प्यार की उम्र नही होती ८५ का दुल्हा , ७५ की दुल्हन


बुढापे का सेहरा होठ तक लटके बाकी का काम उनकी दाढी से चले ये कोई मजाक नही हर उम्र में इंसान तंहा होता है और उसे साथी की जरुरत होती है , ये बात इस बात की तरफ़ ईशारा करती है कि वासना से उपर भी जिंदगी है । इसी की मिसाल पाकिस्तान के एक छोटे से कस्बे के अब्दुल गनी ने ८५ वर्ष की उम्र में शादी कर पेश की और समाज को ये बताया कि शादी की कोई उम्र नही होती। किस्मत का खेल भी अजब होता है । अब्दुल गनी ने अपनी तीन बीवीयों को औलाद न होने की वजह कर तलाक दे दिया और उनकी चार बीवीयां अल्लाह को प्यारी हो गई । आठवीं बीवीं जैनब जो ७५ वर्ष की हैं , इनके घर आई हैं और इनलोगों की नेक ख्वाहिश है कि ये दोनो हज कर सकें । शादी में मेहर की रकम ५०० रु० भी अब्दुल गनी ने दिया है तथा जैनब ने भी शादी के तुरंत बाद हीं अपने पति के घर की देखभाल शुरु कर दिया । आप भी दुआ करें की समाज मे इसी तरह की रौशनी बढे ताकी किसी को भी बुढापा बोझ न महसुस हो । आप भी प्रयास करें की अपने परिवार के बुजुर्गों के हित का इसी तरह ख्याल रखें । टिप्पणी के साथ अपना ई मेल दे जिस पर हम आपको जवाब दे सकें

Comments

Popular posts from this blog

भूमिहार :: पहचान की तलाश में भटकती हुई एक नस्ल ।

आलोकधन्वा की नज़र में मैं रंडी थी: आलोक धन्वा : एक कामलोलुप जनकवि भाग ३

origin and socio-economic study of kewat and Mehtar