एड्स पर विजय
एड्स पर विजय
टिमोथी रे ब्राउन एड्स को हरानेवाला पहला व्यक्ति बना
सैन फ्रांसिस्को का ४५ वर्षीय टिमोथी रे ब्राउन दुनिया का पहला आदमी है जिसने एड्स को मात दी है ।
शरीर के अंदर सफ़ेद रक्त कोशिकाओं के पुनर्गठन से यह संभव हो पाया है । इन सफ़ेद रक्त कोशिकाओं को एड्स के विषाणु खत्म कर देते हैं। ये रक्त कोशिकायें रोगो से लडने की क्षमता रखती हैं। हालांकि टिमोथी एक भाग्यशाली आदमी है उसके साथ बहुत सी ऐसी घटनायें हुई जो दुसरे के साथ शायद हीं हों। आप उन घटनाओं को चमत्कार कह सकते हैं। टिमोथी को एड्स के बाद रक्त कैंसर हो गया । रक्त कैंसर में स्वेत रक्त कोशिकाओं में असामान्य वर्द्धि होती है रक्त कैंसर के ईलाज के लिये रीढ की हड्डी में छेद करके अस्थि मज्जा स्टेम सेल प्रत्यारोपण किया जाता है। एड्स एक ऐसी अवस्था है जिसमें इससे ग्रसित व्यक्ति के अंदर की रोगो से लडने की प्रतिरोधक क्षमता खत्म हो जाती है और वह व्यक्ति किसी भी अन्य रोग से ग्रसित होने पर ठिक नही हो पाता है तथा उसकी मौत हो जाती है । ऐसा स्वेत रक्त कोशिकाओं के खत्म होने के कारण होता है जिसे एड्स के विषाणु मार देते हैं। इसका एकमात्र उपाय है स्वेत रक्त कोशिकाओं का पुनर्गठन । टिमोथी के रक्त कैंसर के ईलाज के लिये जिस व्यक्ति का स्टेम सेल लिया गया उसके स्टेम सेल की आश्चर्यजनक विशेषता थी , वह था स्टेम सेल दाता के स्वेत रक्त में एक दुर्लभ जीन का पाया जाना , जिसके अंदर एडस के विषाणु से लडने की क्षमता थी । इस जीन का एक गुण था की दुसरे प्रतिरोधक स्वेत रक्त कोशिकाओं के अंदर भी एडस से लडने की क्षमता को विकसित करना जो अत्यंत हीं दुर्लभ गुण था और सभी स्टेम सेल में नही पाया जाता है । इसलिये यह कहा जा सकता है कि टिमोथी एक सौभाग्यशाली व्यक्ति था जिसे इस तरह के स्टेम सेल वाला दाता (डोनर ) मिला । टिमोथी ने अब दवायें लेना बंद कर दिया है । एडस के ईलाज की दिशा में इसे बहुत बडी उपलब्धि माना जा रहा है । टिमोथी दुनिया का वह पहला व्यक्ति बन गया जिसने एड्स की बिमारी को पराजित किया है । स्टेम सेल की तुलना आप बच्चा पैदा होने के बाद मां के स्तन से निकले पहले गाढे दूध से जिसका रंग पिला होता है कर सकते हैं। मां के स्तन से निकला वह दूध नवजात शिशु के अंदर रोगों से लडने की क्षमता को विकसित करता है लेकिन दुर्भाग्य है कि न तो डाक्टर और न हीं मां उस पहले गाढे दूध का महत्व समझते हैं और उसे तत्काल नवजात शिशु को पिलाने की बजाय बर्बाद कर देते हैं। खैर एडस से लडाई में विजय का पहला मुकाम हासिल हो चुका है ।
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