सिनेटरों को चुनाव का खर्च देने के लुभावने वादे के कारण , सिनेटरों ने इस कानून के पक्ष में मतदान किया । शादी का उद्देश्य सिर्फ़ बच्चे पैदा करने के विचार वाले धर्म गुरुओं ने कानून का इसी आधार पर विरोध भी किया । वर्तमान में शादी की परिभाषा बदल गई है इसका उद्देश्य मात्र बच्चे पैदा करना नही है । शादी का उद्देश्य अब एक ऐसे मित्र की तलाश है जिसके साथ आप बहुत कुछ बांट सकें। ग्लोबलाईजेशन ने सेक्स लाईफ़ को बहुत ज्यादा प्रभावित किया है । आज अच्छे- अच्छे पदों पर आसीन लोग सेक्सविहीन जीवन गुजार रहे हैं । मजेदार बात है कि उनके बच्चे भी हुये हैं। यानी कभी – कभार शारिरिक संबंध बन गया । ऐसे रिश्तों में भावना का पूर्णत: अभाव होता है । सामाजिक बंधन के कारण न चाहते हुये लोग इस तरह के रिश्तों को निभाते हैं। खासकर भारत में यह समस्या सबसे गंभीर है । गे मैरिज के पक्षधरों का मानना है कि अगर दो व्यक्ति एक दुसरे से प्यार करते है तो उन्हें कानूनन साथ रहने का अधिकार होना चाहिये । उन्होने जो दलील दी है गे मैरिज के पक्ष में उसे नकारा नही जा सकता । पहला फ़ायदास्वास्थ सुविधा यानी शादी के बाद नौकरी करनेवाले जोडे स्वास्य सुविधा के हकदार होगें। दुसरा किसी एक के बिमार होने की स्थिति में उन्हें अस्पताल जाकर देखने का और अपने पार्टनर के बारे में निर्णय देने का अधिकार होगा। तिसरा- - शादी के बाद नागरिकता प्राप्त करने का अधिकार चौथा- बच्चे गोद लेने का अधिकार । पांचवा सामाजिक सुरक्षा यानी जीवन बिमा से पेंशन तक का अधिकार । छठा समाज में सम्मान । वैसे इस कानून के बनने से सबसे बडा खतरा शादी ब्याह करानेवाले पुजारी , पादरी और मौलवी को है । शायद यही कारण है, उनके विरोध का ।






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