दस में नौ औरतों के साथ होता है यौनाचार



दस में नौ औरतों के साथ होता है यौनाचार

यह सच्चाई है अफ़गानिस्तान की । १९९६ से लेकर २००१ तक अमेरिका की मदद से सता मे आये तालिबानियों ने अफ़गान औरतों की जिंदगी को नर्क बना दिया था । महिलाओं के पढने , खेलने तक पर प्रतिबंध था । हामिद करजई के सता में आने के बाद बदलाव तो आया है लेकिन अभी भी तालिबान का कहर कम नही हुआ है । अभी सोमवार को एक महिला को दुराचार के आरोप में तालिबानियों ने गोली मार दी । इस हादसे का सबसे दुखद पहलू यह था कि उस गांव के लोग मजमा लगाकर तमाशा देखते रहे तथा खुशी मनाई । उक्त महिला के साथ  दो तालिबान लडाकों का संबंध था और दोनो अक्सर उसके कारण आपस में लडते थें । मामला इतना बढ गया कि दोनो ने महिला को हीं झगडे की जड मानते हुए उसको मार डालने का निश्चय किया । दोनो ने महिला के उपर दुराचारी होने का अभियोग लगाकर तुरंत फ़ुरत एक नकली कोर्ट बैठा दिया जिसने महिला को गोली मारने की सजा दे डाली । महिला को गांव के चौराहे पर भीड के सामने नौ बार गोली मारी गई । बाद मे एक और तालीबान कमांडर ने उन दोनो को भी गोली मार दी .  । आज भी महिलाओ के काम करने या पढने लिखने पर तालिबान ने रोक लगा रखी है । इस वर्ष सैकडो  महिला शिक्षिका एवं छात्रा  को स्कुल में जहरीले खाने के कारण अस्प्ताल मे भर्ती कराया गया है । ताजा सर्वेक्षण के अनुसार दस मे से नौ अफ़गान महिला अपने जिवन मे कभी न कभी यौन शोषण का शिकार बनती है । यहां हम महिला को गोली मारने वाला वीडियो दे रहे हैं ।


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Comments

  1. तालिबान कहाँ नहीं है..?

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