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Showing posts from May, 2011

एड्स पर विजय

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एड्स पर विजय टिमोथी रे ब्राउन एड्स को हरानेवाला पहला व्यक्ति बना सैन फ्रांसिस्को का ४५ वर्षीय टिमोथी रे ब्राउन दुनिया का पहला आदमी है जिसने एड्स को मात दी है । शरीर के अंदर सफ़ेद रक्त कोशिकाओं के पुनर्गठन से यह संभव हो पाया है । इन सफ़ेद रक्त कोशिकाओं को एड्स के विषाणु खत्म कर देते हैं। ये रक्त कोशिकायें रोगो से लडने की क्षमता रखती हैं। हालांकि टिमोथी एक भाग्यशाली आदमी है उसके साथ बहुत सी ऐसी घटनायें हुई जो दुसरे के साथ शायद हीं हों। आप उन घटनाओं को चमत्कार कह सकते हैं। टिमोथी को एड्स के बाद रक्त कैंसर हो गया । रक्त कैंसर में स्वेत रक्त कोशिकाओं में असामान्य वर्द्धि होती है रक्त कैंसर के ईलाज के लिये रीढ की हड्डी में छेद करके अस्थि मज्जा स्टेम सेल प्रत्यारोपण किया जाता है। एड्स एक ऐसी अवस्था है जिसमें इससे ग्रसित व्यक्ति के अंदर की रोगो से लडने की प्रतिरोधक क्षमता खत्म हो जाती है और वह व्यक्ति किसी भी अन्य रोग से ग्रसित होने पर ठिक नही हो पाता है तथा उसकी मौत हो जाती है । ऐसा स्वेत रक्त कोशिकाओं के खत्म होने के कारण होता है जिसे एड्स के विषाणु मार देते हैं। इसका एकमात्र उपाय है स्वेत रक...

बिहार बोर्ड की मैट्रिक परीक्षा में चोरी से पास हुये हैं छात्र

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बिहार बोर्ड की मैट्रिक परीक्षा में चोरी से पास हुये हैं छात्र अभी बिहार बोर्ड ने दसवीं की परीक्षा का रिजल्ट प्रकाशित किया है । पास होने वाले छात्रों का प्रतिशत सत्तर है यानी परीक्षा में शामिल कुल छात्रों मे से सत्तर प्रतिशत उर्तीण हुये हैं । फ़र्स्ट एवं सेकंड श्रेणी में पास होनेवालों की अच्छी खासी तादात है। बिहार के मुख्यमंत्री आज या कल भाषण देंगे और अपनी पीठ थपथपायेंगे। शिक्षा मंत्री हैं पी के शाही , पहले श्रीमान राज्य सरकार के महाधिवक्ता थें । इन्हीं की देन है बीएड पास शिक्षको की नियुक्ति का मामला , उसमें लिस्ट तैयार करने में इतना घपला हुआ है की उच्चतम न्यायालय भी हैरान है । बिहार बोर्ड का अध्यक्ष है राजमणि प्रसाद सिंह तथा सचिव हैं अनूप कुमार सिन्हा। परीक्षाफ़ल के प्रकाशन के बाद यह पी के शाही सफ़ल छात्रों को बधाई दे रहा था पट्ना में और असफ़ल छात्रों को तथा उनके अभिभावक के साथ सहानुभूति दिखा रहा था। वैसे सारे अधिकारी तथा मंत्री शुतुरमुर्ग की तरह हरकत कर रहे हैं । बिहार बोर्ड की परीक्षा का यह आलम है कि ग्रामीण क्षेत्र में स्थित स्कुलों में अगर आपका परीक्षा केन्द्र है तो सफ़लता की शत प्रति...

गांव – गांव तक भ्रष्टाचार की कवायद पुरी

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गांव – गांव तक भ्रष्टाचार की कवायद पुरी एक बार फ़िर चुनी गई भ्रष्टाचारियों की नई फ़ौज पंचायती राज व्यवस्था के तहत महिलाओं को आरक्षण देने का ढिंढोरा पिटनेवाले और इसे महिला सशक्तिकरण का नाम देकर अपने चमचे अखबारों के हवाले से अपनी उपलब्धि बतानेवाले नीतीश कुमार ने पुन: पंचायत चुनाव कराकर एक बार फ़िर गांवों को भ्रष्टाचारियों के हाथ में सौंप दिया है। गांवों की स्थिति अत्यंत दयनीय है । महिलाओं को पता भी नही की वे उम्मीदवार हैं। वोटो की खुलेआम खरीद –बिक्री हुई । एक – एक प्रत्याशी ने पांच से दस लाख रुपये खर्च किये । यह एक निवेश था पचास से एक करोड कमाने का । मुखिया की कमाई के ढेर सारे श्रोत हैं। नरेगा सबसे बडा है। २० आदमी की जगह पर ६० आदमी को काम करते दिखाया जाता है , उनको बैंक के द्वारा भुगतान भी होता है । लेकिन उसमे से मात्र ३० प्रतिशत हीं मजदूर को मिलता है बाकी का सत्तर प्रतिशत मुखिया, पंचायत सेवक, परियोजना पदाधिकारी खा जाते हैं। यह सब उच्च अधिकारियों की जानकारी में होता है । नाम न छापने की शर्त पर एक परियोजना पदाधिकारी ने बिहार मीडिया को बताया की पचास हजार रुपया महीना उसे गया के डीडीसी को देन...

अपराधी हैं डाक्टर

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अपराधी हैं डाक्टर डाक्टरों को जेल हो बिहार के डाक्टरों के संगठन बिहार राज्य स्वास्थ्य सेवा संघ ने निजी प्रेक्टिस पर प्रतिबंध लगाने तथा नान – प्रेक्टिस भत्ता की मांग की है । वस्तुत: सरकारी नौकरी में रहकर निजी प्रेक्टिस करने पर रोक की मांग बहुत दिनों से सामाजिक कार्यकर्ता करते आ रहे हैं। सरकारी नौकरी करते हुये निजी व्यवसाय न करने के लिये डाक्टरों को भत्ता चाहिये । नियमत: कोई भी व्यक्ति सरकारी नौकरी करते हुये निजी व्यवसाय नही कर सकता । अगर डाक्टरों को भत्ता मिलता है तो फ़िर आभियंता , क्लर्क , चपरासी , ड्राईवर , सरकारी अधिकारियों को भी मिलना चाहिये , आखिर ये लोग भी तो निजी व्यवसाय नही करते हैं। डाक्टरों की मांग एक तरीके से गुंडागर्दी है । डाक्टरों की संख्या कम है , इनकी जरुरत है , इसलिये ये और इनका संगठन इस तरह की गुंडागर्दी पर उतारु है । डाक्टरों का वेतन भी ज्यादा है । ये अनैतिक कार्यों में भी   संलग्न हैं। एक-एक डाक्टर की फ़ीस १५० स...