कथा - साहित्य
आज होतीं तो हो जाता बलात्कार
कलयुग में इतिहास बदलना होगा.
इस बार रावण नही राम को मरना होगा
हर बार रावणों का साथ लेकर
रावण का वध करते हों
विभिषणों के संग लंका को खाक करते हो.
इस बार रावण नही राम को जलना होगा
सडी -गली परंपरा को बदलना होगा
राम ! रावणों के साथ आते हो
हर बार मुझे हीं जलाते हो ?
एक पुतले को जलाकर
सौ रावण पैदा कर जाते हो
देखा है उनकी कुटिल मुस्कान ?
ये है ईन्सान
तुम्हें भी बेवकुफ बना देते है भगवान
इनसे नही जित पाओगे
तुम्हारा भी ये करते हैं व्यापार
मंदिरों में लगाते है तीन-तीन कतार
सौ, चार सौ और हजार
पैसा दो और पहले कर लो भगवान का दिदार
ऐसी बुरी तो न थी लंका
जैसा बुरा है तुम्हारा संसार
सीता के रखवाले न थे मतवाले
आज होती तो हो जाता बलात्कार
कलयुग में इतिहास बदलना होगा.
इस बार रावण नही राम को मरना होगा
हर बार रावणों का साथ लेकर
रावण का वध करते हों
विभिषणों के संग लंका को खाक करते हो.
इस बार रावण नही राम को जलना होगा
सडी -गली परंपरा को बदलना होगा
राम ! रावणों के साथ आते हो
हर बार मुझे हीं जलाते हो ?
एक पुतले को जलाकर
सौ रावण पैदा कर जाते हो
देखा है उनकी कुटिल मुस्कान ?
ये है ईन्सान
तुम्हें भी बेवकुफ बना देते है भगवान
इनसे नही जित पाओगे
तुम्हारा भी ये करते हैं व्यापार
मंदिरों में लगाते है तीन-तीन कतार
सौ, चार सौ और हजार
पैसा दो और पहले कर लो भगवान का दिदार
ऐसी बुरी तो न थी लंका
जैसा बुरा है तुम्हारा संसार
सीता के रखवाले न थे मतवाले
आज होती तो हो जाता बलात्कार