अमेरिका और तालिबान समझौते की राह पर
अमेरिका और तालिबान समझौते की राह पर
आज अफ़गानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करज्य़ ने बताया कि अमेरिका तालिबान के साथ शांति के लिये बातचीत कर रहा है । अभीतक अमेरिका इससे इंकार करता रहा है । हालांकि काबुल स्थित अमेरिकी दुतावास ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने से इंकार कर दिया । अभी अमेरिका के एक लाख सैनिक अफ़गानिस्तान में हैं। ओबामा के सता में आने के पहले अफ़गानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों की संख्या ३४ हजार थी। अमेरिका अब अपने सैनिकों को वापस बुलाना चाहता है लेकिन यह भी नही चाहता की अफ़गानिस्तान में उसकी पकड कमजोर हो इसलिये वह तालिबान से बातचीत करके एक रास्ता निकालना चाहता है । अफ़गानिस्तान के शांतिप्रिय नागरिक तथा महिलाओं के संगठनों ने आशंका व्यक्त किया है कि अगर तालिबान को पुन: सता में हिस्सेदारी मिलती है तो आनेवाले समय मे अफ़गानिस्तान फ़िर कट्टरपंथियों के चंगुल में फ़स जायेगा और २००१ से किये जा रहे शांतिप्रेमी नागरिकों के लिये यह बहुत बडा आघात होगा ।
टिप्पणी के साथ अपना ई मेल दे जिस पर हम आपको जवाब दे सकें
आज अफ़गानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करज्य़ ने बताया कि अमेरिका तालिबान के साथ शांति के लिये बातचीत कर रहा है । अभीतक अमेरिका इससे इंकार करता रहा है । हालांकि काबुल स्थित अमेरिकी दुतावास ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने से इंकार कर दिया । अभी अमेरिका के एक लाख सैनिक अफ़गानिस्तान में हैं। ओबामा के सता में आने के पहले अफ़गानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों की संख्या ३४ हजार थी। अमेरिका अब अपने सैनिकों को वापस बुलाना चाहता है लेकिन यह भी नही चाहता की अफ़गानिस्तान में उसकी पकड कमजोर हो इसलिये वह तालिबान से बातचीत करके एक रास्ता निकालना चाहता है । अफ़गानिस्तान के शांतिप्रिय नागरिक तथा महिलाओं के संगठनों ने आशंका व्यक्त किया है कि अगर तालिबान को पुन: सता में हिस्सेदारी मिलती है तो आनेवाले समय मे अफ़गानिस्तान फ़िर कट्टरपंथियों के चंगुल में फ़स जायेगा और २००१ से किये जा रहे शांतिप्रेमी नागरिकों के लिये यह बहुत बडा आघात होगा ।
टिप्पणी के साथ अपना ई मेल दे जिस पर हम आपको जवाब दे सकें
Comments
Post a Comment
टिपण्णी के लिये धन्यवाद