भ्रष्ट नही लड सकता भ्रष्टाचार की लडाई




भ्रष्ट नही लड सकता भ्रष्टाचार की लडाई
इमानदार आम आदमी
रामदेव के भागनेवाले प्रकरण से यह तो साबित हो गया कि एक भ्रष्टाचारी के अंदर नैतिक बल नही होता है । वह भीड जुटा सकता है , अच्छे-अच्छे डायलाग बोल सकता है लेकिन भ्रष्टाचार के विरुद्ध महासंग्राम का नायक नही बन सकता है । रामलीला मैदान में पुलिस के भय से रामदेव ने जो किया उससे भ्रष्टाचार की लडाई कमजोर हुई। उसके बाद भाजपा ने भी जो ड्रामा किया उसने इस पुरी जंग को सता के लिये संघर्ष में बदल दिया । आज अन्ना हजारे के अनशन में छ्द्दम गांधीवादी हाथ में ्संतो पर अत्याचार नही चलेगा की तख्ती लिये हुये नजर आयें , वह तो भला हो अरविंद केजरीवाल का , जिन्होने सभी दलों को दान से प्राप्त आय का ब्योरा देने की बात कह कर स्पष्ट कर दिया कि रामदेव के आंदोलन की तरह अन्ना के आंदोलन को हाईजैक करना मुश्किल है । भ्रष्टाचार के दोषी सभी दल और राज्य सरकारें हैं। एक दुसरे पर आरोप प्रत्यारोप की जगह अपने दल द्वारा शासित राज्यों में भ्रष्टाचार समाप्त करने का प्रयास करें। आज एक बहुत हीं सीधे-साधे व्यक्ति जो कला और संगीत में रुची रखते हैं, बिहार मीडिया के कार्यालय में आ गये फ़ुर्सत का माहौल था बाते निकल गईं, क्या आप भ्रष्टाचार के खिलाफ़ आंदोलन के नायक बनना चाहते हैं। जवाब के पहले हम उनसे हुई बात को विस्तार से बताते हैं। उनका नाम है रन्नू घोष हमलोग उन्हें रन्नू भैया कहते हैं ।आजतक सिर्फ़ संघर्ष करते रहें , बचपन से चाह थी सिने जगत में काम करने की । गया जैसे छोटे शहर में संगीत का माहौल बनाया । आर्केस्ट्रा गठन से लेकर रंगमंच पर अभिनय किया। किसी तरह से पैसे का जुगाड बैठाकर एक बार मुंबई पहुंच गयें। घर का खर्च पत्नी के पैसे चलता था । शिक्षिका थीं। रन्नू भैया किसी तरह पहुंच गये मुंबई यानी उस समय की बंबई । वहां जाकर थियेटर में एक्टिंग का काम शुरु किया । पर्थ्वी थियेटर में भी बहुत सारे नाटकों में अभिनय किया। एक दो एड फ़िल्मों में भी काम किया। घर के खर्चे से तो मुक्ति थी लेकिन बंबई में खुद का खर्च चलाना मुश्किल है इसलिये नौकरी भी करने लगें। उनके बारे में बोलने से बेहतर हैं उनसे की गई बातचीत को आप देखें और समझे आखिर क्यों आम आदमी इन ब्रांड नेम वाले आंदोलनकारी गुरुओं से खुद को अलग- थलग पाता है ।

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