आइ एस आई का एजेंट शामिल होगा जदयू में


आइ एस आई का एजेंट शामिल होगा जदयू में
एजाजुल हक ने रची थी तरुण ते्जपाल एवं अनिरुद्ध बहल की हत्या की साजिश

 अटल सरकार को गिराने का था उद्देश्य 
आज एक अल्पसंख्यक नेता एजाजुल हक जो राजद के शासनकाल में मंत्री थे तथा बाहुबली शहाबुद्दीन के अपने बहनोई हैं , उन्होने जदयू में शामिल होने की घोषणा की है । एजाजुल हक के अंडरवर्ल्ड की दुनिया से गहरे रिश्ते रहे हैं । पकिस्तान की कुख्यात संस्था आइ एस आइ से भी एजाजुल हक का रिश्ता रहा है । एक ऐसा समय था जब दिल्ली की भाजपा सरकार को गिराने के लिए तहलका डाट काम के तरुण तेजपाल एवं अनिरुद्ध बहल की हत्या की योजना बनी थी । शहाबुद्दीन के इशारे पर यह सबकुछ हुआ था तथा इसकी जानकारी एजाजुल हक को भी थी और हत्या की योजना के लिए एजाजुल हक के सरकारी आवास पर हुई बैठक में वह भी शामिल था   
यह वाकया २००१ का है । दिल्ली मे अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार थी और बिहार मे राजद की । एजाजुल हक राजद की सर्कार मे मंत्री थें । दिल्ली की सरकार शहाबुद्दीन के आइ एस आइ और अंडरवर्ल्ड के साथ रिश्ते को खंगालने मे लगी थी । शहाबुद्दीन परेशान थें । उधर सैन्य मामले के भ्रष्टाचार का खुलासा तहलका डाट काम ने किया था । भाजपा और तरुण तेजपाल के बीच बहुत तनाव था । शहाबुद्दीन को यह मौका बहुत माकूल लगा । उसने योजना बनाई कि अगर तरुण तेजपाल एवं अनिरुद्ध बहल की हत्या हो जाती है तो सारा दोष भाजपा सरकार के उपर जायेगा और सरकार गिर जायेगी।
इस योजना के तहत इनामी मुजरिम भूपेन्द्र त्यागी को यह काम सौपा गया । भूपेन्द्र त्यागी नेपाल गया और वहां वीरगंज के मकालू होटल मे ठहरा जहां उसकी मुलाकात नेपाल के सांसद सलीम अंसारी से हुई (सलीम अंसारी की हत्या हो चुकी है ) सलीम अंसारी ने उसकी  मुलाकात जैन छद्दम नाम के एक आइ एस आइ एजेंट से करवाइ । जैन ने हथियार की आपूर्ति का जिम्मा लिया ।
जैन बिहार पटना भी आया और एजाजुल हक के सरकारी  आवास पर सलीम अंसारी, शहाबुद्दीन, जैन, भूपेन्द्र त्यागी के बीच मिटींग हुई । इसमे एजाजुल हक भी शामिल थें । इसी दरम्यान शहाबुद्दीन के आवास पर रेड हुई । पुलिस तथा श्हाबुद्दीन के गैंग के बीच गोलीबारी भी हुई तथा ए के ४७ तथा अन्य हथियार बरामद हुआ ।
अप्रील २००१ के पहले सप्ताह मे भूपेन्द्र त्यागी फ़िर नेपाल गया जहां जैन नामक आइ एस आइ एजेंट ने पंडीत  छद्दम नाम के एक व्यक्ति के माध्यम से त्यागी को छह ए के ४७ , सात पिस्टल तथा पाचपाच सौ गोली उपलब्ध कराई । इन हथियारो मे से कुछ को एजाजुल हक के सरकारी आवास पर रखा गया ।
भूपेन्द्र त्यागी घटना को अंजाम दे पाता इसके पहले हीं दिल्ली मे पकड  लिया गया । पकडाने के बाद उसने छह पेज का बयान दिया था तथा जिसमे उसने तरुण तेजपाल एवं अनिरुद्ध बहल की हत्या के लिए हुए षडयंत्र का खुलासा किया था । अपने बयान मे उसने कहा था कि २५-२६ मार्च को जब शहाबुद्दीन फ़रार चल रहे थें तब उनका एक इन्टरव्यू जी न्यूज पर आया था । जी न्यूज ने यह खुलासा नही किया था कि यह इन्टरव्यू कहां लिया गया है परन्तु भूपेन्द्र त्यागी ने जगह को पहचान लिया , वह एजाजुल हक का सरकारि आवास था । भूपेन्द्र त्यागी ने एजाजुल हक के सरकारी आवास के फ़ोन २०१९२३ पर काल कर के शहाबुद्दीन से बात की । डी पी ओझा जब बिहार के डी जी पी थे तो उन्होने शहाबुद्दीन के खिलाफ़ कदम उठाये और उन्हे जब भूपेन्द्र त्यागी के द्वारा दिल्ली मे गिरफ़्तारी के बारे मे पता चला तो उन्होने उसके बयान की कापी भी मंगवाई थी । डी पी ओझा के द्वारा शहाबुद्दीन के खिलाफ़ कार्रवाई के कारण उन्हे अपने पद से हटना पडा था  । एजाजुल  हक का संबंध अन्य कुख्यात आपराधियो से भी रहे हैं । सिवान मे १ मार्च २००३ को गिरफ़्तार सुलतान मिया ने भी अपने बयान मे एजाजुल हक से गहरे रिश्ते होने तथा अपराध करने के बाद एजाजुल हक के सरकारी निवास पर जाकर रहने की बात पुलिस के सामने स्विकार किया था । सुलतान मियां ने कंचन मिश्रा नामक लडकी को जबरदस्ती अपने साथ शादी करने के लिए बाध्य किया था , इन लोगो के आतंक के कारण कंचन मिश्रा का परिवार कुछ नही कर सका  यह सच है एजाजुल हक का जो अब जदयू मे शामिल होने जा रहे हैं । नीतीश कुमार ने एजाजुल हक का स्वागत किया है । जदयू में सबका स्वागत है , यह कहना है नीतीश कुमार का  भूपेन्द्र त्यागी के बयान को यहा हम प्रकाशित कर रहे हैं । 





भूपेन्द्र त्यागी का यह बयान चौकाने वाला है । इसके आधार पर कार्रवाई का न होना उससे भी ज्यादा अश्चर्यचकित करता है । 


सौजन्य बिहार के एक वरिष्ठ पत्रकार, पुलिस सूत्र एवं राजनीतिक क्षेत्र के सम्मानित नेता ।





टिप्पणी के साथ अपना ई मेल दे जिस पर हम आपको जवाब दे सकें. our email : biharmedia@yahoo.com, tiwarygaya@gmail.com, tiwarigaya@gmail.com. phone: 0631-2223223, 8797006594. अगर व्यस्तता के कारण फ़ोन न उठे तो एस एम एस भेजने का कष्ट करें । हम स्वंय आपसे संपर्क करेंगे ।




9

Comments

Popular posts from this blog

आलोकधन्वा की नज़र में मैं रंडी थी: आलोक धन्वा : एक कामलोलुप जनकवि भाग ३

भूमिहार :: पहचान की तलाश में भटकती हुई एक नस्ल ।

भडास मीडिया के संपादक यशवंत गिरफ़्तार: टीवी चैनलों के साथ धर्मयुद्ध की शुरुआत