अब छोटे अखबारों की भी खबरें चुराने लगा ‘हिन्दुस्तान’ पटना

























अब छोटे अखबारों की भी खबरें चुराने लगा ‘हिन्दुस्तान’ पटना

यह उस अखबार की कहानी है जो बिहार में सबसे ज्यादा सर्कुलेशन और सबसे लोकप्रिय हिन्दी दैनिक होने का दंभ भरता रहा है।


‘हिन्दुस्तान’ ने 20 अगस्त को पटना के होटल मौर्या में अपना 25वां वर्षगांठ मनाया और इस वर्षगांठ और आयोजन के बारे में दूसरे दिन यानी 21 अगस्त को अपने सभी संस्करणों में इस आयोजन के बारे में काफी बढ़ा-चढ़ाकर खबरें और तस्वीरे छापी। 21 अगस्त के अंक में कई एस्क्यूलुसिव खबरें भी छापी गई। एस्क्यूलुलिव खबरें छापना भी लाचारी थी क्योंकि वर्षगांठ समारोह में शिरकत करने पटना आए हिन्दुस्तान के प्रधान संपादक शशि शेखर, एचएमवीएल के सीओ अमित चोपड़ा व निदेशक विनॉय राय चौधरी रविवार को भी पटना ही में थे और उन्हें अखबार दिखानी जो थी।




ण्ेसी ही एस्क्यूलुसिव खबरोंमें एक खबर रविवार 21 अगस्त के पटना संस्करण में पृष्ठ संख्या-6 पर बॉटम में लगी है। ‘फेसबुक पर फर्जीवाड़ा, एसपी को ही चुनौती’ शीर्षक वाली चार कॉलम के इस खबर में पटना के सिटी एसपी शिवदीप लांडे व राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद और पूर्व मुख्य मंत्री राबड़ी देवी के फेस बुक पर फर्जी एकाउंट होने की खबर है।




हिन्दुस्तान के वरीय क्राइम रिपोर्टर नीतीश कुमार सोनी की बाईलाइन छपी इस खबर को पढ़कर हिन्दुस्तान के प्रधान संपादक शशि शेखर, एचएमवीएल के सीओ अमित चोपड़ा, निदेशक विनॉय राय चौधरी व स्थानीय संपादक अकु श्रीवास्तव भले ही खुश हों पर उन्हें तब शर्म आएगी जब उन्हें यह जानकारी मिलेगी यह खबर पटना से प्रकाशित दो छोटे अखबारों से चुरायी गई है।




पटना से प्रकाशित दैनिक ‘सन्मार्ग’ और ‘प्रत्युष नवबिहार’ में यह खबर इस अखबार के क्राइम रिपोर्टर अपूर्व वर्मा के नाम से बीते 11 अगस्त को ही प्रमुखता से छपी थी जबकि 13 अगस्त को ‘सन्मार्ग’ के विशेष संवाददाता विनायक विजेता की ‘फेसबुक पर नकली एकाउंट से बिफरे लालू’ शीर्षक से खबर छपी थी। अपने को सबसे लोकप्रिय बताने वाले हिन्दुस्तान ने अपनी 25 वीं वर्षगांठ के अवसर पर उन्हीं दो अखबार में प्रकाशित खबर की चोरी करते हुए रविवार को खबरों को रीमिक्स बना डाला।




अगर कोई छोटा अखबार किसी बड़े अखबार का नकल करता है तो वह क्षम्य माना जाता है पर खुद को बड़ा बताने वाला अखबार जब छोटै अखबार से ही खबरों की चोरी करने लगे तो पत्रकारिता जगत में यह शर्मसार कर देने वाली ही बात है। अखबारों के दफ़्तर में सभी सभी अखबार आते हैं , कारण होता है यह देखना कि कौन सा अखबार क्या समाचार लाया है। यह चोरी किया हुआ समचार अक्कू श्रीवास्तव की नजरो से भी जरुर गुजरा होगा। जय हो अक्कू श्रीवास्तव की , जय हो हिन्दुस्तान और इसके प्रबंधन की।

तस्वीर- 11 अगस्त को प्रत्युष नवबिहार और सन्मार्ग में छपी खबर व 21 अगस्त को हिन्दुस्तान में छपी खबर

पटना से एक सजग पत्रकार की भेजी गई रपट पर आधारित

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