पटना के डीएम संजय सिंह और आयुक्त के पी रमैया के भ्रष्टाचार की कहानी




पटना के डीएम संजय सिंह और आयुक्त के पी रमैया के भ्रष्टाचार की कहानी सुनने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें

पटना के जिलाधिकारी संजय सिंह नीतीश जी के बहुत करीब हैं । पांव छूकर आशीर्वाद लेते हैं। लोगों का कहना है कि संजय सिंह नीतीश कुमार के रिश्तेदार भी हैं।


पहले संजय सिंह जी गया में पदस्थापित थें। गया में रहते हुये संजय सिंह ने नाम भी कमाया और माल भी । बहुत सारे सामाजिक कार्यकर्ता कहे जानेवाले भी दलाल बन गये थें। जब संजय सिंह गया में डीएम थें उसी समय उनका पटना स्थित निवास का निर्माण हो रहा था।

निर्माण कार्य में लगने वाली छर्री से लेकर बालू तक गया से हीं जाता था। गया से बिना भाडा दिये छर्री तथा बालू संजय सिंह के भवन निर्माण के लिए जाता था। उस समय एक ट्रक का भाडा था तकरीबन दस हजार रुपये और छर्री की कीमत थी साढे सात हजार रुपया प्रति ट्रक यानी छर्री से महंगा था भाडा । संजय सिंह के समय में गया में अवैध पत्थर उत्खनन का कारोबार खुलेआम होता था जिसे नई डीएम बंदना प्रेयसी ने बंद करवाया । ्छर्री भी मुफ़्त में हीं जाता था। संजय सिंह का मकान मुफ़्त की छर्री और बालू से बना है ।

अब बात करता हूं के पी रमैया की । रमैया महादलित आयोग के सचिव थें। महादलित ब्रांड नीतीश का हीं दिया हुआ है , इसलिए रमैया उनके खसम खास रहे हैं। रमैया ने अपने एक विवादास्पद फ़ैसले में गया के एतिहासिक भुसुंडा मेला की अरबो रुपये की जमीन को एक भू- माफ़िया धिरेन्द्र कुमार के पक्ष में, जो जदयू का नेता है दाखिल खारिज करने का आदेश प्रदान कर के करोड रुपया कमा लिया। रमैया के भ्रष्टाचार बारे में बिहार के सभी आला अधिकारी जानते हैं ।

रमैया के यहा चल रहे मुकदमों का दो आदेश तैयार होता था । वादी और प्रतिवादी दोनो के पक्ष का , जिसने पैसे का भुगतान कर दिया उसके पक्ष में फ़ैसला हो जाता था। रमैया का घार आंध्र प्रदेश है। गया में आंध्र प्रदेश से मछली आती है , वापसी के समय मछली वाले ट्रक में सब्जी भरकर , उसके अंदर बोरा में नोट यहां से आंध्र प्रदेश जाता था।

रमैया के साथ हमेशा एक आदमी ्रहता है जिसे सब लोग भैया जी कहते हैं। अगर उस भैया जी से पूछताछ हो तो रमैया का सारा रुपया बाहर आ जायेगा और बिहार के मुख्य मंत्री नीतीश कुमार को आंध्र में रहकर पढनेवाले बिहारी छात्रों के लिये रमैया का घर के रुप में बना बनाया छात्रावास भी मिल जायेगा ।

पटना में भी डीएम संजय सिंह के घर का भी वहां के गरीब बच्चों के लिए स्कूल के रुप में उपयोग किया जा सकता है । यहां हम उस अधिकारी का आडियो जारी कर रहे हैं जिसने मुफ़्त में ट्रक उपलब्ध कराया , हराम की छर्री और बालू को संजय सिंह के घर निर्माण के लिये पहुचाने हेतु । उसी अधिकारी का एक कथन रमैया के बारे में भी है कि कैसे रमैया ने उसे एक मुकदमे में बचाने का आश्वासन दिया था ।




औडियो सुनने के लिये इस लिंक पर क्लिक करें।

Comments

  1. ऐसे ही बताते रहिए और पोल खोलते रहिए इस नीतीश कुमार के सुशासन की और मीडिया के जालसाजी की। अच्छा रहेगा।

    ReplyDelete

Post a Comment

टिपण्णी के लिये धन्यवाद

Popular posts from this blog

आलोकधन्वा की नज़र में मैं रंडी थी: आलोक धन्वा : एक कामलोलुप जनकवि भाग ३

भूमिहार :: पहचान की तलाश में भटकती हुई एक नस्ल ।

आलोक धन्वा : एक कामलोलुप जनकवि – भाग १