भडास मीडिया के संपादक यशवंत गिरफ़्तार: टीवी चैनलों के साथ धर्मयुद्ध की शुरुआत


भडास मीडिया के संपादक यशवंत गिरफ़्तार

इंडिया टीवी के मैनेजिंग डायरेक्टर विनोद कापरी की पत्नी साक्षी जोशी ने किया गलत  मुकदमा

इंडिया टीवी के खिलाफ़ लिखने के कारण किया गलत मुकदमा

साक्षी जोशी एवं विनोद कापडी का चर्चित फ़ोटो
टीवी चैनल, अखबार और कारपोरेट मीडिया घरानों की काली करतूतो को उजाकर करने और पत्रकारो के पक्ष मे संघर्ष करने वाले न्यूज पोर्टल bhadas4media  के संपादक  संपादक यशवंत सिंह को कल दिन के बारह बजे  नोयडा सेक्टर ४९ की पुलिस ने गिरफ़तार कर लिया भडास मीडिया के क्षेत्र का चर्चित पोर्टल है ।  यशवंत के खिलाफ़ साक्षी जोशी नामक एक महिला पत्रकार ने धारा ३४१, ३८६ एवं धारा ५०६ के तहत का मुकदमा दर्ज किया है साक्षी ने यशवंत के उपर यह आरोप लगाया है कि यशवंत ने उनको जान मारने की धमकी देकर पैसे की मां की  साक्षी इंडिया टीवी के मैनेजिंग डायरेक्टर विनोद कापडी की पत्नी हैं ये दोनो पति-पत्नी का प्रेम स्कैंडल कभी वेब मीडिया मे काफ़ी चार्चित हुआ था शादी के पहले साक्षी इंडिया टीवी में एंकर थी तथा विनोद कापरी मैनेजिंग डायरेक्टर यह घटना वर्ष २०१० की है उस समय इन दोनो की एक तस्वीर ने मीडिया जगत में अच्छाखासा तुफ़ान खडा  कर दिया था उक्त तस्वीर में साक्षी तथा कापरी दोनो एक दुसरे से लिपटे हुये थें हालांकि देखा जाय तो यह कोई खास खबर नही थी , परन्तु मामला एक हीं चैनल में काम करनेवाले एंकर और मैनेजिंग डायरेक्टर के बीच का था इसलिए इस तस्वीर को टीवी चैनल द्वारा महिला पत्रकार के शोषण के रुप में दर्शाया गया बाद में नंवबर २०१० में दोनो ने शादी कर ली साक्षी ने इंडिया टीवी बीबीसी हिंदी और फिर आइबीएन-7 ज्वाइन कर लिया . शादी के बाद यह बाद यह बात आई गई हो गई , परन्तु इस बाद का खुलासा आजतक नही हो पाया कि क्या इस तस्वीर के सामने आने के कारण अपने पत्रकारिता के कैरियर का ख्याल करके कापरी ने शादी की या वाकई दोनो का पहले से शादी का इरादा था साक्षी और कापरी की अंतरंग तस्वीर और उनदोनो से संबंधित समाचार को भडास ने भी अपने साइट्स पर प्रकाशित किया था बाद में ्मीडिया क्षेत्र के धुरंधरो के दबाव के कारण यह समाचार भडास पर से हटा दिया गया था एक अन्य पत्रकार ऋषि पांडे जो टोटल टीवी के आउटपुट हेड थें उनके उपर इस तस्वीर को लीक करने का आरोप लगा था दोनो की शादी हो जाने के बाद  ऋषि पांडे  ने साक्षी जोशी, विनोद कापड़ी और साक्षी जोशी के पिता उमेश जोशी के खिलाफ दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में  इंडियन पैनल कोड की धारा 120B/34/499/500 (IPC)  के तहत केस दर्ज करवाया उमेश जोशी टोटल टीवी के एडीटर थें उमेश जोशी के कार्यकाल मे टोटल टीवी मे काम करनेवाली एक पत्रकार प्रिया सिंह ने आत्महत्या कर ली थी ऐसा बताया जाता है कि प्रिया सिंह ने अपने सुसाइड नोट में उमेश जोशी एवं तपन राय भारती को जिम्मेवार ठहराया था प्रिया सिंह ने कारण बताया था कि उमेश जोशी नही चाहते थें कि प्रिया एंकरिंग करे क्योंकि अगर वह एंकरिंग करती तो उमेश जोशी की बेटी साक्षी की पूछ कम हो जाती और इसी कारण से उमेश जोशी ने टोटल टीवी के मालिक विनोद मेहता को प्रिया सिंह के खिलाफ़ भडकाया था

इस नये घटना क्रम में यशवंत सिंह के उपर मुकदमा करने का कारण वही पुरानी अदावत है जानकार सूत्रो के अनुसार कल किसी बात पर साक्षी एवं  यशवंत सिंह के बीच फ़ोन पर नोक झोंक हो गई पुरानी खुन्नस तो थी हीं , साक्षी ने मौका अच्छा देखा और यशवंत के खिलाफ़ मुकदमा कर दिया समाचर लिखने तक यशवंत सिंह थाने मे बैठे हैं बिहार मीडिया ने साक्षी जोशी को मेल भेजकर उनका पक्ष जानने का प्रयास किया , परन्तु अभी तक जवाब आने के कारण हम उनका पक्ष नही दे पा रहे हैं बिहार मीडिया ने इंडिया टीवी के कार्यालय मे फ़ोन करके विनोद कापरी का पक्ष जानने का भी प्रयास किया परन्तु विनोद कापरी अभी तक अपने कार्यालय नही पहुंचे थें ऐसा बताया जाता है कि पहले भी २००८ मे विनोद कापरी के साथ यशवंत का विवाद हुआ था लेकिन अपस मे हीं मामला सुलझ गया था बिहार  मीडिया ने अपने स्तर से जो जांच की उसके अनुसार यह मामला बनावटी लगता है यह तो माना जा सकता है कि फ़ोन पर दोनो के बीच गाली गलौज हुई हो लेकिन इस बात पर विश्वास करना संभव नही है कि यशवंत ने घर पर जाकर पैसे की मांग कि हो या जान मारने की धमकी दी हो यशवंत के पास से कोई हथियार नही बरामद हुआ है । इस हालात मे यह कहना कि यशवंत ने जान मारने का भय दिखाकर रंगदारी मांगी हास्यापद लगता है ।  आज अभी एक बजे यशवंत को कोर्ट में पेश किया गया है । दिल्ली के नई मीडिया के पत्रकार , युवा पत्रकार कोर्ट परिसर मे मौजूद हैं । www.visfot.com संपादक संजय तिवारी , वरिष्ठ पत्रकार शेष नारायन सिंह यशवंत के साथ हैं । जैसे हीं न्यायालय का कोई निर्णय आता है हम आपको उससे अवगत करायेंगें ।अभी -अभी खबर आई है कि यशवंत सिंह की जमानत की अर्जी गौतमबुद्ध नगर के सुरजपुर कोर्ट के प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी श्री ए बी सिंह ने खारिज कर दी । यशवंत सिंह को डासना जेल भेज दिया गया । वस्तुत: यह मुकदमा टीवी एवं प्रिंट मीडिया क्षेत्र में अधिकार जमाये कारपोरेट घरानो और नई मीडिया यानी वेब मीडिया के बीच टकराव का नतीजा है । हालिया समय मे वेब मीडिया ने पुरी दुनिया में अपनी निष्पक्षता और बेबाकी के कारण एक अलग पहचान कायम किया है । मीडिया के सभी रुपों  में मात्र वेब न्यूज पोर्टल हीं  हैं जो एक दुसरे की खामियों को भी उजागर करते हैं ।  किसी भी चैनल पर दुसरे चैनल की खामिया तो दुर रही , नाम तक नही दिखाया जाता । वही हाल अखबारों का है। अखबार प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन आफ़ बुक एक्ट १८६७ की धाराओं का रोज उल्लंघन करते हैं लेकिन उनके उपर कोई कार्रवाई नही होती है ठिक उसी प्रकार टीवी चैनल ड्रग एंड मैजिक रिमेडी ( ओबजेकशनेबल एडवर्जटाईजमेंट )  एक्ट १९५४ की विभिन्न धाराओं का उल्लंघन करते हुये भ्रामक तथा चमत्कार दिखाने वाले   अंधविश्वास को बढावा देने  वाले विग्यापन प्रकाशित करते हैं परन्तु उनके उपर कोई कार्रवाई नही होती है ।


हालिया समय में वेब मीडिया ने अपनी निष्पक्षता और तथ्यपूर्ण खबरो के लिये प्रिंट मीडिया तथा टीवी चैनलो  से इतर अपना स्थान बनाया है वही टीवी चैनलों की विश्वसनियता मे भी गिरावट आई है । टीवी चैनल तथा अखबार सिंडिकेट की तरह काम करते हैं । कोई भी टीवी चैनल या अखबार दुसरे टीवी चैनल या अखबार की गलती को नही प्रकाशित करता जबकि वेब मीडिया अपनी आलोचना को भी अपने पोर्टल पर प्रकाशित करते हैं । दुनिया के अंदर आ रहे बदलाव मे भी वेब पोर्ट्लों का सबसे बडा योगदान रहा है । चाहे मिस्त्र का सता परिवर्तन हो या अन्ना के आंदोलन पर सार्थक बहस की शुरुआत । अमेरिका का अक्यूपाई वाल स्ट्रीट आंदोलन वेब मीडिया की ताकत का सबसे बडा उदाहरण है । जहां टीवी चैनलो ने तथा अखबारो ने इस आंदोलन को कोई अहमियत नही दी , वहीं वेब मीडिया ने इसे पुरी दुनिया मे फ़ैलाने का काम किया । वेब मीडिया ने न्यूज चैनलों के पाखंड तथा अखबारो की कायरता एवं चटुकारिता को भी उजागर करने का कार्य किया है और यही कारण है कि आज यह टीवी तथा अखबारो का सबसे बडा दुश्मन है । वैसे भी एक सर्वे में यह बताया गया है कि आनेवाले २०४० तक अखबारों का कोई अस्तित्व नही रहेगा । वेब मीडिया ने टीवी तथा प्रिंट मीडिया के पाखंड  तथा गलत कार्यो को प्रकाशित करने का कार्य किया है । इंडिया टीवी पर आने वाले अंधविश्वास को बढावा देने वाले विग्यापनो की आलोचना हमेशा भडास पर आई है उसी का परिणाम है की बदले की भावना से प्रेरित होकर  यशवंत सिंह के उपर यह झुठा मुकदमा किया गया है । वेब मीडिया ने भी इसे धर्म युद्ध के रुप मे लडने का निश्चय किया है । इस धर्म युद्ध में एक तरफ़ सत्य पर कायम वेब मीडिया है तो दुसरी तरफ़ अधर्म की लडाई लडने वाली कौरव सेना के रुप में शोषणकारी टीवी चैनल हैं । हम इस युद्ध को अंजाम तक पहुंचायेंगे । टीवी चैनलो को अपने उस दो नंबर के भुगतान का हिसाब न्यायालय में देना होगा जो वह केबुल वालो को चुकाते हैं उनका चैनल दिखाने के लिये । यह काला धन टीवी चैनल वाले चुकाते है और इसके बारे मे टीवी चैनल के हीं नामी गिरामी पत्रकार पूण्य प्रसून  वाजपेयी ने भी खुब लिखा है । हम उसका लिंक यहां दे रहे हैं 



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Comments

  1. yaswant bahut bada blacjmelar hai. jo janab ne yeah story likhi haii ye bhi uske gang ke sadsy hai. pahli bar is dalal ko kisi ne uski kuukat batayi hai. is mamle ko to us par gainestar lgna chahiye.

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  2. ye ek sochi samjhi sazish h yashwant k khilaaf aur Social media ke khilaaf, hum sabhi ko iska virodh karna chahiye

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  3. इस घटना में सभी वेब न्यूज़ पोर्टल ग्रुप को एक होके आवाज बुलंद करना होगा तभी जाके प्रेस के स्वतंत्रा कायम रह पायेगी.... न्यूज़ वेब पोर्टल की बदती लोक प्रियता से टीवी चैनल वाले बोखला गया है... इस दौर मै यशवंत जी के साथ सहरसा टाइम्स पूरी तरह से साथ देने को तैयार है ......... चन्दन सिंह, सहरसा टाइम्स 09334572522

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  4. मीडिया का यह नंगा सच है जहां दूसरे को आइना देखाने वालों का चेहरा विभत्स है..

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  5. यशवंत के पाप का घड़ा भर गया है......उसका काम ब्लैक मेल करना ही था .......जिसका फल उसको मिल ही गया.....

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  6. बहुत सारी बेनामी टिपणीया आ रही हैं अगर यशवंत के खिलाफ़ आपको कुछ कहना है तो सामने आकर कहें या फ़ोन करें अन्यथा हम समझेंगे कि बेनामी टिपण्णी करनेवाला टीवी चैनलों का मुलाजिम है । चुकिं हमारा यह वादा रहा है कि हर टिपण्णि को प्रकाशित करेंगे इसलिये बेनामी टिपण्णियों को भी प्रकाशित कर रहे हैं ।जिस तरह की पारदर्शिता हम दिखा रहे हैं वही पारदर्शिता आप भी दिखाये अन्यथा आप टीवी चैनलो के दलाल समझे जायेंगें ।

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  7. सच जो भी हो ,लेकिन वेब मिडिया को एकजुटता दिखानी ही चाहिए

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  8. सबसे अधिक भ्रष्ट समाचार चेनल ही हैं ।

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