वोट दो बलात्कार करवाओ
बलात्कारियों की पक्षधर भाजपा
वोट दो बलात्कार करवाओ
बिहार में भाजपा ने एक बलात्कारी विधायक राजकिशोर केसरी जिसे बलात्कार की शिकार रुपम पाठक ने मार डाला, , उसी बलात्कारी की पत्नी किरण केसरी को उप चुनाव में टिकट दिया है । । उस बलात्कारी के पक्ष में भाजपा के उप-मुख्यमंत्री सुशील मोदी जो पहले से हीं तर्क और दलीलें पेश कर रहे थें । देखना है कि वहां कि जनता क्या करती है , वैसे जातिवाद से ग्रसित बिहार में वैश्य समाज के नेतागण पहले हीं उस बलात्कारी के पक्ष में खडे थें। जब इन व्यवसायियों का अपहरण होता है या इनके साथ गुंडागर्दी होती है तो सभी चिल्लाने लगते हैं , आज ये व्यवसायी खुद एक अपराधी की मदद कर रहे हैं, फ़िर इन्हें कहां अधिकार है अपने साथ गलत होने पर आवाज उठाने का। भाजपा के बडे नेता या सुशील कुमार मोदी की बेटी के साथ वह सबकुछ हुआ रहता जो रुपम पाठक के साथ हुआ , तो क्या भाजपा का रुख यही होता ? जो बलात्कारी की मदद करता है उसे तैयार रहना चाहिये अपनी बेटी , बहन के साथ बलात्कार के लिये और उसे प्रतिकार का भी अधिकार नही है । दोमुही नीति नही चल सकती , एक तरफ़ बलात्कारी की मदद , दुसरी तरफ़ खुद के परिवार के साथ बलात्कार हो तो उसका प्रतिकार । भ्रष्टाचार और अपराध के खिलाफ़ लडाई तभी लडी जा सकती है , जब इनसे पीडित जनता खुद में भी सुधार लाये । पुर्णिया के लोगों को मालूम है राजकिशोर केसरी का सच , उसके बाद भी भाजपा की उम्मीदवार बलात्कारी राजकिशोर केसरी की पत्नी को वोट देने का अर्थ है अपनी आत्मा को मार देना । ऐसा वह आदमी हीं कर सकता है जो स्वंय अपनी बेटी या बहन के साथ हुये बलात्कार को बुरा न मानता हो। भाजपा ने तो खैर टिकट देकर यह प्रमाणपत्र दे दिया कि उसे बलात्कारियों से भी परहेज नही है । चुनाव का नतीजा बतायेगा कि पुर्णिया की जनता कितनी संवेदनशील है । वैसे पुर्णिया के लोग पूर्व में भी अपराधियों को जिताने और उनको हिरो बना चुके हैं । बाहुबली पप्पु यादव पुर्णिया के हीं सांसद थें।
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वोट दो बलात्कार करवाओ
बिहार में भाजपा ने एक बलात्कारी विधायक राजकिशोर केसरी जिसे बलात्कार की शिकार रुपम पाठक ने मार डाला, , उसी बलात्कारी की पत्नी किरण केसरी को उप चुनाव में टिकट दिया है । । उस बलात्कारी के पक्ष में भाजपा के उप-मुख्यमंत्री सुशील मोदी जो पहले से हीं तर्क और दलीलें पेश कर रहे थें । देखना है कि वहां कि जनता क्या करती है , वैसे जातिवाद से ग्रसित बिहार में वैश्य समाज के नेतागण पहले हीं उस बलात्कारी के पक्ष में खडे थें। जब इन व्यवसायियों का अपहरण होता है या इनके साथ गुंडागर्दी होती है तो सभी चिल्लाने लगते हैं , आज ये व्यवसायी खुद एक अपराधी की मदद कर रहे हैं, फ़िर इन्हें कहां अधिकार है अपने साथ गलत होने पर आवाज उठाने का। भाजपा के बडे नेता या सुशील कुमार मोदी की बेटी के साथ वह सबकुछ हुआ रहता जो रुपम पाठक के साथ हुआ , तो क्या भाजपा का रुख यही होता ? जो बलात्कारी की मदद करता है उसे तैयार रहना चाहिये अपनी बेटी , बहन के साथ बलात्कार के लिये और उसे प्रतिकार का भी अधिकार नही है । दोमुही नीति नही चल सकती , एक तरफ़ बलात्कारी की मदद , दुसरी तरफ़ खुद के परिवार के साथ बलात्कार हो तो उसका प्रतिकार । भ्रष्टाचार और अपराध के खिलाफ़ लडाई तभी लडी जा सकती है , जब इनसे पीडित जनता खुद में भी सुधार लाये । पुर्णिया के लोगों को मालूम है राजकिशोर केसरी का सच , उसके बाद भी भाजपा की उम्मीदवार बलात्कारी राजकिशोर केसरी की पत्नी को वोट देने का अर्थ है अपनी आत्मा को मार देना । ऐसा वह आदमी हीं कर सकता है जो स्वंय अपनी बेटी या बहन के साथ हुये बलात्कार को बुरा न मानता हो। भाजपा ने तो खैर टिकट देकर यह प्रमाणपत्र दे दिया कि उसे बलात्कारियों से भी परहेज नही है । चुनाव का नतीजा बतायेगा कि पुर्णिया की जनता कितनी संवेदनशील है । वैसे पुर्णिया के लोग पूर्व में भी अपराधियों को जिताने और उनको हिरो बना चुके हैं । बाहुबली पप्पु यादव पुर्णिया के हीं सांसद थें।
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