सुषमा स्वराज की डांसगिरी






सुषमा स्वराज की डांसगिरी
डांस का मौका न मिलने से दिग्गी नाराज
रामदेव को आउट करने के लिये भाजपा ने दिल्ली में सत्याग्रह के दौरान लाठीचार्ज के विरोध में एक दिवसीय धरने का एलान किया था । धरना स्थल गांधी जी की समाधी राजघाट था। भाजपा की नेता सुषमा स्वराज ने वहां ठुमका लगाना शुरु किया तो दिग्गी राजा नाराज हो गयें। बहुत दिनों के बाद भाजपा को मौका मिला था कांग्रेस को उसके हीं जाल में फ़ासने का । जी हां रामदेव को कांग्रेस ने खडा किया भाजपा के वोट बैंक में छेद करने के लिये और वह श्रीमान मायावती की तरह कांग्रेस से समझौता रहते हुये भी गुर्राने लगें , कांग्रेस भला यह कैसे बर्दाश्त कर सकती थी । रामदेव को एक घंटे में मर्द से औरत बनाकर कांग्रेस ने हरिद्वार हरिभजन को भेज दिया । बात भी सही थी , चले थें हरिभजन को ओटन लगें कपास । जब समझौता था हीं , अच्छा-खासा चंदा वसूला गया था , आराम से जल तू जलाल तू आई बला को टाल तू करते हुये हरिद्वार के लिये बोरिया बिस्तर बांधकर चल देना चाहिये था। खैर भाजपा इस पुरे खेल को जानती थी । उसके लिये यह अच्छा मौका था , कांग्रेस की भी फ़जीहत करने का और रामदेव की बाकी बची हुई इज्जत की मिट्टी पलीद करने का , भाजपा बैठ गई धरने पर , मौका अपार खुशी का था , सुषमा स्वराज ने ठुमका लगाना शुरु कर दिया । दिग्गी राजा को बुरा लग गया । लगे कहने यह महात्मा गांधी का अपमान है । अरे भाई दिग्गी राजा कितना मजा आ रहा था सुषमा स्वराज का डांस देखकर । एकदम क्रांति फ़िलम की तरह , मारा ठुमका बदल गई चाल मितवा की तर्ज पर सुषमा स्वराज नाच रही थीं। रह गई बात बापू की तो आप चिंता न करें बापू राजघाट कभी न झांकने की कसम खा चुके हैं। देश के सारे बडे-बडे गांधीवादियों के बिसलरी मार्का गांधीवाद को देखकर बापू ने राजघाट छोड देने में हीं भलाई समझी । दिग्गी राजा अगर आप और सुषमा जी दोनो एक साथ डांस करते तो मजा आ जाता , एकदम लगता की देश में क्रांति आ गई, सारा भ्रष्टाचार खत्म हो गया ।खैर कभी किसी अमीरजादे की शादी में सुषमा जी के साथ डांस का शौक पुरा कर लिजियेगा , क्या गजब का डांस करती हैं, सीटी बजाने लगेंगे देखकर । गजब की सेक्सी लग रही थी सुषमा जी । काश ऐसा सत्याग्रह रोज हो , आपके दल में भी बहुत सारी खुबसुरत अभिनेत्री हैं , आप भी अब हर सत्याग्रह में उनसे डांस करवाइये। जनता का मनोरंजन भी होगा और भीड जुटाने के लिये मेहनत करने की जरुरत नही पडेगी ।
देखिये सुषमा स्वराज का ठुमका ।





Comments

Popular posts from this blog

आलोकधन्वा की नज़र में मैं रंडी थी: आलोक धन्वा : एक कामलोलुप जनकवि भाग ३

भूमिहार :: पहचान की तलाश में भटकती हुई एक नस्ल ।

भडास मीडिया के संपादक यशवंत गिरफ़्तार: टीवी चैनलों के साथ धर्मयुद्ध की शुरुआत