बिहार के स्कुलों की शिक्षा की खुल गई पोल



पी के शाही शिक्षामंत्री
बिहार के स्कुलों की शिक्षा की खुल गई पोल

पटना के कालेजों ने इस वर्ष दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा लेने का निर्णय लिया था । बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसका कडा विरोध किया था । उनका कहना था कि बारहवीं मे प्राप्त अंक के आधार पर धाखिला हो , परन्तु उनकी नही चली । अभी बिहार के विभिन्न कालेजों ने नामांकन  परीक्षा मे सफ़ल छात्रो की सूची जारू की है । बिहार बोर्ड की परीक्षा मे टाप टेन लाने वाले छात्र को कामर्स कालेज मे मात्र ५६ अंक प्राप्त हुआ है । पटना महिला कालेज मे मात्र १६० छात्राओं में बिहार बोर्ड से उतीर्ण छात्राओं की संख्या  छह है । तकरीबन सभी कालेजों मे यही स्थिति है। बिहार बोर्ड से उतीर्ण छात्रो के मुकाबले सीबीएसई से उतीर्ण छात्रो ने ज्यादा सफ़लता पाई है। बिहार बोर्ड की परीक्षा मे चोरी होती है। बहुत सारे जगहो पर तो खुलेआम नकल कराई जाती है । मुख्यमंत्री ज्यादा संख्या मे उतीर्ण छात्रो को शिक्षा के विकास का पैमाना बताते रहे हैं । अब उनकी कलई खुल गई है और यह भी जाहिर हो गया है कि क्यों वह प्रवेश परीक्षा का विरोध कर रहे थें । बिहार मीडिया ने पहले भी लिखा था कि बिहार बोर्ड की परीक्षामे नकल कर के पास होते हैं छात्र



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  1. विहार की शिक्षा पद्धति के बारे में जानकारी मिली। मेरे पोस्ट पर भी पधारे।

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