गलत नियुक्ति के मामले में नीतीश कुमार शक के दायरे में


गलत नियुक्ति के मामले में नीतीश कुमार शक के दायरे में
आवेदक का पता है मुख्यमंत्री आवास , फ़र्जी कागजात पर हुई नियुक्ति ।
स्वच्छ छवि, सुशासन, पारदर्शिता का दावा करनेवाले नीतीश कुमार को समझना कठीन है । मुख्यमंत्री की मुस्कान मोनालिसा के मुस्कान की तरह रहस्मय है । इनकी कथनी और करनी का अंतर अब खुलकर लोगों के सामने आ रहा है । अभी एक ताजा मामला है कारा विभाग में ड्राईवर की नियुक्ति का । कारा विभाग ने ड्राईवर की नियुक्ति के लिये आवेदन आमंत्रित किया । आवेदक में एक नाम था परमानंद प्रसाद , पुत्र – सच्चिदानंद प्रसाद । इस आवेदक का पता में दर्ज है मुख्यमंत्री आवास , १ अण्णे मार्ग , बिहार पटना । चलिये यहां तक तो हम मान लेते हैं कि मुख्यमंत्री आवास में रहनेवाले किसी ्परमानंद नामक व्यक्ति ने आवेदन दिया होगा लेकिन इस पुरे खेल का सबसे मजेदार पहलु है , आवेदक के द्वारा दाखिल किया गया शैक्षिक प्रमाण पत्र तथा ड्राईविंग लायसेंस । ड्रायविंग लाईसेंस मे परमानंद की जन्मतिथी ०१।०३।१९७४ दर्ज है वहीं शैक्षिक प्रमाण पत्र में ३ जनवरी १९७६ है। यानी दोनो कागजात में से एक फ़र्जी है या शायद दोनो फ़र्जी है । परमानंद की नियुक्ति भी हो गई है । नियुक्ति के पहले प्रमाण पत्रों की सत्यता की जांच आवश्यक है । प्रश्न यह है कि क्या जांच के दौरान इस बात का पता नही चला या मुख्यमंत्री आवास के किसी आदमी के इशारे पर सबकुछ दरकिनार करते हुये नियुक्ति की गई । विश्वसनिय सुत्रों का कहना है की परमानंद मुख्यमंत्री के बेटे का ड्रायवर रह चुका है । वैसे नीतीश जी के शासनकाल में हुई सभी प्रकार की नियुक्तियां शक के दायरे में हैं। नियुक्तियों में पारदर्शिता का अभाव है । पटना के एकमात्र अखबार सन्मार्ग ने इस सनसनीखेज खबर का खुलासा किया है बिहार मीडिया के पास उक्त परमानंद के आवेदन , शैक्षिक प्रमाण-पत्र तथा ड्रा्यविंग लाईसेंस की प्रति उपलब्ध है । निचे हम आवेदन की कापी, शैक्षिक प्रमाणपत्र तथा ड्राईविंग लाईसेंस की कापी प्रकाशित कर रहें हैं

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