आजतक टीवी चैनल देखनेवालों को है हार्ट अटैक का खतरा
आजतक टीवी चैनल देखनेवालों को है हार्ट अटैक का खतरा
मर्दानी ताकत बढानेवाली दवाओं के विग्यापन छापनेवाले अखबार “आज एवं दैनिक जागरण “पर कानूनी काररवाई हो
चैनलों के बीच जारी टी आर पी की लडाई अब धिरे-धिरे इस मुकाम पर पहुंच गई है कि दर्शकों के जान जाने का खतरा पैदा हो गया है । अब तो यह भी पता नही चलता की आप न्यूज चैनल देख रहे हैं या हारर शो । टी आर पी की अंधी दौड में शामिल चैनल यह भी ख्याल नही रखते हैं कि भयभीत करने वाले अंधविश्वासी समाचारों को दिखाने के कारण दर्शकों की जान भी जा सकती है । अभी कुछ दिनों से आजतक टीवी चैनल पर एक सिरफ़िरे विदेशी की दुनिया समाप्त हो जानेवाली भविष्यवाणी को लगातार दिखा रहा था । इस अंधविश्वास फ़ैलाने वाली खबर को पेश करने का तरीका ऐसा था जैसे वास्तव में दुनिया समाप्त हो जायेगी । २१ मई से दुनिया के विनाश की शुरुआत होनेवाले दिन के रुप में आजतक प्रचारित कर रहा था । आज २१ मई है अभीतक किसी चुहे के भी मरने की खबर नही आई है । आजतक के इस खबर का असर सबसे ज्यादा बुढे हार्ट के मरीजों पर पडा है । उनके स्वास्थ्य को देखते हुये डाक्टरों ने आजतक चैनल न देखने की सलाह दी है । न्यूज चैनल या समाचार पत्रों पर इस तरह की अफ़वाह फ़ैलानेवाली खबरों को दिखाने या प्रकाशित करने की पाबंदी हैं। लेकिन न्यूज चैनल से लेकर समाचार पत्र किसी को देश के कानून की परवाह नही है । एक समाचार पत्र “आज “पर तो सिर्फ़ मर्दानी ताकत बढानेवाली जानलेवा दवाईयों का हीं विग्यापन रहता है । अब जरुरत है आजतक जैसे चैनल और आज अखबार जैसे समाचार पत्रों के प्रकाशन पर रोक लगाने की । हालांकि मर्दानी ताकत बढानेवाली दवाओं का प्रचार दैनिक जागरण जैसे अखबार भी खुब करते हैं , अंतर सिर्फ़ नग्न तस्वीर का होता है ।
मर्दानी ताकत बढानेवाली दवाओं के विग्यापन छापनेवाले अखबार “आज एवं दैनिक जागरण “पर कानूनी काररवाई हो
चैनलों के बीच जारी टी आर पी की लडाई अब धिरे-धिरे इस मुकाम पर पहुंच गई है कि दर्शकों के जान जाने का खतरा पैदा हो गया है । अब तो यह भी पता नही चलता की आप न्यूज चैनल देख रहे हैं या हारर शो । टी आर पी की अंधी दौड में शामिल चैनल यह भी ख्याल नही रखते हैं कि भयभीत करने वाले अंधविश्वासी समाचारों को दिखाने के कारण दर्शकों की जान भी जा सकती है । अभी कुछ दिनों से आजतक टीवी चैनल पर एक सिरफ़िरे विदेशी की दुनिया समाप्त हो जानेवाली भविष्यवाणी को लगातार दिखा रहा था । इस अंधविश्वास फ़ैलाने वाली खबर को पेश करने का तरीका ऐसा था जैसे वास्तव में दुनिया समाप्त हो जायेगी । २१ मई से दुनिया के विनाश की शुरुआत होनेवाले दिन के रुप में आजतक प्रचारित कर रहा था । आज २१ मई है अभीतक किसी चुहे के भी मरने की खबर नही आई है । आजतक के इस खबर का असर सबसे ज्यादा बुढे हार्ट के मरीजों पर पडा है । उनके स्वास्थ्य को देखते हुये डाक्टरों ने आजतक चैनल न देखने की सलाह दी है । न्यूज चैनल या समाचार पत्रों पर इस तरह की अफ़वाह फ़ैलानेवाली खबरों को दिखाने या प्रकाशित करने की पाबंदी हैं। लेकिन न्यूज चैनल से लेकर समाचार पत्र किसी को देश के कानून की परवाह नही है । एक समाचार पत्र “आज “पर तो सिर्फ़ मर्दानी ताकत बढानेवाली जानलेवा दवाईयों का हीं विग्यापन रहता है । अब जरुरत है आजतक जैसे चैनल और आज अखबार जैसे समाचार पत्रों के प्रकाशन पर रोक लगाने की । हालांकि मर्दानी ताकत बढानेवाली दवाओं का प्रचार दैनिक जागरण जैसे अखबार भी खुब करते हैं , अंतर सिर्फ़ नग्न तस्वीर का होता है ।
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