कब सुधरेगा ‘हिन्दुस्तान’
कब सुधरेगा ‘हिन्दुस्तान’
बिहार में खुद को सर्वाधिक लोकप्रिय और सबसे ज्यादा प्रसार संख्या बताने वाला पटना से प्रकाशित हिन्दुस्तान झूठी दावे और वादे कर पाठको को वेवकूफ बनाने में लगा है इस अखबार में प्रकाशित समाचारों की विश्वसनीयता किस कदर गिर रही है इसका एक उदाहरण सामने है कि कम रुपये पर कर्मचारी नियुक्त कर उससे काम कराने वाले की साख कैसे गिरती है। ताजा उदाहरण 4 अप्रैल को प्रकाशित मगध (जहानाबाद) है। इस संस्करण के पृष्ठ संख्या 5 पर अरवल में स्थित एक विद्यालय के वार्षिकोत्सव से संबंधित एक खबर और इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश करती स्कूली छात्राओं की तस्वीर छपी है पर तस्वीर के नीचे जो कैपसन छपा है वह खुद को लोकप्रिय और विश्वसनीय बताने वाले अखबार की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर रहा है। सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश कर रही स्कूली छात्रााओं की तस्वीर के नीचे कैपसन लिखा है ‘बुधवार को परीक्षा के अंतिम दिन एसएन कॉलेज स्थित परीक्षा केन्द्र का नजारा कुद यूं दिखा। परीक्षा संपन्न होने के बाद कुछ यों हो रही रिजल्ट की चर्चा।’ यहां यह बताते चलें कि स्कूल के कार्यक्रम में अरवल जिले के प्रभारी मंत्री जनार्दन सिंह सिग्रीवाल भी शामिल हुए थे अब मंत्री जी की नजर में हिन्दुस्तान की विश्वसनीयता क्या रहेगी।
गया से एक सुधी पत्रकार की रिपोर्ट
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