उतर भारत वालों की पिटाई के खिलाफ़ अनशन क्यों नही किया था अन्ना भैया ?



अन्ना हजारे जी के पिछे सबसे ज्यादा भीड उतर भारतीय युवा युवतियों की है । महाराष्ट्र जहां के निवासी है अन्ना , वह शांत है । महाराष्ट्र अन्ना जी की कर्मभूमि और उतर भारतीय लडकों की पिटाई भूमि रही है । दौडा-दौडा कर मुंबई में परीक्षा देने गये लडकों को पिटा गया था। अन्ना जी भी महाराश्ट्र में हीं थें विदेश यात्रा पर नही थें। एक बार भी आलोचना नही की ।


क्या गांधी भी ऐसा हीं करते ?

जी नहीं

गांधी ने इस बात की कभी परवाह हीं नही की कि लोगों को क्या अच्छा लगता है , उन्होने वह किया जो सही था। दंगे की आग में झुलस रहे कलकता में अनशन पर बैठ गये थें गांधी । चौरी-चौरा में हिंसा हुई तो आंदोलन तक वापस ले लिया ।


अन्ना जी क्या आपका फ़र्ज नही था कि मुंबई में जब उतर भारतीयों को पिटा जा रहा था तब तत्काल अनशन करने का।


हालात कितने बिगड गये थें कि उतर भारत के लोग अपना- अपना घर छोड कर भाग आये थें , कहां थे आप अन्ना जी ? क्यों नही असली बापू की तरह अनशन पर बैठें ?


क्या इसलिये कि आपके सलाहकारों ने आपको राय नही दी थी ?



अब आप जनलोकपाल केर नाम पर दिल्ली में आकर उतर भारतीय लडकों को चरका पढा रहे हैं ।

जो सत्य की लडाई लडते हैं , वे हर गलत काम का विरोध करते हैं।

कडवी लगी मेरी बात ? लगनी भी चाहिये ।

लेकिन मेरी भी मजबूरी है , पाखंड बर्दाश्त नही होता , चाहे आपका अनशन वाला पाखंड हो या मनमोहन सिंह का जनता को बरगलानेवाला पाखंड ।

मेरी नजर में आप दोनो चोर चोर मौसेरे भाई है ।

हां मैं कपिल सिब्बल नहीं हूं , जो आपका वह जोकर अरविंद केजरिवाल रायसुमारी करता चलेगा और बैठकर देखुंगा ।

एक ्लेखक थें आपने नाम नही सुना होगा , क्योंकि गांधी भी उनको नही जानते थें , जब वह गांधी से मिलने कांग्रेस के कलकता अधिवेशन में गये थें , जबकि गांधी हिंदी के प्रचारवाली एक संस्था के अध्यक्ष थें। उस लेखक महोदय ने जब अपने नाम की पूर्जी गांधी के पास भिजवाई थी तो गांधी ने पुछवाया था , कौन सुर्यकांत त्रिपाठी निराला ।

निराला जी ने पुछनेवाले को जवाब दिया था जो निराला को नही जानता वह हिंदी की संस्था का अध्यक्ष कैसे हो सकता है । और बिना मिले निराला लौट गये ।

कुछ उसी तरह का तेवर है मेरा । अगर आपका वह दोनो चमचा मनीष और केजरिवाल गलती से भी मेरे घर पे रायशुमारी के आ जाये तो पटक पटक कर दोनो को इतना पिटुंगा कि भूल जायेगा सारा ड्रामा ।


आपको बैठा अनशन पर मरने के लिये और खुद मस्त होकर सौदा कर रहा है सरकार के साथ । अन्ना जी टूजी घोटाले में अनिल और टाटा जानेवाले थें जहां आप गये थें, उन्ही को बचाने के लिये आपको बकरा बना दिया दोनो शातिर दिमाग दलालो नें।

खैर कुछ खा लिजिये फ़िर बातें करेंगें ।
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