नवीन जिंदल के बाप का है हिंदुस्तान
नवीन जिंदल के बाप का है हिंदुस्तान
रमेश अग्रवाल , हरिहर पटेल को रिहा करो
विकास के लिये गांव का विनाश बंद करो
एक संत को पर्यावरण की रक्षा के लिये जान की आहूति देते हुये सभी ने देखा । निगमानंद ७३ दिनों तक अनशन पर रहें लेकिन सरकार तथा न्यायपालिका के कानों में जूं तक नही रेंगीं।दो और पर्यावरणविद आज छतीसगढ में जिंदल स्टील के द्वारा लगाये जा रहे कोयला आधारित पावर प्लांट को पर्यावरण विभाग के द्वारा बिना अनापति प्रमाणपत्र के लगाने की अनुमति देने का विरोध कर रहे हैं । रमन सिंह की सरकार जिंदल के हाथों बिकी हुई है और प्रशासन अपने अत्याचार पर उतर आया है । न्यायपालिका जिसका दायित्व है नागरिक अधिकारों की रक्षा करना , वह भी सरकार के हां में हां मिला रही है । बिना्यक सेन के मामले में हमने चतीसगढ न्यायपालिका का कुरुप चेहरा देखा है । जिंदल ग्रुप की कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं नवीन जिंदल कांग्रेस का सांसद है । हालांकि रमन सिंह भाजपा के मुख्यमंत्री हैं लेकिन अंधाधुंध विकास के नाम पर वह भी जिंदल के साथ हैं। जिंदल ग्रुप पहले से स्थापित १००० मेगावाट के प्लांट को २४००० मेगावाट का बनाना चाहती है । जिंदल को पर्यावरण या वन विभाग से इसके लिये अनापत्ति प्रमाणपत्र निर्गत नही हुआ है । सरकार के नियमानुसार इस तरह के प्लांट के लिये आमजनता की सुनवाई की जाती है और अगर कोई शिकायत हो तो उसका निवारण किया जाता है । इस आम सुनवाई से सरकार लोगों के विचारों से भी परिचित होती है । ्वर्ष २००८ में इसी प्रकार की आम सुनवाई के दौरान कंपनी के गुंडों तथा पुलिस द्वारा डा० पटेल की बुरी तरह पिटाई हुई थी । रमेश अग्रवाल तथा हरिहर पटेल को २८ मई २०११ को गिरफ़्तार किया गया था । उनके उपर जून २०१० में आम सुनवाई के दौरान हंगामें का आरोप लगाया गया है । रमेश अग्रवाल को बिमार हालत में हथकडी लगाकर एक सरकारी अस्पताल में रखा ्गया है । यह मानवाधिकार का उल्लंघन है । निचली अदालत उनदोनो की जमानत खारिज कर चुकी है । गांवों को विकास के नाम पर उजाडा जा रहा है । चाहें नर्मदा की बात हो या छतीसगढ की । शहरो में रहनेवालों के लिये गावं को बर्बाद करना कहां तक उचित है । निचे रमेश अग्रवाल जी का फ़ोन नं० है । आप चाहें तो उनके परिवार से बात कर सकते हैं। 09301011022
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विकास के लिये गांव का विनाश बंद करो
एक संत को पर्यावरण की रक्षा के लिये जान की आहूति देते हुये सभी ने देखा । निगमानंद ७३ दिनों तक अनशन पर रहें लेकिन सरकार तथा न्यायपालिका के कानों में जूं तक नही रेंगीं।दो और पर्यावरणविद आज छतीसगढ में जिंदल स्टील के द्वारा लगाये जा रहे कोयला आधारित पावर प्लांट को पर्यावरण विभाग के द्वारा बिना अनापति प्रमाणपत्र के लगाने की अनुमति देने का विरोध कर रहे हैं । रमन सिंह की सरकार जिंदल के हाथों बिकी हुई है और प्रशासन अपने अत्याचार पर उतर आया है । न्यायपालिका जिसका दायित्व है नागरिक अधिकारों की रक्षा करना , वह भी सरकार के हां में हां मिला रही है । बिना्यक सेन के मामले में हमने चतीसगढ न्यायपालिका का कुरुप चेहरा देखा है । जिंदल ग्रुप की कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं नवीन जिंदल कांग्रेस का सांसद है । हालांकि रमन सिंह भाजपा के मुख्यमंत्री हैं लेकिन अंधाधुंध विकास के नाम पर वह भी जिंदल के साथ हैं। जिंदल ग्रुप पहले से स्थापित १००० मेगावाट के प्लांट को २४००० मेगावाट का बनाना चाहती है । जिंदल को पर्यावरण या वन विभाग से इसके लिये अनापत्ति प्रमाणपत्र निर्गत नही हुआ है । सरकार के नियमानुसार इस तरह के प्लांट के लिये आमजनता की सुनवाई की जाती है और अगर कोई शिकायत हो तो उसका निवारण किया जाता है । इस आम सुनवाई से सरकार लोगों के विचारों से भी परिचित होती है । ्वर्ष २००८ में इसी प्रकार की आम सुनवाई के दौरान कंपनी के गुंडों तथा पुलिस द्वारा डा० पटेल की बुरी तरह पिटाई हुई थी । रमेश अग्रवाल तथा हरिहर पटेल को २८ मई २०११ को गिरफ़्तार किया गया था । उनके उपर जून २०१० में आम सुनवाई के दौरान हंगामें का आरोप लगाया गया है । रमेश अग्रवाल को बिमार हालत में हथकडी लगाकर एक सरकारी अस्पताल में रखा ्गया है । यह मानवाधिकार का उल्लंघन है । निचली अदालत उनदोनो की जमानत खारिज कर चुकी है । गांवों को विकास के नाम पर उजाडा जा रहा है । चाहें नर्मदा की बात हो या छतीसगढ की । शहरो में रहनेवालों के लिये गावं को बर्बाद करना कहां तक उचित है । निचे रमेश अग्रवाल जी का फ़ोन नं० है । आप चाहें तो उनके परिवार से बात कर सकते हैं। 09301011022
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