शराब सिंडीकेट की वर्चस्वता में अभी और लाशें गिरने की आशंका
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शराब सिंडीकेट की वर्चस्वता
में अभी और लाशें गिरने की आशंका
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प्रेम सिंह मामले में कहीं
अपराधी से पुलिस का स्पाई बना दबंग तो नहीं शामिल
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लोहानीपुर का चर्चित अपराधी
रहा है यह स्पाई सह साकेत गुप्ता का रिश्तेदार
विनायक विजेता ( पटना के वरीय पत्रकार )
शराब व्यवसाय में अचानक बढ़ी प्रतिस्पर्धा और शराब माफिया सिंडीकेट के बीच शुरु हुई खुनी वर्चस्वता की जंग ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि साकेत और प्रेम के बाद अब किसकी बारी है। साकेत गुपता हत्याकांड में आरोपित प्रेम सिंह नामक एक बड़े शराब व्यवसायी की लाश कुम्हरार गुमटी के पास रेल ट्रैक पर मिलने से मामले की गुत्थी और उलझती नजर आ रही है। हालांकि अबतक यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि प्रेम सिंह की हत्या की गई या यह कोई दुर्घटना है पर पुलिस के अधिकारी भी दबी जुबान से इसे हत्या ही समझ रहें हैं। घटना के बाद घटनास्थल पर आए एफएसएल के विशेषज्ञों ने भी हत्या कहीं कर लाश को रेलवे ट्रैक पर फेक दिए जाने की आशंका प्रकट की पर सच्चाई क्या है यह पोसटमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा। हालांकि मृतक के परिजन सिटी डीएसपी सुशील कुमार पर साजिश के तहत प्रेम की हत्या का आरोप लगा रहे हैं पर यह बात गले नहीं उतर रही। अगर पुलिस प्रेम को अपराधी मानकर उसकी हत्या भी कराती तो लाश को साक्ष्य के लिए नहीं छोड़ती। पूर्व में पटना पुलिस अपराधियों को “ गंगा लाभ” कराने के लिए बदनाम जरुर रही है पर कुख्यात सुल्तान मिंया सहित दर्जनों अबतक लापता अपराधी इस बात के सबूत हैं कि कहीं पुलिस का नाम उनके गायब होने के कारणों में प्रमाणित नहीं हो सका। जिस अगमकुआं थाना क्षेत्र में साकेत गुप्ता की हत्या हुई उसी घटनास्थल से कुछ ही दूरी और उसी थाना क्षेत्र जो भले ही रेलवे थाना क्षेत्र में आता हो में प्रेम की लाश मिलना इस ओर इंगित करता है कि कहीं न कहीं यह बदले की कार्रवाई हो। और अगर प्रेम की हत्या हुई है तो उसके हत्यारों ने साकेत के हत्यारों और उसकी हत्या के साजिशकर्ताओं को प्रेम के माध्यम से यह चेतावनी देने की कोशिश की है कि ‘हम किसी से कम नहीं।’ बहरहाल प्रेम की लाश मिलने और उसकी हत्या की आशंका की चर्चा के बाद शक की सुई लोहानीपुर के काफ़ी चर्चित रह चुके ऐसे दबंग अपराधी की ओर भी मुड़ रही है जो पुलिस का खास स्पाई तो माना ही जाता है 7 मई को मारे गए साकेत गुप्ता का नजदीकी रिश्तेदार भी है । इस दबंग को साकेत की हत्या के दिन भी घटनास्थल पर देखा गया था और साकेत की हत्या से काफी क्रोधित भी था। बहरहाल तीन दिनों में दो हत्याएं तो पुलिस के लिए चुनौती बन ही गई हैं इस आशंका को भी खारिज नहीं किया जा सकता कि इस मामले में राजधानी में अभी और लाशें गिर सकती हैं।
शराब व्यवसाय में अचानक बढ़ी प्रतिस्पर्धा और शराब माफिया सिंडीकेट के बीच शुरु हुई खुनी वर्चस्वता की जंग ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि साकेत और प्रेम के बाद अब किसकी बारी है। साकेत गुपता हत्याकांड में आरोपित प्रेम सिंह नामक एक बड़े शराब व्यवसायी की लाश कुम्हरार गुमटी के पास रेल ट्रैक पर मिलने से मामले की गुत्थी और उलझती नजर आ रही है। हालांकि अबतक यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि प्रेम सिंह की हत्या की गई या यह कोई दुर्घटना है पर पुलिस के अधिकारी भी दबी जुबान से इसे हत्या ही समझ रहें हैं। घटना के बाद घटनास्थल पर आए एफएसएल के विशेषज्ञों ने भी हत्या कहीं कर लाश को रेलवे ट्रैक पर फेक दिए जाने की आशंका प्रकट की पर सच्चाई क्या है यह पोसटमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा। हालांकि मृतक के परिजन सिटी डीएसपी सुशील कुमार पर साजिश के तहत प्रेम की हत्या का आरोप लगा रहे हैं पर यह बात गले नहीं उतर रही। अगर पुलिस प्रेम को अपराधी मानकर उसकी हत्या भी कराती तो लाश को साक्ष्य के लिए नहीं छोड़ती। पूर्व में पटना पुलिस अपराधियों को “ गंगा लाभ” कराने के लिए बदनाम जरुर रही है पर कुख्यात सुल्तान मिंया सहित दर्जनों अबतक लापता अपराधी इस बात के सबूत हैं कि कहीं पुलिस का नाम उनके गायब होने के कारणों में प्रमाणित नहीं हो सका। जिस अगमकुआं थाना क्षेत्र में साकेत गुप्ता की हत्या हुई उसी घटनास्थल से कुछ ही दूरी और उसी थाना क्षेत्र जो भले ही रेलवे थाना क्षेत्र में आता हो में प्रेम की लाश मिलना इस ओर इंगित करता है कि कहीं न कहीं यह बदले की कार्रवाई हो। और अगर प्रेम की हत्या हुई है तो उसके हत्यारों ने साकेत के हत्यारों और उसकी हत्या के साजिशकर्ताओं को प्रेम के माध्यम से यह चेतावनी देने की कोशिश की है कि ‘हम किसी से कम नहीं।’ बहरहाल प्रेम की लाश मिलने और उसकी हत्या की आशंका की चर्चा के बाद शक की सुई लोहानीपुर के काफ़ी चर्चित रह चुके ऐसे दबंग अपराधी की ओर भी मुड़ रही है जो पुलिस का खास स्पाई तो माना ही जाता है 7 मई को मारे गए साकेत गुप्ता का नजदीकी रिश्तेदार भी है । इस दबंग को साकेत की हत्या के दिन भी घटनास्थल पर देखा गया था और साकेत की हत्या से काफी क्रोधित भी था। बहरहाल तीन दिनों में दो हत्याएं तो पुलिस के लिए चुनौती बन ही गई हैं इस आशंका को भी खारिज नहीं किया जा सकता कि इस मामले में राजधानी में अभी और लाशें गिर सकती हैं।
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